उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में पुलिस ने महिलाओं के एक शातिर लुटेरी गिरोह का खुलासा किया है, जो राह चलती महिलाओं को बातों में उलझाकर सोने की चेन चोरी करता था और फिर बोलेरो कार से फरार हो जाता था। जानिए पूरी कहानी।
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले में पुलिस ने महिलाओं के एक शातिर लुटेरी गैंग का भंडाफोड़ किया है, जो बेहद चतुराई से राह चलती महिलाओं को निशाना बनाता था। महिला होने का लाभ उठाकर यह गिरोह न सिर्फ लोगों को भरोसे में लेता था, बल्कि सफाई से उनके गहने भी गायब कर देता था — और फिर बोलेरो कार से फरार हो जाता था।
कैसे हुआ खुलासा?
यह मामला तब सामने आया जब कटोखर गांव की निवासी निशांत अंजुम अपनी बेटी की दवा लेने टांडा जा रही थीं। रास्ते में ई-रिक्शा में तीन महिलाएं आकर बैठ गईं। कुछ ही देर में, इन महिलाओं ने इतनी सफाई से अंजुम की सोने की चेन चोरी कर ली कि उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगी।
बाद में, जब निशांत अंजुम दवा लेकर लौट रही थीं, उन्होंने वही तीनों महिलाएं एक बोलेरो गाड़ी में बैठी देखीं। पूछताछ करने पर महिलाएं घबरा गईं और गाड़ी छोड़कर मौके से भाग निकलीं। पीड़िता ने तुरंत गाड़ी नंबर के आधार पर हसवर थाना में शिकायत दर्ज कराई।
बोलेरो गाड़ी बना सुराग
पुलिस ने जब बोलेरो नंबर की जांच की, तो पूरी साजिश सामने आ गई। जांच में पता चला कि यह गिरोह गोरखपुर जिले से आता था, वारदात को अंजाम देता और फिर उसी दिन लौट जाता था।
गिरफ्तार हुए चार आरोपी
कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बोलेरो ड्राइवर आकाश, और तीन महिलाओं — मनीता, काजल और रानी को गिरफ्तार किया है। ये सभी गोरखपुर के गोला थाना क्षेत्र के कोहरा बुजुर्ग गांव के निवासी हैं। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कई घटनाओं को अंजाम देने की बात स्वीकार की है।
क्यों थे इतने सफल?
इन लुटेरी महिलाओं की सबसे बड़ी ताकत थी — उनकी भोली सूरत और बातचीत का अंदाज़। राह चलती महिलाओं को बातों में उलझाकर वे आसानी से उनके गहने चोरी कर लेती थीं। चूंकि वे खुद महिलाएं थीं, इसलिए किसी को उन पर शक भी नहीं होता था।
पुलिस की तत्परता से अपराधी पकड़े गए
सीओ टांडा शुभम कुमार ने बताया कि गाड़ी नंबर के आधार पर जल्द ही जांच की गई और आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए। बोलेरो को घटनास्थल पर छोड़कर भागने की वजह से पुलिस को इन तक पहुंचने में आसानी हुई।
यह घटना न सिर्फ महिलाओं को सजग रहने की सीख देती है, बल्कि यह भी बताती है कि अपराधी किस तरह अपनी पहचान छिपाकर समाज में घुल-मिल जाते हैं। अंबेडकरनगर पुलिस की सतर्कता और पीड़िता की सक्रियता से इस गिरोह का भंडाफोड़ संभव हो सका।
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