Monday, July 21, 2025
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36 साल की उम्र में 36 मुकदमे, बीवी-बच्चों की कसम खाकर जुर्म की दुनिया से किया तौबा

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में 36 आपराधिक मामलों में शामिल आरोपी दलवीर ने अपने पूरे परिवार के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। बच्चे के सिर पर हाथ रखकर अपराध से तौबा की और दोबारा अपराध न करने की कसम खाई।

ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

मैनपुरी, उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में एक चौंकाने वाला लेकिन प्रेरणादायक मामला सामने आया है, जहां 36 आपराधिक मामलों में वांछित एक अपराधी ने आत्मग्लानि से प्रेरित होकर अपने पूरे परिवार के साथ पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।

गौरतलब है कि नगला मूले गांव, कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी दलवीर पुत्र सुरेश चंद ने अपर पुलिस अधीक्षक के सामने आत्मसमर्पण किया। दलवीर ने अपने बच्चे के सिर पर हाथ रखकर यह कसम खाई कि वह अब दोबारा किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधि में लिप्त नहीं होगा।

अपराध की दुनिया से वापसी की भावुक दास्तान

दलवीर ने पुलिस अधिकारियों के समक्ष यह स्वीकार किया कि वह गलत संगत में पड़कर अपराध की ओर बढ़ा। दोस्तों की संगत में लूट और चोरी जैसी घटनाओं को अंजाम देता गया और इस तरह उसके खिलाफ 36 मुकदमे दर्ज हो गए।

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पत्नी बनी प्रेरणा, परिवार ने दिया साथ

महत्वपूर्ण रूप से, दलवीर की इस वापसी में उसकी पत्नी की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। वह अपने पति को सुधरते देखना चाहती थी और इसी उद्देश्य से उसे एसपी कार्यालय लेकर आई। परिवार की उपस्थिति में आत्मसमर्पण करते समय दलवीर ने फिर से अपराध की राह पर न जाने की शपथ ली।

पुलिस की प्रतिक्रिया

एसपी ग्रामीण राहुल मिठास की मौजूदगी में आत्मसमर्पण की यह प्रक्रिया पूरी हुई। पुलिस अधिकारियों ने इसे एक सकारात्मक पहल बताया और संकेत दिया कि यदि दलवीर भविष्य में सुधर कर समाज की मुख्यधारा में लौटता है, तो उसे कानूनी मदद और पुनर्वास के अवसर दिए जा सकते हैं।

दलवीर को 26 महीने पहले पुलिस ने आपराधिक गतिविधियों के चलते गिरफ्तार कर जेल भेजा था, और 7 दिन पूर्व ही वह रिहा हुआ है। जेल से बाहर आते ही उसने अपने परिवार के सहयोग से अपराध की दुनिया को अलविदा कहने का साहसिक निर्णय लिया।

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यह घटना न केवल एक व्यक्ति के जीवन में आए सकारात्मक बदलाव की मिसाल है, बल्कि यह भी दिखाती है कि यदि परिवार का समर्थन और आत्मबोध हो, तो कोई भी व्यक्ति सुधार की राह पर लौट सकता है। पुलिस प्रशासन की इस मामले में संवेदनशील भूमिका भी प्रशंसा के योग्य है।

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