संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
सुल्तानपुर में उदासीन संगत आश्रम की करोड़ों की संपत्ति पर फर्जी बैनामे का मामला गरमाया, भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य भावना सिंह ने पीड़ित किरायेदारों से की मुलाकात, जल्द कार्यवाही की मांग करते हुए कहा—जरूरत पड़ी तो सीएम तक ले जाऊंगी मामला।
सुल्तानपुर, सुल्तानपुर नगर कोतवाली थाना क्षेत्र के लखनऊ नाका स्थित उदासीन संगत आश्रम गुरुद्वारे/मंदिर की करोड़ों रुपए मूल्य की धार्मिक संपत्ति को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। आरोप है कि इस संपत्ति के हिस्सों को फर्जी तरीके से बैनामे कर बेचा गया है। इस पूरे घटनाक्रम ने धार्मिक और सामाजिक स्तर पर चिंता की लहर पैदा कर दी है।
पीड़ित किरायेदारों से भाजपा नेत्री की मुलाकात
सोमवार की शाम इस गंभीर प्रकरण में श्रीमती भावना सिंह, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों के साथ पीड़ित किरायेदार व्यापारियों से मिलने पहुंचीं। यह मुलाकात भाजपा महिला मोर्चा की निवर्तमान जिला मंत्री मंजू सागर कसौधन के लखनऊ नाका स्थित आवास पर हुई।
भावना सिंह ने पीड़ितों को भरोसा दिलाया कि वे इस संघर्ष में पूरी तरह उनके साथ हैं और यदि जरूरत पड़ी तो यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष भी उठाया जाएगा।
समाजवादी पार्टी नेता पर लगाए गंभीर आरोप
इस दौरान भावना सिंह ने समाजवादी पार्टी सुल्तानपुर के नगर अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार उर्फ राजू चौधरी, उनके संबंधियों संतोष चौधरी और लोकनाथ अग्रहरि पर संगीन आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मंदिर जैसी धार्मिक संपत्ति को फर्जी तरीके से अपनी पत्नियों के नाम पर बैनामा करवाना किसी भी सूरत में क्षम्य नहीं है। यह न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि एक राष्ट्रीय पार्टी के पदाधिकारी को ऐसा कार्य शोभा नहीं देता।
व्यापार मंडल का समर्थन और चेतावनी
अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश मंत्री हिमांशु मालवीय के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ितों से मिलकर उनका हाल जाना और प्रशासन से तुरंत कार्यवाही की मांग की। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को इस मामले में दोषी पदाधिकारी के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यदि पीड़ित परिवार को किसी प्रकार की धमकी या खतरे की आशंका हो, तो वे 112 डायल कर तुरंत पुलिस सहायता प्राप्त करें। महिलाओं को 1090 विमेन हेल्पलाइन के इस्तेमाल की भी सलाह दी गई।
दशकों से किरायेदार हैं पीड़ित व्यापारी
पीड़ित व्यापारियों ने बताया कि उनके परिवार उदासीन संगत आश्रम के भवनों में दशकों से किराएदार के रूप में निवास कर रहे हैं। पूर्व महंत बाबा प्रयागदास (जिनका कुछ वर्ष पूर्व देहांत हुआ) के समय कभी कोई परेशानी नहीं हुई। वर्तमान महंत बाबा शीतलदास हैं। व्यापारियों का आरोप है कि विपक्षियों द्वारा उन्हें डरा-धमकाकर जबरन बाहर करने का प्रयास किया जा रहा है।
करोड़ों की संपत्ति पर फर्जी बैनामे का आरोप
मामले में सामने आया है कि उक्त धार्मिक संपत्ति के कुल 9 फर्जी बैनामे किए गए हैं। इनमें से दो संपत्तियां, जिनमें दुकान और आवासीय मकान शामिल हैं, बेची जा चुकी हैं।
पहला हिस्सा ₹39,60,000 में सरदार जगदीप सिंह उर्फ राजू (खालसा लाउडस्पीकर सेंटर) के नाम बिका।
दूसरा हिस्सा ₹21,00,000 में दीपा शुक्ला पत्नी मनोज शुक्ला (पंडित जी टूल वाले) के नाम बिका।
शेष 7 बैनामे धर्मेंद्र चौधरी, संतोष चौधरी और अन्य द्वारा अपने परिजनों—पत्नी गीता अग्रहरि, ज्योति चौधरी, और भाइयों लोकनाथ अग्रहरि, ताड़कनाथ, सोमनाथ, अमरनाथ के नाम पर दान पत्र विलेख द्वारा किए गए हैं।
चेतावनी: जल्द कार्रवाई न हुई तो आंदोलन होगा
अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष मनीष कसौधन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि प्रशासन ने इस मामले में शीघ्र कोई ठोस कार्यवाही नहीं की तो संगठन को सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। उन्होंने इसे धार्मिक आस्था और व्यापारी हितों से जुड़ा गंभीर मसला बताया।
मौके पर मौजूद प्रमुख लोग
इस अवसर पर भावना सिंह, हिमांशु मालवीय, मंजू सागर कसौधन, गोपालजी सोनी, अमरचंद्र साहू, भोला सोनी, मनीष कसौधन, हरजीत कौर, मनप्रीत सिंह, भगवंत कौर, सतवंत कौर, राजकुमारी विश्वकर्मा, दिलीप विश्वकर्मा समेत कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
यह मामला न केवल करोड़ों की धार्मिक संपत्ति की हेराफेरी का है, बल्कि सामाजिक आस्था और किरायेदारों के अधिकारों से भी जुड़ा है। प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं, और अब मामला राजनीतिक रूप भी लेने लगा है। यदि तत्काल न्यायसंगत कार्यवाही नहीं होती, तो आने वाले दिनों में सुल्तानपुर में यह मुद्दा एक बड़ा जन आंदोलन बन सकता है।