Monday, July 21, 2025
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बयान पर बवाल : तलवारें लहराईं, हाईवे जाम, करणी सेना के उग्र प्रदर्शन में अखिलेश को धमकी

आगरा में करणी सेना और 40 क्षत्रिय संगठनों ने सांसद रामजी लाल सुमन के बयान के विरोध में उग्र प्रदर्शन किया। राणा सांगा की जयंती पर आयोजित रक्त स्वाभिमान सम्मेलन में एक प्रदर्शनकारी ने अखिलेश यादव को गोली मारने की धमकी तक दे डाली।

आगरा। शनिवार को आगरा के गढ़ी रामी क्षेत्र में करणी सेना और अन्य 40 से अधिक क्षत्रिय संगठनों का जमावड़ा एक रक्त स्वाभिमान सम्मेलन के रूप में देखने को मिला, लेकिन जल्द ही यह आयोजन एक उग्र विरोध प्रदर्शन में बदल गया। मामला समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के उस बयान से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने राजपूत राजा राणा सांगा की भूमिका पर प्रश्न उठाते हुए उन्हें बाबर का समर्थक बताया था।

तलवारें लहराईं, सड़क पर हंगामा

प्रदर्शनकारियों ने पीले और केसरिया स्कार्फ पहनकर राणा सांगा की जय-जयकार करते हुए तलवारें, भाले और लाठियां लहराईं। कई स्थानों पर बैरिकेडिंग को तोड़ा गया, और नेशनल हाईवे पर जाम लगाकर स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया।

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अखिलेश यादव को मिली गोली मारने की धमकी

इस दौरान एक प्रदर्शनकारी ने प्राइवेट चैनल से बातचीत में अखिलेश यादव को गोली मारने की धमकी दे डाली। उसने कहा,

“अगर कोई हमारे पिता समान राजा राणा सांगा को गाली देगा, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। मैं खुद जाकर अखिलेश यादव को गोली मार दूंगा।”

रामजी लाल सुमन को बर्खास्त करने की मांग

प्रदर्शनकारियों ने यह भी मांग की कि सांसद रामजी लाल सुमन को पद से हटाया जाए। करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष संदीप सिंह ने चेतावनी दी कि यदि सुमन माफी नहीं मांगते, तो अगली रणनीति जल्द ही बनाई जाएगी।

संसद में दिए बयान से भड़के क्षत्रिय संगठन

यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब 21 मार्च को राज्यसभा में सुमन ने कहा कि

“राणा सांगा ने बाबर को भारत बुलाया था और अगर मुसलमानों को बाबर का वंशज कहा जाता है, तो राजपूतों को राणा सांगा जैसे गद्दार का वंशज क्यों न कहा जाए?”

इस बयान के बाद से अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा, करणी सेना, और अन्य संगठनों ने गहरा रोष जताया।

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सांसद के घर पर हमला और पुलिस अलर्ट

इससे पहले, 26 मार्च को करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने रामजी लाल सुमन के आवास पर हमला कर तोड़फोड़ की थी। पुलिस ने इस बार त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के तहत 24 प्रमुख बिंदुओं पर सुरक्षा बल तैनात किए और आसपास के जिलों – मेरठ, मैनपुरी और झांसी से अतिरिक्त फोर्स मंगाई गई।

प्रशासन और राजनीति आमने-सामने

करणी सेना ने चेतावनी दी थी कि अगर शाम 5 बजे तक माफी नहीं मांगी गई, तो वे सांसद के घर की ओर मार्च करेंगे। जवाब में सपा के स्थानीय समर्थक भी इकट्ठा होने लगे, जिससे टकराव की स्थिति बन गई।

हालांकि, वरिष्ठ अधिकारियों और बीजेपी नेताओं के हस्तक्षेप से तनावपूर्ण स्थिति को टाल दिया गया और मार्च वापस ले लिया गया।

➡️ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

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