राकेश सूद के साथ परिमल सेन की रिपोर्ट
मंडी, हिमाचल प्रदेश — राज्य में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश, बादल फटने और भूस्खलनों ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। खासतौर पर मंडी ज़िला इस प्राकृतिक आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जहां अब तक 14 लोगों की मौत और 31 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
लेकिन इस भीषण आपदा के बीच अब एक राजनीतिक तूफान भी खड़ा हो गया है — मुद्दा है मंडी की सांसद कंगना रनौत की अनुपस्थिति और उस पर हो रही तीखी बयानबाज़ी।
कंगना रनौत पर उठे सवाल
कई दिनों से चल रही भारी बारिश और आपदा के बावजूद मंडी की सांसद कंगना रनौत अब तक अपने संसदीय क्षेत्र नहीं पहुंची हैं। जब पत्रकारों ने इस बारे में पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से सवाल किया, तो उन्होंने कहा:
“हम यहां मंडी के लोगों के साथ जीने और मरने के लिए हैं। हमें उनकी परवाह है। जो लोग परवाह नहीं करते, मैं उन पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।”
हालाँकि, उन्होंने कंगना का नाम नहीं लिया, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे कंगना पर सीधा निशाना माना गया।
कंगना की सफाई: जयराम ठाकुर ने ही रोका
इस टिप्पणी के बाद कंगना रनौत ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर सफाई देते हुए लिखा:
“मैं मंडी और सराज के बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाना चाह रही थी, लेकिन जयराम ठाकुर जी ने सलाह दी कि जब तक कनेक्टिविटी बहाल नहीं होती, तब तक इंतज़ार करूं। आज मंडी के डीसी ने भी रेड अलर्ट जारी किया है। प्रशासन की अनुमति मिलते ही मैं जल्द वहां पहुंचूंगी।”
ठाकुर की प्रतिक्रिया: ‘आने की इच्छा जताई है, स्वागत है’
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जयराम ठाकुर ने कहा:
“कंगना जी से मेरी बात हुई है। उन्होंने यहां आने की इच्छा जताई है। मैंने कहा कि कनेक्टिविटी बेहतर हो जाए, तो आप आइए। अगर वह आना चाहती हैं, तो आएंगी ही।”
उनके इस नरम रुख को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए कि जब आपने खुद रोका, तो फिर पहले सार्वजनिक टिप्पणी क्यों की?
सुक्खू का पलटवार: “राजनीति बंद करें”
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दोनों नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा:
“कंगना जी जल्दी जयराम जी से बात कीजिए। उनको बहुत ग़ुस्सा आ रहा है और सच्चाई बता रहे हैं। इस समय दोनों को राजनीति नहीं करनी चाहिए।”
साथ ही उन्होंने जयराम ठाकुर पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा:
“उपमुख्यमंत्री ने बात की है, मैंने भी कल बात की थी। इसके बावजूद जयराम जी झूठ बोल रहे हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”
जयराम ठाकुर का आरोप: “सीएम बात नहीं कर रहे”
जवाब में जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने कई बार मुख्यमंत्री से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो सकी।
“मैं भी पांच साल मुख्यमंत्री रहा हूं। लैंडलाइन पर कॉल किया, लेकिन कहा गया कि ऊपर लाइन नहीं दी जाती। ये बेहद अजीब है।”
उन्होंने बताया कि उनकी सराज विधानसभा में 9 मौतें और 30 लोग लापता हैं।
राहत कार्य और मौसम की चेतावनी
इस बीच, मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि सराज क्षेत्र में वायुसेना की मदद से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।
मौसम विभाग ने 5 से 9 जुलाई तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान भारी से बहुत भारी बारिश, भूस्खलन, पेड़ गिरने और नदियों में जलस्तर बढ़ने की आशंका जताई गई है।
जहां एक ओर राज्य भीषण आपदा से जूझ रहा है, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक बयानबाज़ी ने संवेदनशीलता को पीछे छोड़ दिया है। कंगना रनौत की गैर-मौजूदगी, जयराम ठाकुर की टिप्पणी और मुख्यमंत्री सुक्खू के पलटवार से यह स्पष्ट है कि इस संकट की घड़ी में भी राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही।
जनता को उम्मीद है कि सभी राजनीतिक दल संकट के समय में एकजुट होकर राहत कार्यों पर ध्यान देंगे, न कि राजनीतिक अंकगणित पर।