Monday, July 21, 2025
spot_img

फर्जी शिकायत का सहारा लेकर झोलाछाप डॉक्टर को फंसाने की कोशिश, पुलिस की भूमिका संदिग्ध

चित्रकूट के राजापुर क्षेत्र में मासूम की मौत के मामले में झोलाछाप डॉक्टर पर दर्ज एफआईआर अब विवादों में। शिकायतकर्ता शिव भवन की भूमिका पर संदेह, जो खुद कुख्यात भोण्डा गैंग का सदस्य रहा है। जानिए पूरा घटनाक्रम।

संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट | राजापुर कोतवाली क्षेत्र के पियरिया माफी गांव में झोलाछाप डॉक्टर द्वारा इलाज़ के दौरान मासूम सतिन पुत्र कल्लू की मौत के मामले ने अब नया रुख अख्तियार कर लिया है। शुरुआती जांच में दोषी ठहराए गए डॉक्टर शिवभूषण पांडेय उर्फ दीपू के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर अब सवाल उठने लगे हैं।

दरअसल, डॉक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाला कोई और नहीं, बल्कि कुख्यात दस्यु सरगना सूर्यकुमार शुक्ला उर्फ भोण्डा गैंग का सक्रिय सदस्य रहा शिव भवन था। पहले उसने एसपी को ज्ञापन सौंपकर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन अब उसी ने पलटी मारते हुए अपने बयान से किनारा कर लिया है।

Read  आग से पीड़ित 32 परिवारों को दी नई उम्मीद, गृहस्थी का सामान बांटकर किया पुनर्वास का कार्य

दबंगों का दबाव या गुमराह करने की साजिश?

सूत्रों के अनुसार, शिव भवन पर दस्यु सरगना भोण्डा के बेटे राजा गर्ग और कुख्यात दबंग कृष्ण कुमार द्विवेदी उर्फ बड़ा भइया ने दबाव बनाया, जिसके चलते उसने अपने बयान को पलट दिया। यहां गौरतलब है कि राजा गर्ग पहले से ही अनुसूचित जाति निवारण अधिनियम व आगजनी के गंभीर मामलों में आरोपी है, जबकि बड़ा भइया पर धारा 377 सहित कई गंभीर धाराएं दर्ज हैं।

पुलिस की कार्यशैली पर सवाल

इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब राजापुर कोतवाली पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं। यदि डॉक्टर शिवभूषण पांडेय ने वास्तव में सतिन का इलाज नहीं किया था, तो उसके खिलाफ एफआईआर किस आधार पर दर्ज की गई? क्या बिना जांच के ही पुलिस ने मुकदमा कायम कर दिया?

सवाल और भी गंभीर तब हो जाते हैं, जब यह संदेह जताया जाए कि दबंगों के प्रभाव के चलते मासूम के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी फेरबदल किया जा सकता है।

Read  "घोटालों का सम्राट बेनी माधव पटेल: दलाल के दरबार में बिक गई विकास योजनाएं?”

प्रशासन कब लेगा सख्त रुख?

अब बड़ा सवाल यह उठता है कि यदि शिकायतकर्ता शिव भवन ने जानबूझकर फर्जी शिकायती पत्र देकर डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया, तो प्रशासन उसके खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं दर्ज कर रहा? क्या पुलिस पर दस्यु सरगनाओं के प्रभाव की छाया अभी भी कायम है?

शिव भवन द्वारा फर्जी शिकायती पत्र देकर एक निर्दोष को फंसाने की कोशिश ने स्थानीय प्रशासन की साख पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

अगले अंक में पढ़िए:

दस्यु सरगना सूर्यकुमार शुक्ला उर्फ भोण्डा गैंग के सदस्य शिव भवन की पूरी आपराधिक कुंडली और उसका राजनीतिक-सामाजिक रसूख कैसे बन गया चित्रकूट पुलिस के लिए चुनौती।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
22,400SubscribersSubscribe

फर्जी दस्तखत, फर्जी मरीज, फर्जी खर्च! डॉ. शैलेन्द्र सिंह ने सरकारी योजना को बनाया पैसा उगलने की मशीन

चित्रकूट के रामनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. शैलेन्द्र सिंह पर लगे भारी वित्तीय अनियमितताओं और आयुष्मान योजना के दुरुपयोग के आरोप। पढ़ें...

नगर प्रशासन और तहसील की लापरवाही से फूटा जमीनी विवाद का गुस्सा, भाजपा बूथ अध्यक्ष समेत परिवार पर जानलेवा हमला

अर्जुन वर्मा की रिपोर्ट  गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती भाजपा बूथ अध्यक्ष व उनके परिवार पर जमीनी विवाद को लेकर हमला। चार साल से प्रशासन...
- Advertisement -spot_img
spot_img

अस्पताल में मानवता शर्मसार: ऑक्सीजन के लिए तड़पता मरीज ज़मीन पर बैठा, अखिलेश यादव ने सरकार पर बोला हमला

जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ सदर अस्पताल में एक टीबी मरीज की ज़मीन पर बैठकर ऑक्सीजन लेने की वायरल तस्वीर ने प्रदेश...

न्यूज़ पोर्टल को गैरकानूनी बताना कानून की अवहेलना है—पढ़िए सच्चाई

जगदंबा उपाध्याय की खास रिपोर्ट हाल के दिनों में एक भ्रामक और तथ्यविहीन खबर सोशल मीडिया, व्हाट्सएप और कुछ पोर्टलों पर बड़ी तेजी से फैल...