Saturday, July 26, 2025
spot_img

शिव मंदिर में 20 साल से साधु बना बैठा निकला मोहम्मद कासिम, महिलाओं का हाथ देख कर बताता था भविष्य — शक हुआ तो खुली पोल

 चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

 मेरठ के एक शिव मंदिर में 20 साल से साधु के वेश में रह रहा एक शख्स मोहम्मद कासिम निकला। बिहार निवासी कासिम ने ‘कृष्ण’ बनकर पूजा-पाठ और ज्योतिष किया। महिलाओं का हाथ देखकर भविष्य बताने से हुआ खुलासा। पुलिस और खुफिया एजेंसियां जांच में जुटीं।

साधु नहीं, ‘कासिम’ निकला—मेरठ के शिव मंदिर में सनसनी

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के दादरी गांव स्थित एक शिव मंदिर से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने धार्मिक आस्था और सामाजिक भरोसे को झकझोर कर रख दिया है। दरअसल, 20 वर्षों से साधु के वेश में रह रहा एक व्यक्ति, जिसने खुद को ‘कृष्ण’ नामक पुजारी बताया था, असल में बिहार के सीतामढ़ी जिले का रहने वाला मोहम्मद कासिम निकला।

इसे भी पढें  छांगुर बाबा गिरोह का गहरा जाल: धर्मांतरण से दुबई तक की तस्करी, गाजियाबाद क्राइम ब्रांच के हेड इंस्पेक्टर निलंबित

वर्षों से निभा रहा था पुजारी की भूमिका, पढ़ता था श्लोक, करता था भविष्यवाणी

गांव के लोगों के अनुसार, यह व्यक्ति पिछले एक साल से गांव के शिव मंदिर में रहकर पूजा-पाठ, हवन, और ज्योतिष का कार्य कर रहा था। वह वेदों और शास्त्रों का उल्लेख कर मंत्रोच्चारण करता था, और हिंदू त्योहारों की तिथियां भी सटीक बताता था। यही कारण रहा कि लोग उसकी धार्मिक विद्वता से प्रभावित हुए और कभी कोई शक नहीं किया।

इसे भी पढें  "न चप्पल, न सहारा... फिर भी डीएम दफ्तर तक पहुंचा ये साहस!"

सिर्फ महिलाओं का देखता था हाथ, भीड़ भी उसी अनुसार बढ़ती गई

खास बात यह थी कि वह सिर्फ महिलाओं के ही हाथ देखकर भविष्य बताने का कार्य करता था। इसके चलते मंदिर में महिलाओं की उपस्थिति और आवाजाही में अप्रत्याशित वृद्धि हुई। कुछ लोगों को उसकी गतिविधियां असामान्य लगीं, परंतु उसकी शास्त्रों में दक्षता के कारण संदेह को नजरअंदाज किया जाता रहा।

इसे भी पढें  जिद से जेल तक…..गांव का नाम बदलने की ज़िद में घर छोड़ा, चुनाव लड़ा, अब पढिए इस जुनूनी को हिरासत में क्यों लिया गया? 

जब मांगा गया आधार कार्ड, तो बढ़ा संदेह

हाल ही में कुछ ग्रामीणों ने उससे पहचान पत्र दिखाने की मांग की, जिसे वह बार-बार टालता रहा। उसकी टालमटोल भरी प्रतिक्रिया से ग्रामीणों को शक हुआ और अंततः उन्होंने उसे बंधक बना लिया और मारपीट की। इसके बाद पुलिस को बुलाया गया, जिसने मौके पर पहुंचकर कासिम को भीड़ से मुक्त कराया और हिरासत में ले लिया।

20 साल पहले छोड़ा था घर, खुद को बताया ‘धर्मांतरण’ करने वाला

पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह 20 साल पहले उत्तर प्रदेश आया था, पहले दिल्ली और अन्य शहरों के मंदिरों में रहा, वहीं संस्कृत और श्लोकों का अध्ययन किया। उसने अपना नाम ‘कृष्ण’ और पिता का नाम ‘संतोष’ बताया। इसके अलावा वह दावा करता है कि उसने स्वेच्छा से हिंदू धर्म अपना लिया है और वर्षों से साधु-संतों के बीच रहकर पूजा-पाठ सीखता रहा है।

इसे भी पढें  मेरठ में गैंगवार: बीच बाजार बेकाबू गोलियां, बेटे के कातिल को दिनदहाड़े छलनी किया

पुलिस और खुफिया एजेंसियों की जांच शुरू

इस खुलासे के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। दौराला थाना पुलिस और खुफिया एजेंसियां अब यह जांच कर रही हैं कि क्या यह कोई सुनियोजित साजिश थी, या फिर यह केवल एक व्यक्तिगत पहचान और धर्मांतरण का मामला है। पुलिस ने बताया कि आरोपी के पास कोई पहचान पत्र नहीं है, इसलिए उसकी पहचान फिंगरप्रिंट के जरिए सत्यापित की जा रही है, और बिहार पुलिस को भी सूचना भेजी गई है।

इसे भी पढें  बीवी ने सड़क पर किया पति का चप्पलों से सत्यानाश, प्रेमिका की भी जमकर धुनाई – वीडियो वायरल

फिल्मी अंदाज़ में रची गई साजिश, ‘जॉली एलएलबी’ की याद दिलाई

यह पूरा मामला किसी फिल्मी पटकथा जैसा लगता है। इसकी कहानी काफी हद तक फिल्म जॉली एलएलबी के किरदार ‘मोहम्मद इकबाल कादरी’ से मिलती-जुलती है, जो रामकृष्ण सारस्वत बनकर मंदिर में छिपा होता है। ठीक वैसे ही कासिम भी धार्मिक विधियों में इतना पारंगत हो गया था कि किसी को संदेह तक नहीं हुआ।

क्या यह सिर्फ व्यक्तिगत धर्मांतरण है या है कोई बड़ी साजिश?

इस मामले ने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और सत्यापन प्रक्रियाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर कासिम वाकई स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन कर चुका था, तो उसने अपनी पहचान छिपाकर इतने वर्षों तक क्यों पुजारी का कार्य किया? और यदि नहीं, तो क्या इसके पीछे कोई संगठित साजिश है, जो धार्मिक आस्था और सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा सकती है?

इसे भी पढें  नींद में शिक्षिका, जाग गया शिक्षा विभाग – मेरठ से शर्मनाक तस्वीर

यह मामला केवल एक व्यक्ति की पहचान का नहीं, बल्कि धर्म, विश्वास और सुरक्षा से जुड़ा बड़ा सवाल बन गया है। अब देखना यह होगा कि पुलिस और एजेंसियों की जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है। यह घटना न केवल सतर्कता की आवश्यकता को रेखांकित करती है, बल्कि धार्मिक स्थलों में कार्यरत लोगों के सत्यापन की प्रक्रिया को सख्त किए जाने की मांग भी करती है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
22,400SubscribersSubscribe

 भाजपा नेता पर जानलेवा हमला, फॉर्च्यूनर का शीशा तोड़ा, हवाई फायरिंग कर भागे हमलावर

 जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट आजमगढ़ में भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष श्रीकृष्ण सिंह किशन पर देर रात जानलेवा हमला, हमलावरों ने किया हवाई फायर और...

📣 पाठकीय टिप्पणी : समाचार दर्पण — सच की तलाश में एक निर्भीक कलम

(वैसे तो रोज हमें पाठकों की प्रतिक्रिया और दिशा निर्देश मिलते हैं लेकिन आज जो एक खास प्रतिक्रिया हमें मिली है उसे हम प्राथमिकता...
- Advertisement -spot_img
spot_img

केवल करंट ही नहीं दौड़ता यहां — दौड़ती है सरकारी उदासीनता भी — क्या हादसे के बाद जागेगा प्रशासन? 

संजय सिंह राणा की रिपोर्ट चित्रकूट के शास्त्री नगर, शोभा सिंह के पुरवा में लटकती विद्युत तारें जानलेवा बन चुकी हैं। कई बार शिकायतों के...

नाम के आगे ‘सिंह’ लिखा तो जान से मार देंगे: चित्रकूट में जातीय घमंड की खुली धमकी, लोधी समाज में आक्रोश

चित्रकूट के रैपुरा थाना क्षेत्र में लोधी समाज के लोगों को ठाकुरों की बराबरी करने और नाम के आगे 'सिंह' लगाने पर जान से...