Sunday, July 20, 2025
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सुरक्षा में सेंध ; विदेशी आए, ठहरे और निकल भी गए… प्रशासन के पास कोई सूचना नहीं, होटल में कोई रिकॉर्ड नहीं…

उत्तर प्रदेश के नेपाल सीमा से सटे जिलों में फार्म सी और फार्म एस की अनदेखी से सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी प्रणाली प्रभावित हो रही है। गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट में पंजीकरण में लापरवाही और डिजिटल व्यवस्था की अनदेखी को गंभीर चिंता बताया है।

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

गोंडा। उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में विदेशी नागरिकों की निगरानी को लेकर एक गंभीर चूक सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार महराजगंज, सिद्धार्थनगर, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर और पीलीभीत जैसे जिलों में होटल, अस्पताल और शैक्षणिक संस्थान फार्म सी और फार्म एस भरने में लापरवाही बरत रहे हैं।

इसके साथ ही, इन संस्थानों द्वारा न तो डिजिटल पोर्टल पर पंजीकरण कराया गया है और न ही समय से जानकारी साझा की जा रही है। गृह मंत्रालय को जब इस खामी की जानकारी मिली, तो एसपी कानून-व्यवस्था मनोज कुमार अवस्थी ने सभी जिलों के पुलिस एवं खुफिया अधिकारियों को पत्र जारी कर तत्काल सुधार के निर्देश दिए।

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क्या है फार्म सी और फार्म एस?

फार्म सी

यह फार्म होटल, गेस्ट हाउस, धर्मशाला या किसी भी आवासीय संस्थान को भरना होता है जब कोई विदेशी नागरिक उनके यहां ठहरता है। इस फार्म को 24 घंटे के भीतर ऑनलाइन पोर्टल https://indianfrro.gov.in/frro/FormC पर भरना अनिवार्य है।

इसमें व्यक्ति का नाम, पासपोर्ट नंबर, वीज़ा डिटेल, फोटो और ठहरने की अवधि जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल होती हैं।

फार्म एस

यह फार्म उन शैक्षणिक संस्थानों द्वारा भरा जाता है जहां विदेशी छात्र पढ़ाई कर रहे होते हैं। इसमें छात्र की उपस्थिति, परीक्षा परिणाम, वीज़ा विवरण, और पासपोर्ट संबंधी जानकारी होती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्र वैध रूप से अध्ययन के लिए भारत में रह रहा है।

असंगठित व्यवस्था से सुरक्षा पर संकट

दरअसल, रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि कई जगह अब भी पुराने मैनुअल फार्म स्थानीय खुफिया इकाइयों (LIU) को देरी से भेजे जा रहे हैं। इनमें अधिकांश जानकारी या तो अधूरी होती है या फिर गलत। इससे न केवल विदेशी नागरिकों की गतिविधियों पर निगरानी मुश्किल हो जाती है, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों को यह तक नहीं पता होता कि कोई विदेशी किस उद्देश्य से आया है, कब तक रुकेगा, और कहीं वह किसी संदिग्ध गतिविधि में संलिप्त तो नहीं।

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गृह मंत्रालय ने जताई कड़ी आपत्ति

गृह मंत्रालय से प्राप्त रिपोर्ट के बाद मामले की गंभीरता को समझते हुए पुलिस प्रशासन को सख्त निर्देश दिए गए हैं। एसपी कानून-व्यवस्था मनोज कुमार अवस्थी द्वारा जारी पत्र में साफ कहा गया है कि:

  • अब किसी भी संस्थान से मैनुअल फार्म स्वीकार न किए जाएं।
  • सभी होटल, अस्पताल, और शैक्षणिक संस्थानों को पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराना होगा।
  • सी और एस फार्म समय से डिजिटल रूप में भरे जाएं।
  • जो संस्थान इस नियम का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
  • नेपाल सीमा से सटी संवेदनशीलता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता

इन जिलों की भौगोलिक स्थिति नेपाल सीमा से सटी होने के कारण बेहद संवेदनशील है। इसलिए, विदेशी नागरिकों की गतिविधियों पर पूरी निगरानी जरूरी है। ऐसे में फार्म सी और फार्म एस की अनदेखी सीधे तौर पर देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती है।

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फार्म सी और फार्म एस की डिजिटल निगरानी प्रणाली देश की सुरक्षा के लिए एक अनिवार्य उपकरण है। इसकी अनदेखी न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि संभावित खतरे को भी बढ़ावा देती है। अब समय आ गया है कि इन जिलों में व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जाए और हर स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।

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