Monday, July 21, 2025
spot_img

अलीगढ़ की सरहदें बंद! अखिलेश यादव के खिलाफ खुली चुनौती, कौन दे रहा है धमकी?

अलीगढ़ दौरे पर आ रहे अखिलेश यादव को लेकर सियासी पारा चढ़ गया है। क्षत्रिय महासभा और कई हिंदू संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है। प्रशासन हाई अलर्ट पर है, सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के अलीगढ़ दौरे से पहले राजनीतिक सरगर्मी चरम पर पहुंच गई है। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने उनके आगमन का जोरदार विरोध करने की घोषणा की है। यही नहीं, अन्य हिंदू संगठनों ने भी इस विरोध में शामिल होकर अखिलेश यादव को अलीगढ़ में प्रवेश न करने देने का ऐलान किया है।

विरोध की वजह क्या है?

इस विवाद की जड़ समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के विवादित बयान से जुड़ी है, जिसका समर्थन अखिलेश यादव ने सार्वजनिक रूप से किया। क्षत्रिय महासभा का आरोप है कि यह समर्थन केवल एक राजनीतिक फैसला नहीं, बल्कि एक रणनीतिक चाल है जिससे क्षत्रिय समाज का अपमान हुआ है। महासभा के पदाधिकारियों ने इसे “क्षत्रिय स्वाभिमान की लड़ाई” करार दिया है।

इसे भी पढें  भाजपा के सक्रिय सदस्यों का सम्मेलन सम्पन्न, पार्टी की नीतियों और उपलब्धियों पर डाला गया प्रकाश

प्रशासन सतर्क, सुरक्षा चाक-चौबंद

वहीं, हालात की गंभीरता को देखते हुए अलीगढ़ प्रशासन और पुलिस महकमा अलर्ट मोड में आ गया है। पुलिस बल को हाई अलर्ट पर रखा गया है और संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती कर दी गई है। शहर में कई जगह बैरिकेडिंग की गई है और गश्त भी बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटा जा सके।

निजी यात्रा, लेकिन सियासी बवाल

गौरतलब है कि अखिलेश यादव अलीगढ़ में एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने आ रहे हैं। वह अलीगढ़ एयरपोर्ट पर लैंड करेंगे और फिर सड़क मार्ग से एक निजी गेस्ट हाउस पहुंचेंगे। हालांकि यह दौरा पूरी तरह निजी बताया जा रहा है, फिर भी राजनीतिक माहौल काफी गर्म हो गया है।

क्या कहती है क्षत्रिय महासभा?

जिलाध्यक्ष विवेक चौहान ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि वे अखिलेश यादव के काफिले को अलीगढ़ में प्रवेश नहीं करने देंगे। उनके अनुसार यह विरोध केवल एक राजनेता के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए है। कई अन्य हिंदू संगठनों ने भी इस आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है।

इसे भी पढें  नेता बन पछताई "कंगना" : बोलीं, ‘50-60 हज़ार ही बचते हैं हाथ में’, राजनीति को बताया सबसे महंगा शौक

अखिलेश यादव का यह दौरा जितना निजी बताया जा रहा है, उतना ही राजनीतिक रूप से संवेदनशील भी बनता जा रहा है। देखना यह होगा कि प्रशासन की सतर्कता और सुरक्षा व्यवस्था इस टकराव को रोक पाने में कितनी सफल होती है।

➡️ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
22,400SubscribersSubscribe

ममता और मासूमियत का ऐसा दुखद अंत… रात एक ही साथ सोए और सुबह साथ उठी दो अर्थियाँ

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में बरसात की रात दर्दनाक हादसा—शुक्ल छपरा गांव में एक ही खाट पर सो रहे दादी-पोते की सांप के...

राजपूत क्षत्रिय समाज में केंद्रीय युवा मंडल का गठन, बिलासपुर के प्रांशु क्षत्रिय को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी

राजपूत क्षत्रिय महासभा छत्तीसगढ़ द्वारा रायपुर में केंद्रीय युवा मंडल का गठन किया गया। बिलासपुर के प्रांशु क्षत्रिय को केंद्रीय युवा उपाध्यक्ष नियुक्त किया...
- Advertisement -spot_img
spot_img

“दंगा कराने के लिए परेशान है समाजवादी पार्टी, अखिलेश यादव का बिगड़ रहा मानसिक संतुलन” — ओमप्रकाश राजभर का बड़ा हमला

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी पर प्रदेश में दंगा कराने की साजिश का आरोप लगाया। अखिलेश यादव पर मानसिक...

नाम की राजनीति पर भड़की जनता—हरदोई को चाहिए सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य… संस्कार नहीं

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले का नाम बदलकर "प्रह्लाद नगरी" करने के प्रस्ताव ने राजनीतिक और सामाजिक बहस को जन्म दे दिया है। जानिए...