Sunday, July 20, 2025
spot_img

PWD का ‘प्लान्ड लूट प्लॉट’! पैसे के बंटवारे में फंसा मामला, तीन नपे

देवरिया के लोक निर्माण विभाग में बड़ा घोटाला सामने आया। पहले से बनी सड़क की मरम्मत के नाम पर 6.08 करोड़ रुपये मंगाए गए। रकम के बंटवारे में विवाद हुआ और घोटाला उजागर हो गया। तीन अधिकारी निलंबित, जांच जारी।

संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट

देवरिया: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से एक चौंकाने वाला घोटाला सामने आया है, जहां लोक निर्माण विभाग (PWD) ने एक पहले से बनी और चकाचक सड़क की मरम्मत के नाम पर सरकार से 6 करोड़ 8 लाख रुपये मंजूर करा लिए। लेकिन जैसे ही इन करोड़ों की बंदरबांट शुरू होने वाली थी, अंदरूनी कलह ने इस पूरे खेल की परतें उधेड़ दीं।

धोखाधड़ी का हैरतअंगेज तरीका

दरअसल, 2015 में कुशीनगर के कप्तानगंज से देवरिया के रूद्रपुर तक लगभग 50 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण हुआ था। कुछ हिस्सा PWD ने बनाया और फिर जिम्मेदारी एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) को सौंप दी गई। सड़क तय समय पर बनकर तैयार हो गई और 2027 तक इसके रख-रखाव की जिम्मेदारी भी ADB के पास है।

Read  50 हिन्दू लडकियों का टारगेट था प्यार में फंसाने की, 23 पर चला दिए थे डोरे फिर हो गया खेला…

यहां से शुरू हुआ खेल

मार्च 2025 में जब विभागीय बजट खर्च का दबाव था, तभी अधिकारियों ने पहले से तैयार इस सड़क को ‘खस्ता हाल’ दिखाकर मरम्मत के लिए 6.08 करोड़ रुपये मंजूर करा लिए। सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि इस मरम्मत के लिए उसी फर्म के बांड का इस्तेमाल किया गया, जिसे 2015 में सड़क निर्माण का ठेका मिला था।

बंटवारे में मची खींचतान, और फूटा राज

जैसे ही रकम विभागीय खाते में पहुंची, अंदरखाने हिस्सेदारी को लेकर घमासान मच गया। अफसरों और बाबुओं में मतभेद हुआ और विवाद विभाग से बाहर लीक हो गया। शिकायत लखनऊ पहुंची और फिर शुरू हुई एसआईटी जांच।

तीन अफसर सस्पेंड, एक पर गिरी गाज की तलवार

जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए सहायक अभियंता सुधीर कुमार, अवर अभियंता रामगणेश पासवान और बजट बाबू रविन्द्र गिरी को तत्काल निलंबित कर दिया गया। जबकि अधिशासी अभियंता अनिल कुमार जाटव अभी जांच के घेरे में हैं और उन पर भी कार्रवाई तय मानी जा रही है।

Read  BJP विधायक और पत्रकार को मारने की धमकी—देवरिया में धमकियों का 'डायलर' गिरफ्तार

PWD में मचा हड़कंप, ठेकेदारों में खुशी

इस सनसनीखेज खुलासे के बाद पूरे विभाग में अफरा-तफरी का माहौल है। कर्मचारी अब एक-दूसरे पर शक की निगाह से देख रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, वर्षों से विभागीय मनमानी का सामना कर रहे ठेकेदार इस कार्रवाई से खासे खुश नजर आ रहे हैं।

इस मामले ने एक बार फिर ये सवाल खड़ा कर दिया है कि करोड़ों के बजट का आखिर कौन रखवाला है? जब बनी हुई सड़क पर भी करोड़ों की मरम्मत मंजूर हो सकती है, तो भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
22,400SubscribersSubscribe

विधवा की पुकार: “मुझे मेरी ज़मीन लौटा दो” — दबंगों से त्रस्त महिला न्याय के लिए दर-दर भटक रही

चित्रकूट के मानिकपुर की विधवा महिला न्याय के लिए गुहार लगा रही है। दबंगों द्वारा ज़मीन कब्जाने की कोशिश, फसल कटवाने का आरोप और...

हर बार वही शिकायत! तो किस काम के अधिकारी?” – SDM ने लगाई फटकार

चित्रकूट के मानिकपुर तहसील सभागार में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में उपजिलाधिकारी मो. जसीम ने अधिकारियों को दो टूक कहा—"जनशिकायतों का शीघ्र समाधान करें,...
- Advertisement -spot_img
spot_img

“मैं नालायक ही सही, पर संघर्ष की दास्तां अनसुनी क्यों?” — रायबरेली की आलोचना से आहत हुए मंत्री दिनेश प्रताप सिंह का भावुक पत्र

 रायबरेली की राजनीति में हलचल! उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने फेसबुक पोस्ट के ज़रिए आलोचकों को दिया करारा जवाब। संघर्षों और उपलब्धियों को...

सड़क पर ही मिला सबक! सरेबाज़ार युवती ने उतारी चप्पल, पीट-पीटकर किया हलाकान

उन्नाव के शुक्लागंज बाजार में छेड़छाड़ से तंग आकर युवती ने युवक को चप्पलों और थप्पड़ों से पीटा। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर...