संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट जिले के मानिकपुर क्षेत्र में हालिया प्राकृतिक और दैवीय आपदाओं में जान गंवाने वाले बच्चों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता और राहत सामग्री वितरित की गई। विधायक और उप जिलाधिकारी ने मिलकर पीड़ित परिवारों तक राहत पहुंचाई।
चित्रकूट (मानिकपुर)। प्राकृतिक और दैवीय आपदाएं जब दस्तक देती हैं, तो अपने पीछे दर्द और अश्रु की एक लंबी लकीर छोड़ जाती हैं। हाल ही में चित्रकूट जनपद के मानिकपुर तहसील क्षेत्र में आई आपदाओं ने कई मासूम जिंदगियों को निगल लिया। इन घटनाओं से आहत शासन-प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए राहत कार्य शुरू किए। इसी कड़ी में मऊ-मानिकपुर विधायक अविनाश चंद्र द्विवेदी और उप जिलाधिकारी मो. जसीम ने संयुक्त रूप से पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता और राहत सामग्री का वितरण किया।
पीड़ित परिवारों को मिली चार-चार लाख की अनुग्रह राशि
सबसे पहले, प्राकृतिक और दैवीय आपदाओं के चलते जिन मासूम बच्चों की मौत हुई, उनके परिवारों को शासन द्वारा चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी गई। मृतकों में शामिल हैं:
रोहित, पुत्र राम संवारे (गढ़ी कला), अर्पित, पुत्र सुरेश (गढ़ी कला), चाहत और शिवांशु, पुत्र-पुत्री छोटे लाल (अगरहुंडा), प्रिंशी, पुत्री राम ललन (कुसुमी), लाला, पुत्र नैना (बसिला)
इन सभी परिवारों को आपदा राहत के अंतर्गत शासन से अनुमोदित आर्थिक सहायता सीधे बैंक खातों में भेजी गई है।
इसके अलावा, वितरित की गई राहत सामग्री
अर्थिक सहायता के साथ-साथ पीड़ित परिवारों को राशन सामग्री भी उपलब्ध कराई गई जिसमें आटा, दाल, चावल, लाई, चना सहित आवश्यक घरेलू वस्तुएं शामिल थीं। इसके अतिरिक्त, घर पूरी तरह गिरने वाले 7 परिवारों को 1.20 लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता राशि भी दी गई। वहीं, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त 81 परिवारों को भी शासन द्वारा लाभान्वित किया जा रहा है।
विधायक और एसडीएम ने प्रकट की संवेदना
विधायक अविनाश चंद्र द्विवेदी ने गहरा शोक प्रकट करते हुए कहा,
“जिन मासूम बच्चों की मृत्यु इस आपदा में हुई है, उन्हें वापस नहीं लाया जा सकता, लेकिन शासन उनके परिजनों को यथासंभव सहायता प्रदान कर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशानुसार, पीड़ितों तक राहत शीघ्रता से पहुंचाई जा रही है।”
वहीं उप जिलाधिकारी मो. जसीम ने बताया कि विगत दिनों क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए थे, जिससे कई घर जलमग्न होकर ध्वस्त हो गए। प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए इन परिवारों को तात्कालिक राहत प्रदान की।
पुलिस प्रशासन की रही महत्वपूर्ण भूमिका
इस पूरी आपदा प्रबंधन प्रक्रिया में स्थानीय पुलिस अधिकारियों की सक्रियता भी उल्लेखनीय रही।
रैपुरा थाना प्रभारी विनोद कुमार शुक्ल ने निरंतर क्षेत्र में भ्रमण करते हुए बाढ़ पीड़ितों की हरसंभव मदद की।
बहिलपुरवा थाना प्रभारी आशुतोष तिवारी ने दिन-रात क्षेत्रवासियों से संपर्क बनाए रखा।
मारकुंडी थाना प्रभारी श्याम प्रताप पटेल ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में डटे रहकर राहत कार्यों में भागीदारी निभाई।
मानिकपुर थाना प्रभारी श्रीप्रकाश यादव ने विशेष सतर्कता बरतते हुए बरदहा नदी की उफान से उपजे संकट को समय रहते नियंत्रित किया।
राहत के साथ शोक की अनकही पीड़ा
हालांकि शासन और प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवारों को आर्थिक और भौतिक राहत प्रदान की जा चुकी है, किंतु जो भावनात्मक क्षति इन परिवारों को उठानी पड़ी है, उसकी भरपाई असंभव है। जो बच्चे अब इस दुनिया में नहीं हैं, उनकी स्मृतियाँ इन परिवारों के जीवन का ऐसा शून्य बन गई हैं, जिसे कोई भी सहायता कभी नहीं भर सकती।
प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे चित्रकूट के मानिकपुर क्षेत्र में शासन और प्रशासन ने तत्काल राहत पहुंचाकर मानवीय संवेदनशीलता का परिचय दिया है। पीड़ितों को अनुग्रह राशि और राहत सामग्री की आपूर्ति निश्चित रूप से राहतकारी रही, परंतु यह भी सच है कि मासूम जिंदगियों का खो जाना एक अपूरणीय क्षति है, जिसे शब्दों में नहीं समेटा जा सकता।