Monday, July 21, 2025
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बिजली निजीकरण के खिलाफ बगावत! यूपी में अभियंताओं ने छेड़ा निर्णायक आंदोलन

उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में अभियंताओं और कर्मचारियों ने निर्णायक आंदोलन की घोषणा की है। जानें आंदोलन की रणनीति और आगामी कार्यवाही।

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में विद्युत निजीकरण के विरुद्ध संघर्ष तेज हो गया है। रविवार को उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक में निजीकरण के विरुद्ध निर्णायक संघर्ष का संकल्प दोहराया गया। इस बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि अभियंता प्रबंधन के किसी भी निजीकरण विकल्प को स्वीकार नहीं करेंगे।

निजीकरण के विरोध में एकजुट हुए अभियंता और कर्मचारी संगठन

पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ अभियंता संगठनों ने दो टूक रुख अपनाते हुए निजीकरण के सभी प्रबंधन विकल्पों को खारिज कर दिया। साथ ही, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा घोषित 29 मई के कार्य बहिष्कार को सफल बनाने के लिए भी रणनीति तय की गई।

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कार्य बहिष्कार से पहले असहयोग आंदोलन की शुरुआत

संघ के महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर ने जानकारी दी कि 26 मई से अभियंता कार्यालय समय के बाद प्रबंधन से पूर्ण असहयोग करेंगे। इस दौरान किसी भी प्रशासनिक बैठक, वीडियो कांफ्रेंसिंग या संवाद में भाग नहीं लेंगे। हालांकि, आम उपभोक्ताओं की बिजली सेवा बाधित न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा।

संगठन बोले—निजीकरण रोकने के लिए आंदोलन ही अंतिम उपाय

राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन की हाईपावर कमेटी ने भी निजीकरण के विरोध में आंदोलन को आवश्यक बताया। संगठन के महासचिव बलबीर यादव ने कहा कि अब संघर्ष ही एकमात्र विकल्प है। समिति की बैठक में 29 मई को प्रस्तावित कार्य बहिष्कार को सफल बनाने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए।

उपभोक्ताओं को साथ लेकर आंदोलन का ऐलान

26 से 28 मई तक उपभोक्ताओं को साथ लेकर आंदोलन चलाने की योजना बनाई गई है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि भीषण गर्मी के बीच प्रबंधन जानबूझकर हड़ताल का माहौल बना रहा है, जबकि समिति ने अब तक कोई हड़ताल नोटिस जारी नहीं किया है। सभी जिलों के बिजली कर्मचारियों को यह निर्देश भी दिए गए हैं कि वे बिजली व्यवस्था में किसी भी प्रकार की कृत्रिम गड़बड़ी की संभावना पर सतर्क नजर रखें।

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उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि वे निजीकरण के किसी भी प्रयास को स्वीकार नहीं करेंगे। संघर्ष समिति की ओर से उपभोक्ताओं की सेवा बनाए रखने का भरोसा दिलाते हुए आंदोलन को निर्णायक बनाने की पूरी तैयारी कर ली गई है।

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