राहुल गांधी द्वारा पाकिस्तान को लेकर दिए गए बयान पर बीजेपी नेता बृज भूषण शरण सिंह ने उठाए सवाल। उन्होंने इसे सेना और देश के सम्मान के खिलाफ बताया। जानिए पूरे विवाद की पृष्ठभूमि और राजनीतिक निहितार्थ।
अब्दुल मोबीन सिद्दीकी की रिपोर्ट
पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत में विदेश नीति को लेकर विपक्षी दलों की ओर से आलोचना का दौर तेज हो गया है। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान को लेकर बीजेपी ने जोरदार हमला बोला है।
बीजेपी नेता और पूर्व सांसद बृज भूषण शरण सिंह ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि उनके बयान पाकिस्तान में सराहे जाते हैं, जो कि भारत और सेना के सम्मान के खिलाफ है।
बृज भूषण शरण सिंह ने क्या कहा?
ANI को दिए गए बयान में बृज भूषण शरण सिंह ने कहा:
“राहुल गांधी ऐसे बयान देते हैं जो पाकिस्तान में स्वागत पाते हैं। क्या यह उनके लिए गर्व की बात है?”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऐसे बयान पाकिस्तान को लाभ पहुँचाते हैं और कांग्रेस को भी राजनीतिक रूप से नुकसान होता है। बृज भूषण ने राहुल गांधी से आत्ममंथन की सलाह देते हुए कहा कि विपक्ष को देश की विदेश नीति पर टिप्पणी करते समय जिम्मेदारी का पालन करना चाहिए।
पाकिस्तान में राहुल गांधी के बयान को लेकर मचा राजनीतिक घमासान
बृज भूषण सिंह ने आगे कहा-
“राहुल गांधी की बातें पाकिस्तान में सराहना पाती हैं। वह सेना की कमजोरी की बात करते हैं और हार स्वीकार करते हैं। क्या यह कांग्रेस के लिए गर्व की बात है?”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी के बयान पाकिस्तान के मीडिया में व्यापक रूप से प्रसारित होते हैं, जिससे भारत की छवि को नुकसान पहुंचता है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद उठा विवाद
इस बयानबाज़ी की पृष्ठभूमि में 10 मई को हुए ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद पाकिस्तान के साथ सीजफायर की घटनाएँ हैं। राहुल गांधी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा पाकिस्तान से “जानकारी साझा करने” संबंधी बयान पर तीखी आलोचना की थी।
इसके बाद बीजेपी नेताओं ने राहुल गांधी पर लगातार हमले शुरू कर दिए हैं, जिसमें उन्हें ‘देशविरोधी बयानों का पोस्टर बॉय’ तक कहा गया।
बीजेपी बनाम कांग्रेस: क्या होगा राजनीतिक असर?
बीजेपी जहां राहुल गांधी के बयानों को देश की सुरक्षा और सेना के मनोबल के खिलाफ बता रही है, वहीं कांग्रेस और विपक्ष इसे लोकतांत्रिक सवाल पूछने का अधिकार मान रही है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह विवाद आगामी चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकता है, खासकर जब राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति जैसे विषयों पर आम जनता की संवेदनाएं जुड़ी होती हैं।
राहुल गांधी और बीजेपी के बीच यह नया टकराव भारत की विदेश नीति पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के अलग-अलग दृष्टिकोण को उजागर करता है। हालांकि सवाल यह है कि क्या राजनीतिक लाभ के लिए उठाए गए ये मुद्दे देशहित में हैं या नहीं। आने वाले दिनों में इस बहस की गूंज संसद से लेकर चुनावी रैलियों तक सुनाई दे सकती है।