Monday, July 21, 2025
spot_img

अवैध खनन और ओवरलोडिंग की खुली लूट, जनता पूछ रही– किससे उम्मीद करें अब?

करतल चौकी क्षेत्र में अवैध खनन और ओवरलोडिंग का धंधा दिन-रात फलफूल रहा है। प्रशासनिक चुप्पी और माफियाओं की मनमानी ने योगी सरकार की छवि को सवालों के घेरे में ला दिया है। पढ़ें आंखें खोल देने वाली यह रिपोर्ट।

सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट

करतल(बांदा)। उप्र–मप्र सीमा के किनारे बसे करतल चौकी क्षेत्र में एक खतरनाक खेल बेधड़क खेला जा रहा है — और यह कोई मामूली खेल नहीं, बल्कि शासन को हर दिन लाखों का चूना लगाने वाला खनन माफियाओं का सुनियोजित तंत्र है। हैरानी की बात यह नहीं कि यह सब हो रहा है, बल्कि यह है कि सब कुछ जिम्मेदार अधिकारियों की आंखों के सामने हो रहा है और फिर भी सभी चुप हैं। आखिर क्यों?

ओवरलोडिंग की ‘दौड़’ में कानून रौंदा जा रहा है

कस्बे के चारों ओर बालू से लदे ओवरलोड ट्रकों की कतारें इस बात की गवाही दे रही हैं कि नियमों और प्रशासनिक आदेशों को खुलकर ठेंगा दिखाया जा रहा है। बिलहरका, बरसढ़ा मानपुर, गोपरा, खलारी, पुकारी जैसे इलाकों से लेकर मध्य प्रदेश के चंदौरा, नेहरा और बरौली घाटों तक अवैध खनन का जाल फैला हुआ है।

Read  तिलक की खुशियाँ पलभर में मातम में बदलीं, बोलेरो ने मासूम की ले ली जान

सड़कों पर दौड़ते इन भीमकाय वाहनों की रफ्तार और भार, दोनों ही इंसानी जानों और इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मानो आंखें मूंदे बैठे हैं, जैसे साठगांठ की चादर में लिपटे हों।

भंडारण’ के नाम पर खुलेआम खेल

नामी गिरामी कंपनियों के नाम से संचालित बालू भंडारण केन्द्र असल में ओवरलोडिंग के अड्डे बन चुके हैं। यहां से निकलने वाले ट्रकों में न तो निर्धारित मानक का ध्यान रखा जा रहा है और न ही किसी प्रशासनिक अनुमति का। ये वाहन रात-दिन सीमा पार कर रहे हैं और उत्तर प्रदेश की सड़कों को गड्ढों में तब्दील कर रहे हैं।

क्यों मौन है प्रशासन?

यह सवाल अब आम जनता के बीच चर्चा का विषय बन चुका है। हर गुजरते दिन के साथ जनता की पीड़ा बढ़ती जा रही है लेकिन प्रशासनिक जिम्मेदार माफियाओं के सामने बेबस या फिर बेपरवाह दिख रहे हैं। क्या ये चुप्पी महज अनदेखी है या फिर किसी गहरे गठजोड़ की ओर इशारा कर रही है?

Read  दिनदहाड़े एनकाउंटर स्टाइल मर्डर: हाईवे पर हिस्ट्रीशीटर को कार से घेरकर सरेआम गोली मारी, आठ नामजद

योगी सरकार की छवि पर आंच

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहचान सख्त प्रशासक की रही है, लेकिन जिस तरह से खनन माफिया करतल में बेलगाम हैं, उससे सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। यह मामला सिर्फ अवैध खनन का नहीं है, बल्कि यह कानून के शासन की परीक्षा बन चुका है।

अब सवाल यह है…

  • क्या अवैध खनन और ओवरलोडिंग के इस धंधे पर रोक लगेगी?
  • क्या जिम्मेदारों पर कभी कोई सख्त कार्रवाई होगी?
  • और सबसे अहम, क्या प्रदेश सरकार अपनी साख बचा पाएगी?

इस खबर का सच सामने आना जरूरी है, क्योंकि जब जिम्मेदार सो जाएं, तो पत्रकारिता की नींद नहीं होनी चाहिए।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
22,400SubscribersSubscribe

बड़े शहरों जैसी सुविधाएं अब ग्रामीण बच्चों के लिए भी सुलभ… ग्राम प्रधान की दूरदर्शी सोच से शिक्षा को मिला नया आयाम…

✍ संजय सिंह राणा की रिपोर्ट ग्राम पंचायत रैपुरा (चित्रकूट) में निःशुल्क डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना से शिक्षा का नया युग शुरू हो चुका है।...

डिजिटल जाल में फंसा इंसान: जब एक वीडियो कॉल आपकी ज़िंदगी बदल देता है

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट 21वीं सदी का इंसान जितना आगे तकनीक में बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से उसके जीवन में खतरे भी गहराते...
- Advertisement -spot_img
spot_img

स्कूल बंद करने के फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी का हल्ला बोल, बच्चों-अभिभावकों संग गेट पर धरना

आजमगढ़ में आम आदमी पार्टी का शिक्षा बचाओ आंदोलन तेज, प्राथमिक विद्यालय पल्हनी को बंद करने के फैसले के विरोध में बच्चों-अभिभावकों संग जोरदार...

लायंस क्लब आज़मगढ़ की नई कार्यकारिणी गठित, ओम प्रकाश बने अध्यक्ष

लायंस क्लब आज़मगढ़ की नई कार्यकारिणी का गठन हुआ। ओम प्रकाश अग्रवाल बने अध्यक्ष। पर्यावरण संरक्षण हेतु 15 अगस्त तक पौधरोपण अभियान चलाने का...