Monday, July 21, 2025
spot_img

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बड़ा धमाका तय! निष्क्रिय नेताओं की छुट्टी, नए चेहरों को कमान

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस संगठन में जल्द होंगे बड़े बदलाव। सचिन पायलट की बैठक के बाद नए चेहरे और निष्क्रिय पदाधिकारियों की छुट्टी की तैयारी। जानिए पूरी रणनीति।

हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट

रायपुर। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इस वर्ष संगठन को फिर से जीवंत और मजबूत करने की दिशा में गंभीरता से काम कर रहा है। हालिया घटनाक्रमों और बैठकों के संकेतों के अनुसार, इसका प्रभाव छत्तीसगढ़ जैसे महत्वपूर्ण राज्य में शीघ्र ही दिखाई देने वाला है। संगठन को धार देने और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरने की दिशा में कांग्रेस अब पुराने ढर्रे को छोड़कर निर्णायक कदम उठाने जा रही है।

सचिन पायलट की बैठक से बदली रणनीति

पिछले दिनों प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने राजधानी में लंबी मैराथन बैठक की, जिसमें कांग्रेस संगठन की जमीनी हकीकत पर गहन मंथन किया गया। इस बैठक में यह स्पष्ट हुआ कि अब पार्टी निष्क्रिय पदाधिकारियों को लेकर नहीं चल सकती। इसीलिए अब रणनीति बदली जा रही है, और सक्रिय कार्यकर्ताओं को अधिकतम जिम्मेदारी देने की तैयारी है।

Read  ✒️ पत्रकार संगठनों के नाम पर मचा है गोरखधंधा, प्रेस की गरिमा दांव पर

भीड़ से तय होगा नेताओं का जनाधार

7 जुलाई को राजधानी रायपुर में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की प्रस्तावित विशाल जनसभा भी इस बदलाव की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इस सभा के लिए कांग्रेस ने सभी स्तर के पदाधिकारियों और संगठनों के प्रमुखों को भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी है।

बारिश और खेत-खलिहानों के व्यस्त मौसम में भीड़ जुटाना चुनौतीपूर्ण रहेगा, लेकिन इसी चुनौती से नेताओं की जमीन पर पकड़ का आकलन भी किया जाएगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार, जो नेता जितनी अधिक भीड़ लाएगा, उसकी संगठनात्मक ताकत उतनी ही मानी जाएगी। इस आधार पर आगामी संगठन विस्तार में उनकी भूमिका तय की जाएगी।

सालों से जमी महिला अध्यक्ष का कोई विकल्प नहीं!

यह भी उल्लेखनीय है कि महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष लंबे समय से अपने पद पर बनी हुई हैं। आश्चर्यजनक रूप से पार्टी को उनका कोई प्रभावशाली विकल्प अब तक नहीं मिला है। यह संगठन की सुस्ती और कार्यकर्ता विकास की दिशा में कमी को भी दर्शाता है।

Read  पब्लिक स्कूल के छात्रों का नीर्वा कंपनी में इंडस्ट्रियल विज़िट, व्यावहारिक अनुभव से हुए लाभान्वित

गुटबाजी से बिगड़ रही है तस्वीर

कांग्रेस की सबसे बड़ी समस्या भीतरी गुटबाजी बन गई है, जो सत्ता में वापसी के बाद और भी गहरी हो गई है। वरिष्ठ नेताओं के बीच आपसी सामंजस्य की कमी का नतीजा यह हुआ है कि जिलाध्यक्ष के चयन जैसे सामान्य मामलों के लिए भी अब पर्यवेक्षक नियुक्त करने की नौबत आ गई है।

हालांकि उम्मीद की जा रही थी कि सत्ता में वापसी से एकजुटता आएगी, लेकिन गुटबाजी ने संगठन विस्तार को भी अवरुद्ध कर रखा है। लगातार बैठकें और संवाद के बावजूद खेमेबाजी कम होने का नाम नहीं ले रही।

हर महीने होगी पीसीसी समीक्षा बैठक

अब पार्टी ने एक सख्त निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) में हर महीने ब्लॉक और जिला कांग्रेस कमेटियों की रिपोर्ट की समीक्षा की जाएगी। यह समीक्षा प्रत्येक माह की 25 से 30 तारीख के बीच अनिवार्य रूप से होगी। इससे संगठन के कामकाज की निगरानी और सुधार दोनों संभव हो सकेंगे।

निष्क्रिय पदाधिकारियों पर गिरेगी गाज

सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस संगठन अब उन पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी में है जो केवल पद के नाम पर घर बैठे हुए हैं और पार्टी गतिविधियों से पूरी तरह कटे हुए हैं। इनकी जगह अब नए और सक्रिय कार्यकर्ताओं को पद दिए जाएंगे, जो बिना किसी पद के भी पार्टी के लिए लगातार मेहनत कर रहे हैं।

Read  गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के एनएसएस कैंप में जबरन नमाज़ पढ़वाने का आरोप, जांच कमेटी गठित

ऐसे कई कार्यकर्ता संगठन की नजर में हैं, जो जिलाध्यक्ष पद जैसे जिम्मेदार पदों के योग्य माने जा रहे हैं। यह बदलाव पार्टी को न सिर्फ मजबूत करेगा, बल्कि जमीनी कार्यकर्ताओं को भी सम्मान देगा।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अब अपनी संगठनात्मक जड़ें मजबूत करने के लिए नए कदम उठा रही है। सचिन पायलट की पहल, मल्लिकार्जुन खरगे की आगामी सभा, और हर महीने की समीक्षा नीति इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती हैं। निष्क्रियता और गुटबाजी के दौर से निकलकर पार्टी अगर सही दिशा में आगे बढ़ती है, तो 2024 और उसके बाद के चुनावों में यह रणनीति निर्णायक भूमिका निभा सकती है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
22,400SubscribersSubscribe

नाम की राजनीति पर भड़की जनता—हरदोई को चाहिए सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य… संस्कार नहीं

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले का नाम बदलकर "प्रह्लाद नगरी" करने के प्रस्ताव ने राजनीतिक और सामाजिक बहस को जन्म दे दिया है। जानिए...

फर्जी दस्तखत, फर्जी मरीज, फर्जी खर्च! डॉ. शैलेन्द्र सिंह ने सरकारी योजना को बनाया पैसा उगलने की मशीन

चित्रकूट के रामनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. शैलेन्द्र सिंह पर लगे भारी वित्तीय अनियमितताओं और आयुष्मान योजना के दुरुपयोग के आरोप। पढ़ें...
- Advertisement -spot_img
spot_img

नगर प्रशासन और तहसील की लापरवाही से फूटा जमीनी विवाद का गुस्सा, भाजपा बूथ अध्यक्ष समेत परिवार पर जानलेवा हमला

अर्जुन वर्मा की रिपोर्ट  गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती भाजपा बूथ अध्यक्ष व उनके परिवार पर जमीनी विवाद को लेकर हमला। चार साल से प्रशासन...

अस्पताल में मानवता शर्मसार: ऑक्सीजन के लिए तड़पता मरीज ज़मीन पर बैठा, अखिलेश यादव ने सरकार पर बोला हमला

जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ सदर अस्पताल में एक टीबी मरीज की ज़मीन पर बैठकर ऑक्सीजन लेने की वायरल तस्वीर ने प्रदेश...