हापुड़ के रसूलपुर गांव में खसरा-खतौनी सुधार के नाम पर किसान से ₹30,000 की रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। वीडियो वायरल, लेखपाल को नोटिस जारी।
ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
हापुड़(उत्तर प्रदेश): जिले में भ्रष्टाचार का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। हापुड़ के रसूलपुर गांव में खसरा-खतौनी में नाम सुधार के बदले एक किसान से ₹30,000 की रिश्वत लेने का आरोप लेखपाल करुण यादव के सहायक पर लगा है। इस रिश्वतखोरी का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम सदर ईला प्रकाश ने लेखपाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
किसान का आरोप: “कई बार चक्कर लगाए, लेकिन काम नहीं हुआ”
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़ित किसान सुदेशपाल ने बताया कि उनकी जमीन में उनके भाई सह-खातेदार हैं। जब उन्होंने ऑनलाइन खसरा-खतौनी का सत्यापन कराया, तो तहसील कर्मियों ने बिना अनुमति उनके परिवार के नाम पर ही बंटवारा दर्शा दिया। इसके बाद वह कई बार लेखपाल करुण यादव के पास दस्तावेजों को सही करवाने के लिए गए, लेकिन उन्हें हर बार टाल दिया गया।
30 हजार की रिश्वत और वीडियो सबूत
थक-हार कर किसान ने गांव के प्रधान के साथ लेखपाल से संपर्क किया। किसान के अनुसार, लेखपाल ने ₹30,000 की मांग की और पैसे अपने निजी सहायक के माध्यम से लेने को कहा। बताया गया कि यह लेनदेन प्रधान के भाई के घर पर हुआ, जहां किसान ने ₹25,000 दिए। सहायक ने आगे ₹5,000 और मांगे। इसी दौरान किसी ने इस पूरी घटना का वीडियो बना लिया, जो अब वायरल हो गया है।
एसडीएम की त्वरित कार्रवाई
जैसे ही वीडियो प्रशासनिक अधिकारियों के संज्ञान में आया, एसडीएम सदर ईला प्रकाश ने लेखपाल करुण यादव को कारण बताओ नोटिस जारी कर तत्काल स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि दोष सिद्ध होता है, तो लेखपाल और सहायक दोनों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
भ्रष्टाचार पर सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति
इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि ग्रामीण स्तर पर सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही कैसे सुनिश्चित की जाए। हालांकि प्रशासन की त्वरित कार्रवाई यह दिखाती है कि भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।