📝ललितपुर जिला जेल में बसपा के पूर्व सांसद रिजवान जहीर को मिल रही वीआईपी सुविधाओं का खुलासा हुआ है। औचक निरीक्षण में बैरक से नकदी, घी, मिठाई और ब्रांडेड सामान मिलने पर 6 जेलकर्मियों को निलंबित किया गया है। पढ़ें पूरी खबर।
ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
ललितपुर, उत्तर प्रदेश – एक तरफ जहां जेलों को अपराधियों के सुधार और सज़ा का स्थान माना जाता है, वहीं ललितपुर जिला कारागार में बसपा के पूर्व सांसद रिजवान जहीर को दी जा रही वीआईपी सुविधाओं ने पूरे सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
👉 औचक निरीक्षण में बड़ा खुलासा
हाल ही में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSP) के सचिव मयंक जायसवाल के नेतृत्व में हुए औचक निरीक्षण में रिजवान जहीर की बैरक से कई चौंकाने वाली चीज़ें बरामद की गईं। बैरक संख्या 5A किसी आलीशान गेस्ट हाउस से कम नहीं लग रही थी। निरीक्षण के दौरान तकिए के नीचे से 30 हजार रुपए नकद, डनलप गद्दा, बैटरी चालित फैन, देशी घी, ब्रांडेड मिठाइयाँ, महंगे शैम्पू, तेल और क्रीम, पर्सनल टिफिन और सुगंधित तेलों की भरमार मिली।
👉 बैरक के बाहर दिखा दो भारत का दृश्य
जब बैरक के अंदर एक वीआईपी माहौल था, वहीं बाहर आम कैदी पन्नियों में सूखी रोटियां खाते हुए, जमीन पर बैठे, और झुलसाती गर्मी में तड़पते दिखे। यह नजारा जेल प्रशासन की निष्क्रियता और पक्षपातपूर्ण रवैये की खुली पोल खोलता है।
📌 कड़ी कार्रवाई: छह अधिकारी निलंबित, विभागीय जांच शुरू
इस प्रकरण के सामने आने के बाद डीआईजी कारागार, कानपुर परिक्षेत्र की रिपोर्ट के आधार पर 3 जून को बड़ी कार्रवाई की गई:
- जय नारायण भारती (उप कारापाल) – निलंबित
- जीवन सिंह (कारापाल) – निलंबित
- मुकेश कुमार (जेल अधीक्षक) – विभागीय कार्यवाही की संस्तुति शासन को भेजी गई
- हेड जेल वार्डर वीरेंद्र शाह, राजेंद्र प्रसाद और जेल वार्डर रजनेश यादव – निलंबित
यह कार्रवाई साफ इशारा करती है कि जेलों में भ्रष्टाचार किस हद तक घुस चुका है।
🧿 रिजवान जहीर: विवादों से घिरा एक पूर्व सांसद
बसपा के पूर्व सांसद रिजवान जहीर पर बलरामपुर की तुलसीपुर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष फिरोज अहमद पप्पू की हत्या की साजिश का आरोप है। उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है और वे जुलाई 2022 से ललितपुर जेल में बंद हैं।
⚖️ प्रशासनिक लापरवाही या मिलीभगत?
इस घटनाक्रम से एक बड़ा सवाल उठता है—क्या जेल प्रशासन में कुछ अधिकारी पैसे और रसूख के आगे झुकते हैं? जबकि आम कैदी मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं, वीआईपी कैदी आरामदायक जीवन जी रहे हैं। इस मामले ने प्रदेश की जेल सुधार प्रणाली की निष्क्रियता और सत्ताधारी संरक्षित तंत्र पर गहरा प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है।
🔍 अब आगे क्या?
विभागीय जांच शुरू हो चुकी है और उम्मीद की जा रही है कि दोषियों को जल्द ही कठोर सज़ा दी जाएगी। हालांकि यह भी देखने की बात होगी कि क्या कार्रवाई केवल दिखावे की होगी या इस बार सच में कोई उदाहरण पेश किया जाएगा।