Monday, July 21, 2025
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रामलला के नाम पर 3.85 करोड़ की ऑनलाइन लूट! अयोध्या में 6.3 लाख श्रद्धालुओं को बनाया गया शिकार

अयोध्या में रामलला प्रसाद के नाम पर 3.85 करोड़ रुपए की साइबर ठगी, 6.3 लाख श्रद्धालु हुए शिकार। अयोध्या पुलिस की तत्परता से आरोपी गिरफ्तार, 2.15 करोड़ की हुई वापसी। पढ़ें पूरी खबर।

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

जनवरी 2024 में जब अयोध्या रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर दीपों की रोशनी से जगमगा रही थी, उसी दौरान एक साइबर ठग ने श्रद्धा को अपना शिकार बना डाला। रामलला के प्रसाद वितरण के नाम पर एक संगठित ऑनलाइन फ्रॉड को अंजाम दिया गया, जिसमें लगभग 6 लाख 30 हजार श्रद्धालुओं से 3.85 करोड़ रुपए की ठगी की गई।
🧠 कैसे रचा गया ठगी का जाल?
जानकारी के अनुसार, आरोपी आशीष नामक युवक ने एक फर्जी वेबसाइट और पेमेंट गेटवे तैयार किया। सोशल मीडिया के माध्यम से राम मंदिर के प्रसाद की ऑनलाइन बुकिंग का प्रचार किया गया। मात्र 51 रुपए से शुरुआत कर, आस्था के नाम पर लोगों से पैसे जमा करवाए गए, लेकिन किसी को भी प्रसाद नहीं मिला।
🚔 साइबर पुलिस की तेज़ कार्रवाई
जैसे ही शिकायतें मिलनी शुरू हुईं, अयोध्या साइबर थाना तत्काल हरकत में आया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर के निर्देशन में एक विशेष टीम ने आरोपी को ट्रैक कर गिरफ्तार कर लिया। जांच के दौरान पुलिस ने 2.15 करोड़ रुपए की राशि फ्रीज कर, पीड़ितों के खातों में वापस भी कर दी।
💸 अब भी चल रही है रिकवरी की प्रक्रिया
पुलिस सूत्रों के अनुसार, बचे हुए 1.70 करोड़ रुपए की रिकवरी की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही यह शेष राशि भी श्रद्धालुओं को लौटा दी जाएगी।
🏅 पुलिस की नजीर पेश करती कार्रवाई
यह घटना न केवल अयोध्या पुलिस की काबिलियत और तत्परता का उदाहरण है, बल्कि यह देश के साइबर अपराध इतिहास में एक बड़ी रिकवरी भी मानी जा रही है। आस्था को निशाना बनाकर किया गया यह अपराध अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है, परंतु पुलिस की मुस्तैदी ने इसे अंजाम तक पहुंचने से पहले ही रोक दिया।
⚠️ ऑनलाइन आस्था से जुड़ी स्कीमों से रहें सावधान
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि आस्था को भी साइबर अपराधी नहीं बख्शते। अतः किसी भी ऑनलाइन स्कीम—चाहे वह भगवान, मंदिर, या धार्मिक आयोजन से जुड़ी हो—उसकी पहले जांच-पड़ताल जरूर करें। कभी भी बिना पुष्टि के भुगतान न करें।
📞 कहां करें शिकायत?
यदि आपने या आपके किसी जानने वाले ने इस प्रकार की ठगी का सामना किया हो, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें या नजदीकी साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराएं।
🚨 रामराज्य में कानून का आदर्श उदाहरण
अयोध्या पुलिस की यह कार्रवाई न केवल पीड़ितों को न्याय दिलाने वाली है, बल्कि यह एक संदेश भी है कि रामलला के नाम पर धोखा देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। साइबर ठगी के इस युग में सतर्क रहना ही सबसे बड़ा उपाय है।
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