Monday, July 21, 2025
spot_img

पनघट सूखे, रिवाज बचे नहीं – बुंदेलखंड में जल ही नहीं, पहचान भी खत्म

बुंदेलखंड में कभी जीवनदायिनी और सांस्कृतिक केंद्र रहे पनघट अब वीरान हो चुके हैं। हजारों कुएं सूख गए हैं, जिससे सदियों पुरानी परंपराएं खत्म हो रही हैं। पढ़ें हमीरपुर और आसपास के इलाकों की जमीनी हकीकत।

राधेश्याम प्रजापति की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में कभी महिलाओं की चहल-पहल से गुलजार रहने वाले पनघट अब वीरान पड़ चुके हैं। हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, जालौन, ललितपुर और झांसी जैसे जिलों में हजारों कुएं या तो सूख चुके हैं या फिर विकास की दौड़ में हमेशा के लिए मिटा दिए गए हैं। यह न केवल जल संकट की गंभीर तस्वीर पेश करता है, बल्कि बुंदेलखंड की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं के क्षय की भी गवाही देता है।

सूखते कुएं, विलुप्त होती परंपराएं

कभी जिन पनघटों पर महिलाएं पूजा-पाठ और मंगलगीतों के साथ मांगलिक आयोजनों में जुटती थीं, आज वहां सन्नाटा पसरा है। आधुनिकता और उपेक्षा ने मिलकर इन जलस्रोतों को खत्म कर दिया है। हमीरपुर जिले के पतालेश्वर मंदिर का प्राचीन कुआं इसका जीता-जागता उदाहरण है, जिसे खुदाई और अनदेखी के चलते लगभग नष्ट कर दिया गया है। अब यह पनघट शराबियों का अड्डा बन चुका है।

इसे भी पढें  आजमगढ़ की जिला कुश्ती टीम का चयन, राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में दिखाएगी दम

हमीरपुर में कुओं की हालत

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हमीरपुर जिले में पहले 3552 कुएं अस्तित्व में थे। अकेले सुमेरपुर ब्लॉक में 286, कुरारा में 484, मौदहा में 746, मुस्करा में 751, गोहांड में 368, राठ में 417 और सरीला में 192 कुएं मौजूद थे। लेकिन अब हजारों कुएं या तो सूख चुके हैं या समाप्त होने की कगार पर हैं।

वर्तमान में 1469 कुएं ऐसे हैं जिनसे ग्रामीण पानी लेते हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश का जल प्रदूषित है। इनमें भी सुमेरपुर में 119, कुरारा में 342, मुस्करा में 153, राठ में 153, गोहांड में 28 और सरीला में 152 कुएं ही उपयोग में रह गए हैं।

सीएमएलडी स्टोर की पहल

सीएमएलडी स्टोर के प्रभारी सुनील कुमार सचान के अनुसार, जिले के सभी पीएचसी और सीएचसी केंद्रों में ब्लीचिंग पाउडर और क्लोरीन की गोलियां भेजी गई हैं, ताकि कुओं के पानी को पीने योग्य बनाया जा सके। हालांकि, यह केवल एक अस्थायी समाधान है जब तक जलस्रोतों के पुनरुद्धार की स्थायी योजना न बने।

इसे भी पढें  “रावण”, सल्फास खाकर झुलस गया मौत की आग में, गांव में पसरा मातम

प्राचीन इतिहास, खोता अस्तित्व

बदनपुर गांव में राजा हम्मीरदेव के काल में बना कुआं “बदना अहीर” कभी क्षेत्र की शान हुआ करता था। अब इस ऐतिहासिक कुएं का नामोनिशान तक मिट चुका है। स्थानीय बुजुर्गों और ग्रामीणों का कहना है कि विकास की आंधी में ऐसे अनगिनत कुएं मलबे में दबा दिए गए हैं। मौदहा, सुमेरपुर, राठ, कुरारा जैसे इलाकों में भी कई ऐतिहासिक कुएं खस्ताहाल स्थिति में हैं।

सांस्कृतिक केंद्र से वीरानी तक

गांव के हनुमान मंदिर के पुजारी सुरेश कुमार मिश्रा और रमाकांत बाजपेई जैसे कई बुजुर्ग बताते हैं कि पहले कुएं धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र होते थे। शादी-ब्याह के दौरान नववधू को कुएं पर पूजा कराने लाया जाता था। महिलाएं वहां मंगलगीत गाती थीं और यह आयोजन गांव की सामूहिकता का प्रतीक होता था। लेकिन अब यह दृश्य केवल यादों में बचा है।

जल संकट नहीं, सांस्कृतिक संकट भी

बुंदेलखंड में कुएं केवल जल का स्रोत नहीं थे, बल्कि वे समाज और संस्कृति के केंद्र बिंदु थे। आज जब ये पनघट सूख रहे हैं, तो केवल पानी ही नहीं, सदियों की परंपराएं और सामाजिक एकता भी सूख रही है। आवश्यकता है कि इन ऐतिहासिक जलस्रोतों का पुनरुद्धार हो, ताकि बुंदेलखंड की विरासत को बचाया जा सके।

इसे भी पढें  शहनाइयों के बीच डीजे पर हुआ खूनी बवाल, शादी टूटी – दुल्हन रह गई सजी-सजाई

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
22,400SubscribersSubscribe

नाम की राजनीति पर भड़की जनता—हरदोई को चाहिए सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य… संस्कार नहीं

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले का नाम बदलकर "प्रह्लाद नगरी" करने के प्रस्ताव ने राजनीतिक और सामाजिक बहस को जन्म दे दिया है। जानिए...

फर्जी दस्तखत, फर्जी मरीज, फर्जी खर्च! डॉ. शैलेन्द्र सिंह ने सरकारी योजना को बनाया पैसा उगलने की मशीन

चित्रकूट के रामनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. शैलेन्द्र सिंह पर लगे भारी वित्तीय अनियमितताओं और आयुष्मान योजना के दुरुपयोग के आरोप। पढ़ें...
- Advertisement -spot_img
spot_img

नगर प्रशासन और तहसील की लापरवाही से फूटा जमीनी विवाद का गुस्सा, भाजपा बूथ अध्यक्ष समेत परिवार पर जानलेवा हमला

अर्जुन वर्मा की रिपोर्ट  गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती भाजपा बूथ अध्यक्ष व उनके परिवार पर जमीनी विवाद को लेकर हमला। चार साल से प्रशासन...

अस्पताल में मानवता शर्मसार: ऑक्सीजन के लिए तड़पता मरीज ज़मीन पर बैठा, अखिलेश यादव ने सरकार पर बोला हमला

जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ सदर अस्पताल में एक टीबी मरीज की ज़मीन पर बैठकर ऑक्सीजन लेने की वायरल तस्वीर ने प्रदेश...