अवध ओझा और अखिलेश यादव की वायरल फोटो ने यूपी की राजनीति में हलचल मचा दी है। 2027 विधानसभा चुनाव में अवध ओझा की सपा में संभावित एंट्री की अटकलें तेज। पढ़ें पूरी खबर।
संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव भले ही अभी कुछ साल दूर हों, लेकिन राजनीतिक हलचलें अभी से शुरू हो गई हैं। तमाम पार्टियां अपने-अपने स्तर पर समीकरण साधने और भविष्य की रणनीतियों की पटकथा लिखने में जुट गई हैं। इस बीच एक तस्वीर ने सूबे की राजनीति में नया तूफान खड़ा कर दिया है।
दरअसल, सोशल मीडिया पर इन दिनों एक फोटो जमकर वायरल हो रही है, जिसमें आम आदमी पार्टी के नेता और चर्चित शिक्षक अवध ओझा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ नजर आ रहे हैं। भले ही इस फोटो की तारीख की पुष्टि नहीं हो सकी है, लेकिन इसके राजनीतिक निहितार्थों को लेकर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।
पंचायत चुनाव बनेंगे राजनीतिक नब्ज का आधार
ध्यान देने योग्य है कि आगामी पंचायत चुनावों को सभी राजनीतिक दल विधानसभा की तैयारी का सेमीफाइनल मान रहे हैं। ऐसे में क्षेत्रीय नेताओं और संभावित उम्मीदवारों की रणनीतियां भी इसी के इर्द-गिर्द बुनी जा रही हैं। यही कारण है कि अवध ओझा और अखिलेश यादव की मुलाकात को केवल एक औपचारिक भेंट नहीं माना जा रहा।
क्या समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे अवध ओझा?
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह बैठक केवल शिष्टाचार भेंट नहीं थी। जानकारों का मानना है कि अवध ओझा बहुत जल्द सपा का दामन थाम सकते हैं। इतना ही नहीं, चर्चा यह भी है कि वह प्रयागराज या गोंडा जिले की किसी सीट से 2027 का विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी शैक्षिक पहचान को राजनीतिक रंग देने वाले अवध ओझा का नाम अब यूपी की सियासी गलियारों में गूंजने लगा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि वह सपा में शामिल होते हैं, तो इससे अखिलेश यादव को युवाओं और शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी बड़ी आबादी का समर्थन मिल सकता है।
अवध ओझा पहले ही कर चुके हैं अखिलेश को लेकर भविष्यवाणी
दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार नहीं है जब अवध ओझा और अखिलेश यादव का नाम एक साथ जुड़ रहा है। कुछ समय पूर्व अवध ओझा ने एक सार्वजनिक बयान में यह भविष्यवाणी की थी कि “2027 में अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे।” उनकी यह टिप्पणी उस समय भी खासा चर्चा में रही थी।
अब जब दोनों की तस्वीर सामने आई है, तो उनके इस पूर्व कथन को और भी गंभीरता से लिया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर तस्वीर बनी बहस का विषय
जैसे ही यह तस्वीर सामने आई, सोशल मीडिया पर राजनीतिक बहस शुरू हो गई। कोई इसे नए सियासी गठजोड़ की शुरुआत बता रहा है, तो कोई अवध ओझा की संभावित राजनीतिक पारी को लेकर उत्सुकता जता रहा है। कुछ लोग तो यह तक कह रहे हैं कि यह तस्वीर 2027 की चुनावी रणनीति का एक अहम संकेत हो सकती है।
क्या यह तस्वीर यूपी की सियासत में बदलाव की आहट है?
साफ है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में तस्वीरों के मायने बड़े होते हैं। और जब वो तस्वीरें ऐसे दो लोगों की हों जो अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभावशाली माने जाते हैं, तो उनके इशारे दूर तक जाते हैं।
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अवध ओझा की संभावित एंट्री से सपा को न केवल बौद्धिक बल्कि युवा वर्ग में भी मजबूती मिल सकती है।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह महज एक तस्वीर भर थी या फिर 2027 की राजनीति का ट्रेलर।