ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ में रहीमाबाद की एक युवती को पहचान छुपाकर शादी का झांसा देने वाले कमरुल हक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपी ने खुद को ‘विवेक रावत’ बताकर आर्य समाज मंदिर में विवाह किया था और फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल किया था।
फरेब की एक और दर्दनाक कहानी: ‘विवेक’ निकला कमरुल, धोखा देकर की शादी
लखनऊ के रहीमाबाद थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक युवती को पहचान छुपाकर शादी के जाल में फंसाया गया। आरोपी ने खुद को ‘विवेक रावत’ बताया, लेकिन असल में उसका नाम कमरुल हक है, जो हरदोई के पिहानी क्षेत्र का निवासी है। पीड़िता से शादी करने के लिए उसने फर्जी आधार कार्ड का सहारा लिया और आर्य समाज मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों से विवाह किया।
पहली मुलाकात से फरेब की शुरुआत
यह सब वर्ष 2017 में शुरू हुआ, जब रहीमाबाद की रहने वाली एक सामाजिक कार्यकर्ता युवती को एक अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने अपना नाम विवेक रावत बताया और पेंशन संबंधित जानकारी लेने के बहाने बातचीत शुरू की। धीरे-धीरे बातचीत नजदीकी में बदल गई और फिर आरोपी ने विवाह का प्रस्ताव रख दिया। युवती ने शुरू में इनकार किया, लेकिन आरोपी के दबाव और विश्वास दिलाने के चलते वह झांसे में आ गई।
आर्य समाज मंदिर में रचाई शादी, तिलक और कलावे से बनाया भरोसा
विवाह आर्य समाज मंदिर में कराया गया। आरोपी पूजा-पाठ करता, माथे पर तिलक लगाता और हाथ में कलावा बाँधता था। उसके हिंदू जैसे आचरण और नाम पर युवती को कभी कोई संदेह नहीं हुआ। शादी के बाद दोनों ने लखनऊ में किराए पर घर लेकर साथ रहना शुरू किया।
कोविड काल में साथ, फिर ‘नौकरी’ का बहाना और गायब
कोरोना महामारी के दौरान आरोपी ने युवती के घर पर ही डेरा डाल लिया। फिर कुछ समय बाद उसने दिल्ली में नौकरी मिलने का बहाना बनाया और अचानक गायब हो गया। पहले तो उसने फोन उठाना बंद किया, फिर धीरे-धीरे उसका आना-जाना भी बंद हो गया। जब युवती ने साथ रहने की जिद की तो उसने बात टालनी शुरू कर दी।
हरदोई जाकर खुली सच्चाई: विवेक नहीं कमरुल हक
संदेह होने पर युवती ने उसके बारे में खोजबीन शुरू की और अंततः हरदोई के पिहानी थाना क्षेत्र के दहेलिया गांव जा पहुंची। वहाँ से जो सच सामने आया, वह बेहद चौंकाने वाला था। आरोपी का असली नाम कमरुल हक था और वह पहले से शादीशुदा था—पत्नी और बच्चे दोनों मौजूद थे। साथ ही, उसके पास एक फर्जी आधार कार्ड भी था, जिस पर विवेक रावत नाम दर्ज था।
विरोध करने पर हमला, 1090 पर कॉल कर बचाई जान
जब युवती ने धोखे का विरोध किया तो कमरुल के परिजनों ने उस पर हमला कर दिया। किसी तरह युवती ने खुद को बाथरूम में बंद कर 1090 पर कॉल कर मदद मांगी। पुलिस मौके पर पहुंची और उसे बचाया।
पुलिस में मुकदमा, और अब गिरफ्तारी
युवती की तहरीर पर रहीमाबाद थाने में आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 376 (बलात्कार), 352 (हमला) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इसके साथ ही कूटरचित दस्तावेज (फर्जी आधार कार्ड) बनाने के आरोप में और धाराएं भी जोड़ी गईं।
मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने रविवार रात आरोपी को अनीपुर से अटेर रोड के पास से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं। साथ ही पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि फर्जी आधार कार्ड किसने और कैसे बनाया। इस दिशा में आधार बनाने वाले नेटवर्क की भी जांच शुरू हो गई है।
अब आगे क्या?
कमरुल हक अब जेल भेजा जा चुका है। लेकिन यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की सजा का नहीं, बल्कि एक बड़ी सामाजिक चेतावनी है। फर्जी पहचान बनाकर लोगों की भावनाओं से खेलने वाले ऐसे अपराधियों की सख्त निगरानी और कानूनी कार्रवाई बेहद आवश्यक है।
समाप्ति में एक सवाल: क्या अब भी ऐसे मामलों में पहचान सत्यापन को अनदेखा किया जाएगा?
यह घटना इस बात की कड़ी चेतावनी देती है कि पहचान छुपाकर विवाह करना न केवल व्यक्तिगत धोखा है, बल्कि कानूनी अपराध भी है। इससे महिलाओं की सुरक्षा, सामाजिक ताने-बाने और धार्मिक विश्वास सभी पर चोट पहुंचती है।