Monday, July 21, 2025
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‘मिशन सौगंध’, आकाश में खड़े हाथ और शपथ लेते ये लोग कोई आम नहीं, बल्कि अपराधी हैं

बागपत पुलिस ने ‘मिशन सौगंध’ के तहत गोली नहीं, बोली से अपराधियों को सुधारा। एसपी सूरज कुमार राय की पहल से 120 से अधिक अपराधियों ने ईश्वर को साक्षी मान अपराध से तौबा की। जानिए यूपी पुलिस की इस नई सोच का असर।

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश में अपराध के खिलाफ योगी सरकार की ‘ठोंको नीति’ काफी समय तक सुर्खियों में रही। अपराधियों को गोली मारने की कार्रवाई आम होती जा रही थी, जिसे ‘ऑपरेशन लंगड़ा‘ का नाम दिया गया था। इस ऑपरेशन ने अपराधियों के बीच डर जरूर पैदा किया, लेकिन अब इस राह से हटकर बागपत पुलिस ने अपराध के खिलाफ एक नई सोच के साथ कदम आगे बढ़ाया है।

मिशन सौगंध’—जहां चली बोली, नहीं गोली

बागपत जिले में पुलिस अधीक्षक सूरज कुमार राय के नेतृत्व में ‘मिशन सौगंध’ की शुरुआत हुई है। इस पहल में न कोई हथियार उठा, न कोई एनकाउंटर हुआ—बल्कि संवाद की ताकत का सहारा लिया गया। पुलिस ने अपराधियों से सीधे संवाद स्थापित कर उन्हें यह विश्वास दिलाया कि सुधार की राह भी कानून के दायरे में मुमकिन है।

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शपथ के साथ अपराध से तौबा

इस विशेष मिशन के तहत जिले भर के 120 कुख्यात अपराधियों को थानों और चौकियों में बुलाया गया। बड़ौत कोतवाली, बागपत कोतवाली, खेकड़ा कोतवाली सहित जिले के सभी प्रमुख पुलिस ठिकानों पर इन अपराधियों ने खुले मैदान में सार्वजनिक रूप से ईश्वर को साक्षी मानकर शपथ ली कि अब वे अपराध का रास्ता छोड़ देंगे और कानून का पालन करेंगे।

हथियारबंद नहीं, हृदय परिवर्तन से बदली राह

इन तस्वीरों में जो लोग हाथ उठाकर शपथ लेते दिख रहे हैं, वे कोई आम नागरिक नहीं, बल्कि वे अपराधी हैं जिन पर लूट, हत्या, रंगदारी, शराब और नशा तस्करी जैसे गंभीर आरोप हैं। फिर भी, उन्हें बदलने के लिए पुलिस ने संवाद को चुना, जो अपने आप में एक अनूठा और प्रभावशाली प्रयोग है।

एसपी सूरज कुमार राय की नई रणनीति

एसपी सूरज कुमार राय का यह प्रयास बताता है कि पुलिसिंग केवल दंड नहीं, बल्कि सुधार और संवाद की प्रक्रिया भी हो सकती है। उनका मानना है कि यदि अपराधियों को एक मौका दिया जाए तो वे समाज की मुख्यधारा में लौट सकते हैं।

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पुलिसिंग में सकारात्मकता का नया उदाहरण

इस मिशन ने उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि को एक नया आयाम दिया है। जहां पहले यूपी पुलिस को केवल एनकाउंटर और कठोर कार्रवाई के लिए जाना जाता था, अब वही पुलिस संवेदनशील, संवादशील और सामाजिक बदलाव की वाहक बनकर सामने आई है।

‘मिशन सौगंध’ केवल एक अभियान नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश में पुलिसिंग के बदलते दृष्टिकोण की मिसाल है। यह दिखाता है कि यदि नीयत सही हो और नीति स्पष्ट, तो बोली भी गोली से ज्यादा असरदार साबित हो सकती है। बागपत पुलिस का यह प्रयास देश के अन्य हिस्सों के लिए एक प्रेरणा बन सकता है।

अगर आप भी मानते हैं कि अपराध खत्म करने के लिए बदलाव सोच से शुरू होता है, तो ‘मिशन सौगंध’ को सलाम करने का वक्त है।

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