राजपूत क्षत्रिय महासभा छत्तीसगढ़ द्वारा रायपुर में केंद्रीय युवा मंडल का गठन किया गया। बिलासपुर के प्रांशु क्षत्रिय को केंद्रीय युवा उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। जानिए कौन-कौन बने हैं अन्य पदाधिकारी और क्या रहा कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य।
हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
सीपत(बिलासपुर)। राजपूत क्षत्रिय समाज की एक ऐतिहासिक पहल के तहत रविवार को राजपूत क्षत्रिय महासभा छत्तीसगढ़ रहटादह (पंजीयन क्रमांक 1282) द्वारा रायपुर उत्तर में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय कार्यकारिणी का विस्तार करते हुए ‘केंद्रीय युवा मंडल’ का विधिवत गठन किया गया, जो समाज के युवा नेतृत्व को नई दिशा देने वाला कदम माना जा रहा है।
इस नवगठित युवा मंडल में बिलासपुर जिले से प्रांशु क्षत्रिय को केंद्रीय युवा उपाध्यक्ष की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। प्रांशु क्षत्रिय लंबे समय से सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं और उन्हें यह पद उनकी प्रतिबद्धता एवं नेतृत्व क्षमता के आधार पर प्रदान किया गया है।
वहीं, अन्य प्रमुख नियुक्तियों में रायपुर के महेश सिंह को केंद्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष, पीयूष ठाकुर को उपाध्यक्ष, नीरज सिंह ठाकुर को कोषाध्यक्ष, अमन सिंह ठाकुर को उपसचिव, मंगल सिंह को संगठन सचिव, समित सिंह राजपूत को सह सचिव, तथा सत्यम सिंह को प्रचार सचिव बनाया गया। इन सभी पदाधिकारियों का चयन विचार-विमर्श और सर्वसम्मति के साथ किया गया, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि समाज का युवा वर्ग संगठित होकर सकारात्मक कार्यों की ओर अग्रसर हो।
कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष श्री बजरंग सिंह बैस ने की, जबकि इस दौरान केंद्रीय कोषाध्यक्ष नीरज सिंह क्षत्रिय, केंद्रीय युवा अध्यक्ष अनुराग सिंह ठाकुर और केंद्रीय सचिव महेंद्र सिंह ठाकुर भी मंच पर उपस्थित रहे। उन्होंने सभी नव नियुक्त पदाधिकारियों को आधिकारिक नियुक्ति पत्र सौंपे और फूलमालाओं से स्वागत कर उनका मनोबल बढ़ाया।
इस अवसर पर नवनियुक्त पदाधिकारियों ने समाजहित में अपने कर्तव्यों के निर्वहन का संकल्प लेते हुए कहा कि वे युवाओं को जागरूक करने, संगठित करने तथा सामाजिक जागरण की दिशा में निरंतर कार्यरत रहेंगे।
कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल संगठनात्मक ढांचे को सुदृढ़ करना था, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना था कि समाज का युवा वर्ग सामाजिक दायित्वों को समझे और सक्रिय भूमिका निभाए।
➡️ कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य थे:
समाज के युवाओं को नेतृत्व के लिए प्रेरित करना
संगठनात्मक कार्यप्रणाली को मजबूत बनाना
समाज में एकता, अखंडता और जागरूकता फैलाना
सामाजिक सरोकारों को प्राथमिकता देना
इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि राजपूत क्षत्रिय समाज आने वाले समय में युवाओं को नेतृत्व की पहली पंक्ति में लाकर एक नया सामाजिक परिवेश तैयार करना चाहता है, जहां परंपरा और प्रगतिशीलता दोनों का संतुलन बना रहे।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और जय राजपूताना के उद्घोष के साथ हुआ, जिससे पूरे माहौल में एकता और गर्व की भावना स्पष्ट झलक रही थी।
यह कार्यक्रम न केवल राजपूत क्षत्रिय समाज के लिए एक संगठित और सशक्त भविष्य की नींव है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि युवाओं को नेतृत्व में लाकर समाज किस प्रकार अपनी जड़ों से जुड़ते हुए विकास की ओर अग्रसर हो सकता है।