ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
मुजफ्फरनगर में चंद्रशेखर का आक्रामक तेवर
उत्तर प्रदेश के कौशांबी हिंसा मामले में सियासत लगातार उफान पर है। इसी कड़ी में आजाद समाज पार्टी के सांसद चंद्रशेखर ने सोमवार को मुजफ्फरनगर के शुक्रतीर्थ पहुंचकर प्रदेश सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने पूजा-अर्चना के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि कौशांबी की घटना कोई सामान्य हिंसा नहीं, बल्कि सरकार प्रायोजित थी। उन्होंने एलान किया कि इस मुद्दे पर लखनऊ में घेराव किया जाएगा।
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पत्रकार से सवाल पर भड़के चंद्रशेखर, दी एफआईआर की धमकी
एक पत्रकार द्वारा नुकसान की भरपाई से जुड़े सवाल पर सांसद चंद्रशेखर गुस्से में आ गए। जब पत्रकार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि हिंसा में जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई आपके खाते से की जाएगी, तो चंद्रशेखर ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मेरे खाते से! मेरा नाम लिया मुख्यमंत्री ने? सोच-समझकर बोलो पत्रकार साथी। हवा में मत बोला करो आप लोग।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर मेरा नाम लिया है तो सबूत दो, वरना तुम्हारे खिलाफ एफआईआर कर दूंगा।”
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“मेरे लोगों के लिए खून का कतरा-कतरा भी हाजिर है”
चंद्रशेखर ने कहा कि उनके खिलाफ पहले भी षड्यंत्र रचे गए हैं—हाथरस कांड में फंडिंग का आरोप, नक्सली बताया जाना और सहारनपुर जेल में बिताए 16 महीने। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर नुकसान की भरपाई करनी पड़ी, तो वह इसके लिए तैयार हैं। “मेरे लोगों के लिए मेरा खून का कतरा-कतरा भी हाजिर है,” उन्होंने कहा।
प्रदेश सरकार पर सबसे तीखा हमला
भीम आर्मी के संस्थापक और नगीना से सांसद चंद्रशेखर ने कौशांबी हिंसा को योजनाबद्ध बताया और कहा कि यह सब जनता का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने के लिए किया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनके कार्यकर्ताओं पर दमन जारी रहा, तो लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा।
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सीबीआई जांच की मांग और विपक्ष की आवाज़ दबाने का आरोप
चंद्रशेखर ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की और कहा कि घटना में निर्दोष लोगों को निशाना बनाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें वहां जाने से रोका गया ताकि सच उजागर न हो सके। “सरकार खुद हिंसा करा रही है और विपक्ष की आवाज़ दबाने में जुटी है। अब आर-पार की लड़ाई होगी,” उन्होंने कहा।
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पुलिस छावनी में बदला शुक्रतीर्थ
सांसद के आगमन को देखते हुए शुक्रतीर्थ, मोरना, भोकरहेड़ी और शुक्रताल क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। तमाम सुरक्षा व्यवस्था और बैरिकेडिंग के बावजूद हजारों अनुयायी रविदास समनदास आश्रम में इकट्ठा हुए। चंद्रशेखर ने गुरु वंदना के बाद जनसमूह को संबोधित किया और अपने विचार रखे।
संतों और श्रद्धालुओं ने जताई नाराजगी
11 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम में संतों और श्रद्धालुओं के साथ हुए व्यवहार पर भी चंद्रशेखर ने तीखा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि भक्तों को उनके गुरु की बंदगी से रोकना समाज और आस्था का घोर अपमान है।
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10 अगस्त को सत्संग और आंदोलन की रणनीति
संतों के प्रतिनिधिमंडल ने आश्रम प्रबंधक महात्मा गोवर्धनदास से मुलाकात कर नाराजगी जताई। संतों ने कहा कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में समाज के अपमान को सहन नहीं किया जाएगा। महात्मा गोवर्धनदास ने एलान किया कि 10 अगस्त को सतगुरु समनदास की पुण्यतिथि पर विशाल सत्संग और 11 अगस्त को भंडारे का आयोजन होगा, जहां आंदोलन की रणनीति भी तय की जाएगी।
इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने सरकार विरोधी नारे लगाए और कहा कि अब गुरु और समाज के सम्मान पर हमला सहन नहीं किया जाएगा।