अतरौलिया में वंचित-शोषित युवा जागरूकता महारैली में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने सामाजिक न्याय की लड़ाई को तेज करते हुए सपा-बसपा पर ऐतिहासिक विरासत को भुलाने का आरोप लगाया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़, उत्तर प्रदेश। राजनीति में सामाजिक न्याय की अलख एक बार फिर तेज हो गई है। अतरौलिया में आयोजित वंचित-शोषित युवा जागरूकता महारैली में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने सपा और बसपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि यह लड़ाई अब सिर्फ सत्ता की नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और हक की लड़ाई है।
राजभर ने कहा कि आज समय आ गया है जब समाज के अंतिम व्यक्ति को उसका अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, “हम लोडर नहीं, लीडर बनाना चाहते हैं। जिस दिन वंचित और शोषित समाज का युवा जाग गया, उस दिन सत्ता परिवर्तन तय है।”
सभी 10 विधानसभा सीटों पर नजर
आगे बढ़ते हुए, राजभर ने साफ किया कि उनकी नजर आजमगढ़ की सभी 10 विधानसभा सीटों पर है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी का लक्ष्य केवल सत्ता प्राप्त करना नहीं, बल्कि वास्तविक सामाजिक बदलाव लाना है।
सपा-बसपा पर हमला: “भूल गए महाराजा सुहेलदेव को”
अपने भाषण के दौरान ओमप्रकाश राजभर ने सपा और बसपा पर इतिहास के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “इन दलों ने महाराजा सुहेलदेव जैसे राष्ट्रनायक को भुला दिया, जबकि एनडीए सरकार ने उन्हें उचित सम्मान दिया है।”
राजभर ने भगवान राम मंदिर, महाराजा सुहेलदेव की प्रतिमा और गरीबों के लिए आयुष्मान कार्ड जैसी योजनाओं का जिक्र करते हुए विपक्ष पर विकास विरोधी मानसिकता का आरोप भी लगाया।
तीखा कटाक्ष: “पाकिस्तान का पानी पी लिए हैं क्या?”
भाषण के अंत में ओमप्रकाश राजभर ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, “भगवान राम का मंदिर बन रहा है, महाराजा सुहेलदेव की मूर्ति लग रही है, गरीबों को लाभ मिल रहा है और विपक्ष इसका विरोध कर रहा है… लगता है जैसे पाकिस्तान का पानी पी लिए हैं।”
ओमप्रकाश राजभर की यह रैली सिर्फ एक राजनीतिक आयोजन नहीं थी, बल्कि यह सामाजिक न्याय की नई धारा का संदेश भी थी। जिस अंदाज़ में उन्होंने वंचित समाज के हक की बात की और विपक्ष पर निशाना साधा, वह आने वाले चुनावों में राजनीतिक तापमान को जरूर बढ़ाएगा।