आजमगढ़ के सर सैयद इंटर कॉलेज, गौसपुर में कार्यरत एक शिक्षिका के धर्म परिवर्तन को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। शिक्षिका की सास ने कॉलेज उपप्रबंधक गालिब खान पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बहू को प्रभावित कर धर्मांतरण की राह पर धकेला। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़। पूर्वी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद में स्थित अहरौला थाना क्षेत्र के सर सैयद इंटर कॉलेज, गौसपुर से एक बेहद गंभीर मामला प्रकाश में आया है। कॉलेज में कार्यरत एक कंप्यूटर शिक्षिका के कथित धर्म परिवर्तन को लेकर आरोपों का बड़ा बवंडर खड़ा हो गया है। इस प्रकरण में शिक्षिका की सास ने कॉलेज के उपप्रबंधक गालिब खान पर मानसिक रूप से प्रभावित कर बहू का धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया है। मामले की लिखित शिकायत थाने में दर्ज कराई गई है और पुलिस ने जांच आरंभ कर दी है।
पारिवारिक पृष्ठभूमि और विवाद की शुरुआत
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिक्षिका की सास महाराजगंज थाना क्षेत्र की निवासी हैं और उनके पुत्र की शादी छह वर्ष पूर्व अतरौलिया क्षेत्र की रहने वाली एक युवती से हुई थी। शिक्षिका वर्तमान में सर सैयद इंटर कॉलेज, गौसपुर में कंप्यूटर शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। वहीं, उनके पति सहारनपुर में बिजली विभाग में अवर अभियंता (जेई) के पद पर तैनात हैं।
हालांकि, समय के साथ परिस्थिति कुछ ऐसी बनी कि पारिवारिक जीवन में दूरियां बढ़ने लगीं। शिक्षिका की सास का कहना है कि कॉलेज के उपप्रबंधक गालिब खान ने उनकी बहू को अपने प्रभाव में ले लिया है और उसका ‘ब्रेनवॉश’ कर उसे दूसरी धार्मिक गतिविधियों की ओर प्रेरित किया।
आरोपों की गंभीरता और दावे
शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि शिक्षिका अब कॉलेज परिसर में बने आवास में अकेले रह रही हैं, जो उन्हें उपप्रबंधक द्वारा उपलब्ध कराया गया है। यही नहीं, जब शिक्षिका के पति उन्हें सहारनपुर अपने साथ ले गए, तो गालिब खान ने वीडियो कॉल के माध्यम से उन्हें अपने पति से किसी भी प्रकार का संबंध न रखने की चेतावनी दी। इसके बाद शिक्षिका को पुनः आजमगढ़ बुला लिया गया।
परिजनों का यह भी आरोप है कि अब शिक्षिका पूरी तरह गालिब खान के निर्देशों का पालन करती हैं। जब ससुराल पक्ष के लोग बहू को समझाने का प्रयास करते हैं, तो गालिब खान द्वारा उन्हें धमकी दी जाती है, जिससे परिवार भयभीत और मानसिक तनाव में है।
पुलिस की प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले में क्षेत्राधिकारी बूढ़नपुर अजय प्रताप सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में लिया गया है और पुलिस टीम द्वारा सभी पक्षों से पूछताछ कर विवेचना प्रारंभ की जा रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
आरोपी उपप्रबंधक का पक्ष
वहीं, दूसरी ओर कॉलेज के उपप्रबंधक गालिब खान ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से स्पष्ट इनकार किया है। उन्होंने कहा कि संबंधित महिला कॉलेज में एनजीओ के माध्यम से बतौर कंप्यूटर शिक्षिका कार्यरत हैं और कॉलेज परिसर में बने शिक्षकों के आवास में अकेली नहीं रहतीं, बल्कि वहां अन्य शिक्षक और शिक्षिकाएं भी रहते हैं।
गालिब खान का यह भी कहना है कि शिक्षिका और उसके ससुराल पक्ष के बीच पहले से विवाद चल रहा है, और संभवतः यही पारिवारिक विवाद इस आरोप का कारण हो सकता है। उन्होंने आरोपों को व्यक्तिगत प्रतिशोध और अफवाह बताते हुए कहा कि वह कानून की प्रक्रिया में पूरा सहयोग देंगे।
सामाजिक दृष्टिकोण और संवेदनशीलता
गौरतलब है कि धर्मांतरण जैसे मुद्दे भारत में अत्यधिक संवेदनशील माने जाते हैं। किसी भी प्रकार का आरोप, विशेषतः जब वह एक शिक्षण संस्थान और महिला की स्वतंत्रता से जुड़ा हो, सामाजिक रूप से बेहद गंभीर दृष्टिकोण से देखा जाता है। यह मामला भी न सिर्फ एक पारिवारिक कलह बल्कि संस्थान की गरिमा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के प्रश्न को जन्म देता है।
फिलहाल, पुलिस की जांच जारी है और सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि सच्चाई क्या है। क्या यह एक महिला की स्वतंत्रता का मामला है, या वास्तव में किसी सुनियोजित योजना के तहत धर्मांतरण की साजिश रची जा रही है? आने वाले समय में जांच के नतीजे इस मामले की असल तस्वीर सामने लाएंगे।
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