चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन पर अवैध धर्मांतरण, विदेशी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप लगे हैं। अब ईडी बाबा को रिमांड पर लेकर पूछताछ की तैयारी में है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट—15 ठिकानों पर छापे, पनामा की शेल कंपनी से कनेक्शन और राष्ट्रीय सुरक्षा तक की जांच।
🔷 धर्मांतरण केस में छांगुर बाबा के खिलाफ ईडी की बड़ी तैयारी
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर जारी बहस अब नए मोड़ पर पहुंच गई है। जहां एक ओर समाज में इस प्रकरण को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है, वहीं दूसरी ओर छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन पर शिकंजा कसता जा रहा है। अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की भी एंट्री हो चुकी है।
🔷 ईडी की रिमांड अर्जी से खुल सकते हैं बड़े राज
सूत्रों की मानें तो ईडी बुधवार को कोर्ट में छांगुर बाबा की रिमांड अर्जी दाखिल कर सकती है। इसके ज़रिए वह बाबा से विदेशी फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े तमाम बिंदुओं पर सीधे पूछताछ करना चाहती है।
उल्लेखनीय है कि बाबा को इससे पहले एटीएस ने 7 दिन की पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी, जिसमें धर्मांतरण और संपत्ति खरीद जैसे कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे।
🔷 किन सवालों पर केंद्रित होगी ईडी की पूछताछ?
ईडी की पूछताछ कुछ बेहद महत्वपूर्ण पहलुओं पर केंद्रित होगी। मसलन—
किस देश से कितनी राशि प्राप्त हुई?
कौन-कौन लोग इस फंडिंग नेटवर्क का हिस्सा हैं?
किन संपत्तियों या संस्थाओं में यह पैसा निवेश किया गया?
क्या इस नेटवर्क का संबंध देशविरोधी गतिविधियों से है?
इन सवालों का उत्तर केवल छांगुर बाबा ही दे सकता है, क्योंकि एजेंसी को पूरा यकीन है कि वह इस पूरे जाल का मास्टरमाइंड है।
🔷 15 ठिकानों पर छापेमारी, मिले अहम सुराग
प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में लखनऊ, बलरामपुर और मुंबई में बाबा और उसके साथियों के 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस कार्रवाई में जो दस्तावेज मिले, उनसे यह पुष्टि हुई कि विदेशी धन के माध्यम से अचल संपत्तियों की खरीद की गई और उन्हें अलग-अलग नामों से ट्रांसफर भी किया गया।
यह कार्रवाई PMMLA 2002 के तहत की गई थी, जो मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित मामलों में प्रवर्तन एजेंसियों को विशेष शक्तियां प्रदान करता है।
🔷 पनामा की शेल कंपनी से लिंक, 60 करोड़ की अवैध फंडिंग
ईडी को जांच के दौरान छांगुर बाबा के एक करीबी सहयोगी नवीन रोहरा के पास से पनामा में रजिस्टर्ड एक शेल कंपनी—LOGOS MARINE SA—से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। इस कंपनी में दर्ज तीन विदेशी नाम महज़ परदा बनाकर इस्तेमाल किए गए थे। ईडी को पूरा संदेह है कि असल में इस कंपनी का संचालन नवीन रोहरा ही कर रहा था।
अब तक की जांच में सामने आया है कि इस फर्जी कंपनी के जरिए करीब 60 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की गई है।
🔷 रिमांड से खुल सकते हैं राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सुराग
ईडी अधिकारियों का मानना है कि छांगुर बाबा से रिमांड पर पूछताछ होने से न सिर्फ धर्मांतरण सिंडिकेट, बल्कि उससे जुड़े अंतरराष्ट्रीय फंडिंग नेटवर्क और संभावित राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे से जुड़ी जानकारियां भी सामने आ सकती हैं।
सूत्र बताते हैं कि मंगलवार को ईडी ने रिमांड की तैयारी कर ली थी, लेकिन कुछ आवश्यक दस्तावेज अधूरे थे। अब बुधवार को सभी दस्तावेजों के साथ ईडी पूरी तैयारी में है।
🔷 विश्व हिंदू रक्षा परिषद का गंभीर आरोप—”सिंडिकेट अभी भी सक्रिय”
इस बीच, विश्व हिंदू रक्षा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय ने दावा किया है कि छांगुर बाबा भले ही जेल में हो, लेकिन उसका नेटवर्क अभी भी सक्रिय है। उनके अनुसार बाबा के गुर्गे पीड़ित लड़कियों को धमका रहे हैं ताकि वे केस से पीछे हट जाएं और अदालत में गवाही न दें।
उन्होंने आगे कहा—
“पहले ये लोग लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर माइंडवॉश करते थे, अब उन्हें धमकी देकर चुप करा रहे हैं। अगर प्रशासन ने सख्ती नहीं दिखाई तो बेटियों की जान को खतरा है।”
उन्होंने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि कठोर कदम जल्द नहीं उठाए गए, तो यह मामला राष्ट्रीय संकट का रूप ले सकता है।
इस पूरे प्रकरण से यह स्पष्ट है कि छांगुर बाबा का मामला सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि धर्मांतरण, विदेशी फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी एक बहुस्तरीय आपराधिक साजिश का हिस्सा है। अब जब ईडी जांच में उतर चुकी है, तो आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं।