Monday, July 21, 2025
spot_img

झोलाछाप डॉक्टर ने ली एक और जान… दस साल के बच्चे की दर्दनाक मौत, पिता परदेस में तो गांव में पसरा मातम

चित्रकूट के गांव में झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से 10 साल के बच्चे की दर्दनाक मौत। एक तस्वीर, एक सवाल और एक पूरी व्यवस्था पर करारी चोट।

संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

यह चेहरा सिर्फ एक मासूम बच्चे का नहीं है, यह तस्वीर भारत के गांवों में उपेक्षित स्वास्थ्य व्यवस्था की एक मूक गवाही है। तस्वीर में खड़ा यह बच्चा सतिन है—सिर्फ दस साल का। उसकी आंखों में डर भी है, भरोसा भी… और अब एक सवाल भी—”मेरी गलती क्या थी?”

गले में फोड़ा था। मामूली बीमारी। इलाज संभव था। लेकिन छीबों गांव के झोलाछाप डॉक्टर ने जो इंजेक्शन उसे लगाया, वह उसकी आख़िरी सांस बन गया। इलाज के नाम पर मौत का बुलावा।

🩺 इलाज या हत्या?

राजापुर थाना क्षेत्र के पियरिया माफी गांव के रहने वाले सतिन को उसके परिजन गले में फोड़े के इलाज के लिए शशिभूषण उर्फ़ दीपू पाण्डेय के पास ले गए। ये व्यक्ति खुद को डॉक्टर कहता है, लेकिन न डिग्री है, न अनुभव।

Read  इश्क ने बदल दिया मजहब! दीदारगंज में प्रेम विवाह से गहराया सामाजिक तनाव

परिजनों के मुताबिक उसने बच्चे को बिना कोई जाँच किए इंजेक्शन लगाया और आधे घंटे के भीतर ही सतिन की मौत हो गई।

कोई प्रतिक्रिया समय नहीं दिया गया, न ही आपातकालीन देखभाल का प्रावधान। बच्चा वहीं, तड़पता रहा… दम तोड़ता रहा।

😭 बिखरा परिवार, टूटा सपना

सतिन के पिता परदेस में मजदूरी करते हैं। रोज़ की कमाई से परिवार चलता था और सपनों की छोटी सी दुनिया बन रही थी। अब सब बिखर गया है।

माँ की हालत बदहवास है। वो एकटक देखती है उस कोने को, जहां कभी उसका बेटा खेला करता था। उसकी कोख से निकले उस फूल को सिस्टम की लापरवाही ने मसल दिया।

[ays_poll id=27]

🧾 प्रशासन की नींद अभी भी अधूरी?

राजापुर थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे हैं। जांच की बात हो रही है, लेकिन झोलाछाप डॉक्टर अब तक गिरफ्त से बाहर है। न FIR, न मेडिकल काउंसिल की संज्ञान में बात।

क्या यही है हमारी ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा की असलियत?

Read  गांव पर राज, हाथ में बंदूक: प्रधान पति का वीडियो देख कांपे पत्रकार और ग्रामीण

🧠 विचार के लिए कुछ सवाल:

  • किस आधार पर झोलाछाप डॉक्टर दवाएं और इंजेक्शन दे रहे हैं?
  • कितने और बच्चे सतिन की तरह इस अंधेरे में खो जाएंगे?
  • क्या गांवों में लोगों की जान की कोई कीमत नहीं?

📣 समाज की चुप्पी सबसे बड़ा अपराध है

हम सब दोषी हैं—आप, मैं, समाज, और वो तंत्र जो सबकुछ जानकर भी आंखें मूंदे हुए है।

अगर सतिन की मौत आपको सिर्फ खबर लगती है, तो अगली बार यह खबर आपके घर से हो सकती है।

🔚 एक अंतिम सवाल…

“जब सतिन की मां उसकी उंगलियां पकड़ कर अस्पताल की तरफ चली थी, तो क्या उसने कभी सोचा था कि वो उंगलियां आख़िरी बार थाम रही है?”

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
22,400SubscribersSubscribe

नाम की राजनीति पर भड़की जनता—हरदोई को चाहिए सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य… संस्कार नहीं

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले का नाम बदलकर "प्रह्लाद नगरी" करने के प्रस्ताव ने राजनीतिक और सामाजिक बहस को जन्म दे दिया है। जानिए...

फर्जी दस्तखत, फर्जी मरीज, फर्जी खर्च! डॉ. शैलेन्द्र सिंह ने सरकारी योजना को बनाया पैसा उगलने की मशीन

चित्रकूट के रामनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. शैलेन्द्र सिंह पर लगे भारी वित्तीय अनियमितताओं और आयुष्मान योजना के दुरुपयोग के आरोप। पढ़ें...
- Advertisement -spot_img
spot_img

नगर प्रशासन और तहसील की लापरवाही से फूटा जमीनी विवाद का गुस्सा, भाजपा बूथ अध्यक्ष समेत परिवार पर जानलेवा हमला

अर्जुन वर्मा की रिपोर्ट  गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती भाजपा बूथ अध्यक्ष व उनके परिवार पर जमीनी विवाद को लेकर हमला। चार साल से प्रशासन...

अस्पताल में मानवता शर्मसार: ऑक्सीजन के लिए तड़पता मरीज ज़मीन पर बैठा, अखिलेश यादव ने सरकार पर बोला हमला

जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ सदर अस्पताल में एक टीबी मरीज की ज़मीन पर बैठकर ऑक्सीजन लेने की वायरल तस्वीर ने प्रदेश...