चित्रकूट के राजापुर क्षेत्र में मासूम की मौत के मामले में झोलाछाप डॉक्टर पर दर्ज एफआईआर अब विवादों में। शिकायतकर्ता शिव भवन की भूमिका पर संदेह, जो खुद कुख्यात भोण्डा गैंग का सदस्य रहा है। जानिए पूरा घटनाक्रम।
संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट | राजापुर कोतवाली क्षेत्र के पियरिया माफी गांव में झोलाछाप डॉक्टर द्वारा इलाज़ के दौरान मासूम सतिन पुत्र कल्लू की मौत के मामले ने अब नया रुख अख्तियार कर लिया है। शुरुआती जांच में दोषी ठहराए गए डॉक्टर शिवभूषण पांडेय उर्फ दीपू के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर अब सवाल उठने लगे हैं।
दरअसल, डॉक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाला कोई और नहीं, बल्कि कुख्यात दस्यु सरगना सूर्यकुमार शुक्ला उर्फ भोण्डा गैंग का सक्रिय सदस्य रहा शिव भवन था। पहले उसने एसपी को ज्ञापन सौंपकर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन अब उसी ने पलटी मारते हुए अपने बयान से किनारा कर लिया है।
दबंगों का दबाव या गुमराह करने की साजिश?
सूत्रों के अनुसार, शिव भवन पर दस्यु सरगना भोण्डा के बेटे राजा गर्ग और कुख्यात दबंग कृष्ण कुमार द्विवेदी उर्फ बड़ा भइया ने दबाव बनाया, जिसके चलते उसने अपने बयान को पलट दिया। यहां गौरतलब है कि राजा गर्ग पहले से ही अनुसूचित जाति निवारण अधिनियम व आगजनी के गंभीर मामलों में आरोपी है, जबकि बड़ा भइया पर धारा 377 सहित कई गंभीर धाराएं दर्ज हैं।
पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब राजापुर कोतवाली पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं। यदि डॉक्टर शिवभूषण पांडेय ने वास्तव में सतिन का इलाज नहीं किया था, तो उसके खिलाफ एफआईआर किस आधार पर दर्ज की गई? क्या बिना जांच के ही पुलिस ने मुकदमा कायम कर दिया?
सवाल और भी गंभीर तब हो जाते हैं, जब यह संदेह जताया जाए कि दबंगों के प्रभाव के चलते मासूम के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी फेरबदल किया जा सकता है।
प्रशासन कब लेगा सख्त रुख?
अब बड़ा सवाल यह उठता है कि यदि शिकायतकर्ता शिव भवन ने जानबूझकर फर्जी शिकायती पत्र देकर डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया, तो प्रशासन उसके खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं दर्ज कर रहा? क्या पुलिस पर दस्यु सरगनाओं के प्रभाव की छाया अभी भी कायम है?
शिव भवन द्वारा फर्जी शिकायती पत्र देकर एक निर्दोष को फंसाने की कोशिश ने स्थानीय प्रशासन की साख पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
अगले अंक में पढ़िए:
दस्यु सरगना सूर्यकुमार शुक्ला उर्फ भोण्डा गैंग के सदस्य शिव भवन की पूरी आपराधिक कुंडली और उसका राजनीतिक-सामाजिक रसूख कैसे बन गया चित्रकूट पुलिस के लिए चुनौती।