Monday, July 21, 2025
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बवाल के पीछे साजिश या भावनात्मक उबाल? कथावाचक विवाद के बाद फूटा गुस्सा, थाने का घेराव, पथराव, 19गिरफ्तारी

ग्राम दांदरपुर में कथावाचक की चोटी काटने की घटना के बाद भड़के बवाल पर काबू पाने के लिए पुलिस और पीएसी की 24 घंटे तैनाती। 19 उपद्रवियों की गिरफ्तारी के साथ पूरे क्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील किया गया।

ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

इटावा। ग्राम दांदरपुर में कथावाचक की चोटी काटने की घटना के बाद गुरुवार को फैले तनाव ने पूरे इलाके को सुलगा दिया। इसके विरोध में बड़ी संख्या में कथित समाजवादी पार्टी समर्थक युवाओं ने जमकर प्रदर्शन किया, थाने का घेराव किया और हाईवे पर जाम लगाया। वहीं, प्रशासन ने हालात को काबू में करने के लिए पूरे गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया है।

🔸 तनाव के बाद हालात तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में

गुरुवार को हुए घटनाक्रम के तुरंत बाद प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए दांदरपुर गांव और उसके आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त कर दिया है। गांव के प्रवेश मार्गों पर पुलिस और पीएसी की भारी तैनाती कर दी गई है। पांच प्रमुख प्वॉइंट—निवाड़ी कला चौराहा, अहेरीपुर की ओर जाने वाला मार्ग और गांव से जुड़ने वाले अन्य संपर्क मार्गों पर चौकसी बढ़ा दी गई है।

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🔸 दूसरे जनपदों से भी बुलाया गया फोर्स

गंभीर होते हालातों को देखते हुए प्रशासन ने अन्य जिलों से भी फोर्स की मांग की है। कानपुर देहात से एक क्षेत्राधिकारी (सीओ) और औरैया जनपद के कई थानों से पुलिस बल को दांदरपुर भेजा गया है। बकेवर थाना प्रभारी भूपेंद्र सिंह राठी ने बताया कि गांव में एक सेक्शन पीएसी को भी तैनात किया गया है, जो पूरे 24 घंटे मौजूद रहेगी। ड्यूटी रोटेशन के अनुसार पुलिस जवान दिन-रात गश्त पर रहेंगे।

🔸 19 उपद्रवियों की गिरफ्तारी

बवाल के दौरान जब पुलिस ने गांव में घुसने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को रोका, तो उन पर पथराव किया गया। इस घटना में कई पुलिसकर्मियों को हल्की चोटें आई हैं। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने मौके से 19 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। गिरफ्तारी के बाद गांव में तनाव तो बना हुआ है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है।

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🔸 राजनैतिक नारेबाज़ी ने बढ़ाई चिंता

इस पूरी घटना को राजनीतिक रंग देने की कोशिश भी की गई। कथावाचक के समर्थन में उतरे युवाओं ने ‘अखिलेश यादव जिंदाबाद’ के नारे लगाए, जिससे प्रशासन की चिंता और बढ़ गई। फिलहाल, प्रशासन किसी भी अफवाह और राजनीतिक भड़काव को रोकने के लिए सतर्क है।

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