मेटा और उत्तर प्रदेश पुलिस की सतर्कता से देवरिया के 20 वर्षीय युवक की जान बची। इंस्टाग्राम पर आत्महत्या की चेतावनी के बाद 12 मिनट में पुलिस ने किया रेस्क्यू। जानें कैसे हरकत में आई मेटा और यूपी पुलिस की स्पेशल टीम।
अर्जुन वर्मा की रिपोर्ट
लखनऊ/देवरिया। मेटा कंपनी की तकनीकी सतर्कता और उत्तर प्रदेश पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने समय रहते एक 20 वर्षीय छात्र की जान बचा ली। यह घटनाक्रम एक उदाहरण है कि कैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म और सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल आत्महत्या जैसी गंभीर घटनाओं को टाल सकता है।
इंस्टाग्राम पोस्ट से मचा हड़कंप
घटना 12 जून को दोपहर लगभग 3:44 बजे की है। देवरिया जिले के भलुअनी थाना क्षेत्र के एक छात्र ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उसने लिखा— “भाई लोग माफ करना, आज मैं मरने जा रहा हूं।” इस पोस्ट को मेटा की मॉनिटरिंग टीम ने गंभीरता से लिया और तुरंत उत्तर प्रदेश पुलिस के सोशल मीडिया सेल को ईमेल के जरिये अलर्ट भेजा।
डीजीपी का त्वरित संज्ञान, पुलिस की रेस्पॉन्स टाइम महज 12 मिनट
जैसे ही यह अलर्ट लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय को प्राप्त हुआ, डीजीपी राजीव कृष्ण ने फौरन संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। सोशल मीडिया सेल ने युवक का मोबाइल नंबर ट्रेस किया और उसकी सटीक लोकेशन प्राप्त कर देवरिया पुलिस को तत्काल सूचित किया। सूचना मिलते ही भलुअनी थाने की टीम हरकत में आई और महज 12 मिनट के भीतर छात्र के घर पहुंच गई।
कमरे में लटका मिला युवक, पुलिस ने तोड़ा फांसी का फंदा
पुलिस जब घर पहुंची, तो युवक के परिजनों ने बताया कि वह अपने कमरे में है। दरवाजा खोलने पर देखा गया कि युवक ने गमछे से फांसी लगाने की कोशिश की थी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए फंदा काटा और उसे तुरंत बचा लिया। उस वक्त छात्र घबराया हुआ और पसीने से भीगा हुआ था।
अवसाद का कारण—परिवार पर कर्ज का दबाव
पूछताछ में युवक ने बताया कि वह बीए द्वितीय वर्ष का छात्र है। हाल ही में उसके माता-पिता को बैंक लोन न चुका पाने के कारण नोटिस मिला था। इसी विषय को लेकर घर में कहासुनी हुई, जिससे वह मानसिक तनाव में चला गया।
काउंसलिंग के बाद मिला जीवन का नया नजरिया
स्थानीय पुलिस ने युवक को प्राथमिक चिकित्सा दिलाई और परिजनों की मदद से उसकी मानसिक स्थिति को संतुलित किया। काउंसलिंग के बाद उसने भविष्य में ऐसा कदम न उठाने का आश्वासन दिया।
मेटा और यूपी पुलिस का 2022 से सक्रिय सहयोग
उल्लेखनीय है कि मेटा और उत्तर प्रदेश पुलिस के बीच वर्ष 2022 से विशेष सहयोग प्रणाली सक्रिय है। इसके तहत फेसबुक या इंस्टाग्राम पर यदि कोई आत्महत्या से संबंधित पोस्ट साझा करता है, तो यूपी पुलिस को तुरंत अलर्ट भेजा जाता है।
986 जिंदगियों को नया जीवन
इस व्यवस्था की सफलता इसी से आंकलित की जा सकती है कि 1 जनवरी 2023 से 31 मई 2025 तक यूपी पुलिस और मेटा के संयुक्त प्रयासों से 986 लोगों की जान बचाई जा चुकी है।
यह घटना न केवल तकनीक और सतर्कता के संयोग की मिसाल है, बल्कि इस बात का प्रमाण भी है कि सोशल मीडिया निगरानी यदि जिम्मेदारी से की जाए, तो कई अनमोल जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। मेटा और यूपी पुलिस की यह साझेदारी पूरे देश के लिए एक मॉडल के रूप में देखी जा रही है।