गोंडा जिले के पंडरी कृपाल ब्लॉक की दरियापुर हरदोपट्टी ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 6.80 लाख रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ है। डीएम नेहा शर्मा के निर्देश पर 17 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
गोंडा। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत गोंडा जिले के पंडरी कृपाल विकासखंड की ग्राम पंचायत दरियापुर हरदोपट्टी में एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। प्रशासनिक जांच में सामने आया कि वर्ष 2018-19 से 2021-22 के बीच अपात्र लाभार्थियों को कुल ₹6,80,000 की सरकारी सहायता राशि जारी कर दी गई थी। इस मामले में डीएम नेहा शर्मा के स्पष्ट निर्देश पर 17 लोगों के विरुद्ध थाना इटियाथोक में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
मिलीभगत से चला फर्जीवाड़ा
जिला विकास अधिकारी कार्यालय तथा खंड विकास अधिकारी, पंडरी कृपाल के पत्रों के आधार पर यह मामला प्रकाश में आया। ग्राम पंचायत अधिकारी सरिता शुक्ला द्वारा दी गई तहरीर के अनुसार, कुछ लाभार्थियों ने पहली किस्त प्राप्त करने के बाद भी आवास निर्माण कार्य आरंभ नहीं किया, जबकि एक लाभार्थी ने संपूर्ण राशि लेकर भी मकान नहीं बनाया।
इस फर्जीवाड़े में तत्कालीन ग्राम प्रधान उषा देवी और ग्राम पंचायत अधिकारी अजीत गुप्ता की मिलीभगत की पुष्टि भी जांच में हुई है। यही नहीं, योजना के तहत जिन 15 लोगों को धनराशि मिली, वे सभी पात्रता की शर्तें पूरी नहीं करते थे।
डीएम की सख्ती से खुला मामला
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने इस घोटाले को गंभीर वित्तीय गड़बड़ी मानते हुए न केवल एफआईआर के निर्देश दिए बल्कि शासकीय धन की वसूली और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू करवाई। पुलिस अब इस मामले की विधिवत जांच कर रही है।
एफआईआर जिनके विरुद्ध दर्ज हुई:
1. श्यामपता पत्नी रामचरन
2. लक्ष्मी देवी पत्नी केशवराम
3. अनीता पत्नी सुनील कुमार
4. ममता देवी पत्नी विनोद कुमार
5. सुरेश कुमार पुत्र महादेव
6. शानपती पत्नी श्रीनिवास
7. गुलशन बानो पत्नी मो. रिजवान
8. सरोजनी देवी पत्नी रामपाल
9. जगदम्बा प्रसाद पुत्र ओमप्रकाश
10. रमेश कुमार पुत्र महादेव प्रसाद
11. सुमन पत्नी भगौती प्रसाद
12. पवन कुमार पुत्र माधव
13. रामसरन पुत्र गोविन्द प्रसाद
14. राजकुमारी पत्नी राजकिशोर
15. विद्याधर पुत्र अमरिका प्रसाद
16. उषा देवी (तत्कालीन ग्राम प्रधान)
17. अजीत गुप्ता (तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी)
सुशासन की ओर एक सख्त कदम
इस कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गोंडा प्रशासन भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति अपना रहा है। डीएम नेहा शर्मा की पहल को जनहित योजनाओं की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है।
साथ ही, प्रशासन ने यह भी संकेत दिया है कि ऐसी अन्य योजनाओं की पुनः समीक्षा की जाएगी और यदि किसी अन्य मामले में भी अनियमितता सामने आती है, तो उसी तरह कठोर कार्रवाई की जाएगी।
गोंडा जिले में हुए इस खुलासे ने ग्रामीण विकास योजनाओं में चल रहे फर्जीवाड़ों पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। परंतु प्रशासन की सक्रियता और कठोर रुख से यह उम्मीद भी जगी है कि अब योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचेगा और भ्रष्टाचारियों की जगह जेल में होगी।