Monday, July 21, 2025
spot_img

उत्तर प्रदेश की शान: पद्म पुरस्कार 2025 में 5 विभूतियों ने रच दिया इतिहास

उत्तर प्रदेश की पांच विभूतियों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पद्म सम्मान से नवाजा गया। इनमें साध्वी ऋतंभरा को पद्म भूषण, जबकि चार अन्य को पद्म श्री मिला। जानिए सभी सम्मानित व्यक्तित्वों के बारे में विस्तार से।

अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

नई दिल्ली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश एक बार फिर गौरवान्वित हुआ है। राज्य की कुल पांच विभूतियों को देश के प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों से नवाजा गया है। इनमें एक को पद्म भूषण और चार को पद्म श्री सम्मान मिला है। यह सम्मान उन्हें उनके-अपने क्षेत्रों में अहम योगदान के लिए दिया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में इन विभूतियों को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इन सभी को बधाई दी और सोशल मीडिया पर उनके सम्मान समारोह का वीडियो साझा करते हुए लिखा, “आपके अमूल्य योगदान से संपूर्ण राष्ट्र सदैव प्रेरणा प्राप्त करता रहेगा।” उन्होंने सभी विभूतियों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें समाज का पथप्रदर्शक बताया।

इसे भी पढें  "गोदहा नाले की जर्जर पुलिया: जान जोखिम में, प्रशासन बेपरवाह"

साध्वी ऋतंभरा – पद्म भूषण (सामाजिक कार्य)

परम शक्तिपीठ और वात्सल्यग्राम की संस्थापक साध्वी ऋतंभरा को सामाजिक कार्यों के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। वे एक आध्यात्मिक गुरू, प्रेरणादायी वक्ता और समाजसेवी हैं। उनका जीवन वंचित बच्चों और महिलाओं के उत्थान को समर्पित है। वे समतामूलक समाज के निर्माण की दिशा में निरंतर कार्यरत हैं और समाज में सकारात्मक परिवर्तन की प्रेरणा बन चुकी हैं।

नारायण उर्फ ‘भुलाई भाई’ – पद्म श्री (मरणोपरांत, लोक कार्य)

भुलाई भाई, जिन्हें मरणोपरांत पद्म श्री से सम्मानित किया गया, ने अनुसूचित जाति के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध रहे। उनके बेटे ने यह सम्मान ग्रहण किया। उनका जीवन समर्पण और जनसेवा का उदाहरण है।

प्रो. सैय्यद ऐनुल हसन – पद्म श्री (शिक्षा और साहित्य)

पूर्व जेएनयू प्रोफेसर और वर्तमान में मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद के कुलपति प्रो. सैय्यद ऐनुल हसन को शिक्षा व साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्म श्री मिला। उन्होंने भारत-अफगान रिश्तों को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाई और 32 वर्षों से ज्यादा का शिक्षण अनुभव रखते हैं।

इसे भी पढें  नेता बन पछताई "कंगना" : बोलीं, ‘50-60 हज़ार ही बचते हैं हाथ में’, राजनीति को बताया सबसे महंगा शौक

प्रो. सोनिया नित्यानंद – पद्म श्री (चिकित्सा)

स्टेम सेल ट्रांसप्लांट और हेमेटोलॉजिकल बीमारियों पर अद्वितीय शोध कार्य करने वाली प्रो. सोनिया नित्यानंद को मेडिकल क्षेत्र में योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया। उनका काम चिकित्सा के क्षेत्र में नई दिशा देने वाला है।

प्रो. आशुतोष शर्मा – पद्म श्री (विज्ञान और तकनीक)

आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर आशुतोष शर्मा विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में लगातार शोध और नवाचार कर रहे हैं। वे नैनोविज्ञान, पर्यावरण विज्ञान और इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ हैं। उनके योगदान ने न केवल भारत, बल्कि वैश्विक स्तर पर उत्तर प्रदेश का मान बढ़ाया है।

इन विभूतियों का योगदान समाज के विभिन्न क्षेत्रों में एक प्रेरणास्त्रोत है। पद्म सम्मान केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति सेवा भावना का प्रतीक है। उत्तर प्रदेश की यह उपलब्धि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
22,400SubscribersSubscribe

ममता और मासूमियत का ऐसा दुखद अंत… रात एक ही साथ सोए और सुबह साथ उठी दो अर्थियाँ

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में बरसात की रात दर्दनाक हादसा—शुक्ल छपरा गांव में एक ही खाट पर सो रहे दादी-पोते की सांप के...

राजपूत क्षत्रिय समाज में केंद्रीय युवा मंडल का गठन, बिलासपुर के प्रांशु क्षत्रिय को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी

राजपूत क्षत्रिय महासभा छत्तीसगढ़ द्वारा रायपुर में केंद्रीय युवा मंडल का गठन किया गया। बिलासपुर के प्रांशु क्षत्रिय को केंद्रीय युवा उपाध्यक्ष नियुक्त किया...
- Advertisement -spot_img
spot_img

“दंगा कराने के लिए परेशान है समाजवादी पार्टी, अखिलेश यादव का बिगड़ रहा मानसिक संतुलन” — ओमप्रकाश राजभर का बड़ा हमला

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी पर प्रदेश में दंगा कराने की साजिश का आरोप लगाया। अखिलेश यादव पर मानसिक...

नाम की राजनीति पर भड़की जनता—हरदोई को चाहिए सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य… संस्कार नहीं

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले का नाम बदलकर "प्रह्लाद नगरी" करने के प्रस्ताव ने राजनीतिक और सामाजिक बहस को जन्म दे दिया है। जानिए...