Monday, July 21, 2025
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114 की उम्र में भी दौड़ता रहा जो योद्धा, वो सड़क पर शिकार बन गया — फौजा सिंह नहीं रहे!

114 वर्षीय दिग्गज मैराथन धावक फौजा सिंह का जालंधर में सड़क हादसे में निधन। लेखक खुशवंत सिंह और राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने जताया शोक। जानें पूरी खबर।

विकास कुमार की रिपोर्ट

जालंधर, पंजाब | विश्वप्रसिद्ध मैराथन धावक और नशा-मुक्ति अभियान के प्रेरणास्रोत फौजा सिंह का सोमवार को 114 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

उनकी मृत्यु पंजाब के जालंधर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव बियास में टहलने के दौरान एक अज्ञात वाहन की टक्कर से हुई।

यह खबर सामने आते ही खेल जगत और उनके लाखों प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई।

मौत की पुष्टि लेखक खुशवंत सिंह ने की

सबसे पहले, उनकी मृत्यु की आधिकारिक पुष्टि उनके करीबी और जीवनी लेखक खुशवंत सिंह ने की।

गौरतलब है कि खुशवंत सिंह ने ही फौजा सिंह की प्रसिद्ध जीवनी ‘द टर्बन्ड टॉरनेडो’ लिखी थी।

उन्होंने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर भावुक होते हुए लिखा:

“मेरा पगड़ीधारी टॉरनेडो अब नहीं रहा। मुझे बड़े दुख के साथ अपने परम श्रद्धेय स्व. फौजा सिंह के निधन की खबर देनी पड़ रही है।”

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उन्होंने आगे बताया कि दुर्घटना सोमवार दोपहर करीब 3:30 बजे हुई जब फौजा सिंह सड़क पार कर रहे थे। हादसे के तुरंत बाद उन्हें जालंधर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।

राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने जताया शोक

उधर, पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने भी इस दुखद समाचार पर गहरा शोक व्यक्त किया।

उन्होंने ‘एक्स’ पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा:

“महान मैराथन धावक और दृढ़ता के प्रतीक सरदार फौजा सिंह जी के निधन से बहुत दुःख हुआ। 114 वर्ष की आयु में, वे अद्वितीय उत्साह के साथ ‘नशा मुक्त, रंगला पंजाब’ मार्च में मेरे साथ शामिल हुए। उनकी विरासत नशामुक्त पंजाब के लिए प्रेरणा बनी रहेगी। ओम शांति ओम।”

फौजा सिंह: हौसले की मिसाल

यहां यह उल्लेखनीय है कि फौजा सिंह ने 90 वर्ष की उम्र के बाद मैराथन दौड़ना शुरू किया था।

वह विश्व में ऐसे पहले व्यक्ति बने जिन्होंने 100 वर्ष की उम्र में पूरी मैराथन दौड़ पूरी की।

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नशा मुक्ति, फिटनेस और वृद्धावस्था में सक्रिय जीवनशैली को लेकर वह युवाओं और बुजुर्गों – दोनों के लिए ही प्रेरणा स्रोत रहे।

दुर्घटना पर उठ रहे सवाल

हालांकि अब तक वाहन और चालक की पहचान नहीं हो सकी है, लेकिन यह घटना एक बार फिर वरिष्ठ नागरिकों की सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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