यूपी ATS की जांच में धर्मांतरण रैकेट का सनसनीखेज खुलासा—‘भारत प्रतीकार्थ सेवा संघ’ की आड़ में चल रहा था 100 करोड़ से अधिक का अवैध नेटवर्क। मास्टरमाइंड छांगुर बाबा और ईदुल इस्लाम के खिलाफ संगीन आरोप, इस्लामिक संगठनों ने की निंदा।
🌐 चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर चल रही बहस और राजनीति के बीच यूपी एटीएस (ATS) की जांच ने एक बड़े षड्यंत्र की परतें उधेड़ दी हैं। ‘भारत प्रतीकार्थ सेवा संघ’ नामक संस्था की आड़ में चल रहा यह धर्मांतरण रैकेट किसी छोटे-मोटे प्रयास का नतीजा नहीं, बल्कि एक योजनाबद्ध और संगठित षड्यंत्र था। इस रैकेट का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा, जिसे अवध प्रांत का महासचिव भी घोषित किया गया था।
📌 फर्जी लेटर पैड पर PM मोदी की तस्वीर और RSS से फर्जी जुड़ाव
सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि संस्था के फर्जी लेटर पैड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाई गई थी। इसके अलावा, छांगुर बाबा और उसके सहयोगी ईदुल इस्लाम द्वारा दावा किया जा रहा था कि संस्था का संबंध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से है और इसका मुख्यालय नागपुर में स्थित है।
यही नहीं, ईदुल इस्लाम ने छांगुर बाबा को अवध प्रांत का महासचिव घोषित कर उसे RSS नेताओं का करीबी बताने की कोशिश की। यही झूठ स्थानीय अफसरों और जनप्रतिनिधियों के बीच फैलाकर कई जमीनों और योजनाओं को अपने पक्ष में मोड़ने की साजिश भी रची गई।
🕵️♀️ ईदुल इस्लाम—मुख्य साजिशकर्ता
जांच में यह बात साफ हो चुकी है कि इस पूरे नेटवर्क का संचालन ईदुल इस्लाम कर रहा था, जिसने संस्था के फर्जी कागज़ात तैयार किए और सरकारी तंत्र में घुसपैठ कर फर्जी तरीके से ग्राम समाज की ज़मीनें हथियाने में मदद की। एफआईआर में ईदुल इस्लाम को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है।
📿 फतवा और मुस्लिम धर्मगुरुओं की कड़ी प्रतिक्रिया
धर्मांतरण के इस गंभीर मामले में अब मुस्लिम समाज के भीतर से भी तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बरेली से फतवा जारी कर छांगुर बाबा को “इस्लाम का दुश्मन” करार दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि:
“इस्लाम न तो जबरन धर्म परिवर्तन की इजाजत देता है, न ही किसी प्रकार की लालच से धर्म परिवर्तन जायज़ ठहराता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना ने मुस्लिम समाज की छवि को नुकसान पहुंचाया है और ऐसी गतिविधियों से मुस्लिम समाज को सख्ती से दूरी बनानी चाहिए।
🧨 100 करोड़ की फंडिंग और विदेशी पैसे की जांच में जुटी ईडी
छांगुर बाबा के नेटवर्क की जड़ें सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं थीं। जांच में पता चला है कि इस गिरोह ने गैर-मुस्लिम लड़कियों की मुस्लिम युवकों से शादी कराकर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया। इसके लिए विदेशी फंडिंग और भारी मात्रा में आर्थिक संसाधनों का दुरुपयोग किया गया।
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) अब इस पूरे नेटवर्क की विदेशी फंडिंग की तह में जाने के लिए सक्रिय हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, नेटवर्क की आर्थिक ताकत 100 करोड़ रुपये से भी अधिक थी। पुलिस पहले ही बलरामपुर के उतरौला स्थित छांगुर बाबा के आलीशान फार्महाउस को ध्वस्त कर चुकी है।
🧑🦳 छांगुर बाबा—एक धोखा, एक छलावा
जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा कभी बलरामपुर के उतरौला कस्बे में एक सामान्य नागरिक के तौर पर जाना जाता था। परंतु धीरे-धीरे उसने खुद को “आध्यात्मिक गुरु” के रूप में प्रचारित करना शुरू किया और फिर एक संगठित नेटवर्क तैयार कर लिया।
अब जबकि सच्चाई सामने आ चुकी है, उसकी हर गतिविधि पर सवाल खड़े हो रहे हैं। धार्मिक आस्था को बहकाने, लालच और झूठे वादों के जरिए धर्म परिवर्तन कराने जैसे गंभीर आरोपों ने उसे न सिर्फ कानून का दोषी बना दिया है, बल्कि धार्मिक व सामाजिक स्तर पर भी बहिष्कृत कर दिया गया है।
धर्म के नाम पर अपराध की सजा तय है
इस पूरे मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि धर्म के नाम पर किसी भी प्रकार की जबरदस्ती, लालच या छल भारतीय संविधान, सामाजिक मूल्यों और धार्मिक शिक्षाओं के खिलाफ है। छांगुर बाबा और ईदुल इस्लाम ने न केवल कानून तोड़ा बल्कि लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ भी खेला।
आज जरूरत है कि ऐसे तत्वों को कठोरतम सजा देकर यह संदेश दिया जाए कि भारत में धर्म की आड़ में अपराध स्वीकार नहीं किया जाएगा।
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