Sunday, July 20, 2025
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छांगुर बाबा का ‘धर्मांतरण उद्योग, कहानी सिर्फ धर्म की नहीं, दौलत की भी है!

चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

बलरामपुर, उत्तर प्रदेश: अवैध धर्मांतरण के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ यूपी एटीएस की जांच में सामने आया है कि वह न केवल फर्जी धर्म परिवर्तन प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल कर रहा था, बल्कि करोड़ों की विदेशी फंडिंग और पारिवारिक संबंधों के जरिये संपत्ति हड़पने की साजिश भी रच रहा था।

🔴 छांगुर बाबा की साजिशों का नया अध्याय

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण के प्रमुख चेहरे जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। यूपी एटीएस की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, छांगुर बाबा ने अपने नजदीकी सहयोगियों के धर्मांतरण की भी साजिश रची थी।

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि छांगुर बाबा ने नीतू रोहरा (उर्फ नसरीन), उसके पति नवीन रोहरा (जिसका नया नाम जमालुद्दीन रखा गया), और उनकी बेटी समाले का भी धर्मांतरण करवाया। बेटी का नाम बदलकर ‘सबीहा’ रखा गया और उसका रिश्ता छांगुर बाबा ने अपने ही नाती से तय किया, जिसमें दहेज के रूप में 5 करोड़ रुपये का शोरूम दिया गया।

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📜 फर्जी धर्मांतरण प्रमाणपत्र और दुबई का खेल

जांच में एक और चौंकाने वाला तथ्य यह सामने आया है कि 2015 में नीतू, नवीन और समाले ने दुबई स्थित अल फारूक उमर बिन खताब सेंटर में इस्लाम कबूल करने का दावा किया था। उन्हें दुबई सरकार के इस्लामिक अफेयर्स एंड चैरिटेबल एक्टिविटीज डिपार्टमेंट (IACAD) द्वारा “सर्टिफिकेट ऑफ इंब्रेसिंग इस्लाम” भी जारी किया गया।

हालांकि, एटीएस को मिले पुख़्ता सबूत बताते हैं कि धर्मांतरण के समय ये तीनों भारत में ही मौजूद थे, जिससे इन प्रमाणपत्रों की वैधता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। जांच एजेंसियां अब उस अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का पता लगा रही हैं जो इस तरह के फर्जी दस्तावेज तैयार करवाता है।

💍 रिश्तों की आड़ में करोड़ों की संपत्ति हड़पने की चाल

सिर्फ धर्मांतरण ही नहीं, बल्कि छांगुर बाबा की नजर रोहरा परिवार की संपत्ति पर भी थी। बलरामपुर और पुणे में स्थित उनकी करोड़ों की प्रॉपर्टी — जिसमें आलीशान बंगलों से लेकर महंगे शोरूम और लग्जरी गाड़ियां तक शामिल हैं — को हथियाने के लिए यह सगाई रचाई गई थी।

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दरअसल, यह सिर्फ एक पारिवारिक सगाई नहीं बल्कि सुनियोजित षड्यंत्र था, जिसके जरिए छांगुर बाबा ने इस परिवार की आर्थिक ताकत को अपने अवैध धर्मांतरण रैकेट को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल किया।

💸 विदेशी फंडिंग का खुलासा: संदिग्ध बैंक लेनदेन

जैसे-जैसे जांच गहराई में गई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और यूपी एटीएस को ऐसे कई बैंक खातों की जानकारी मिली, जिनमें करोड़ों की संदिग्ध रकम जमा की गई थी।

नीतू के 8 खातों में फरवरी से जून 2021 के बीच 13.90 करोड़ रुपये जमा हुए।

वहीं नवीन के 6 खातों में 34.22 करोड़ रुपये की ट्रांजेक्शन हुई,

जिनमें से एक में अकेले 5 करोड़ की विदेशी फंडिंग आई।

यह आंकड़े छांगुर बाबा के कथित विदेशी फंडिंग नेटवर्क की गहराई और व्यापकता को दर्शाते हैं।

🌍 अंतरराष्ट्रीय यात्रा और “चैरिटेबल ट्रस्ट” की आड़

छांगुर बाबा ने अपने इस नेटवर्क को वैधता देने के लिए “अस्वी इंटरप्राइजेज” और “आस्वी चैरिटेबल ट्रस्ट” जैसी संस्थाएं बनाईं। इन संस्थाओं के माध्यम से वह न केवल भारत में पैसा लाता रहा, बल्कि उसे धार्मिक प्रचार, कथित सेवा कार्यों और धर्मांतरण गतिविधियों में निवेश करता रहा।

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एजेंसियों को यह भी पता चला है कि छांगुर बाबा और उसके सहयोगी 40 से अधिक बार इस्लामिक देशों की यात्रा कर चुके हैं, जिससे उसके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन और मजबूत होते नजर आ रहे हैं।

यह पूरा प्रकरण केवल एक अवैध धर्मांतरण का मामला नहीं रह गया है, बल्कि यह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले संगठित अपराध की रूपरेखा बन चुका है। यूपी एटीएस, ईडी और अन्य एजेंसियां इस केस की तह तक जाकर हर उस कड़ी को जोड़ने की कोशिश कर रही हैं जो इस नेटवर्क को चलाने में शामिल रही है।

जल्द ही यह उम्मीद की जा रही है कि अपराधियों को कठोरतम सजा दिलाकर एक बड़ा उदाहरण प्रस्तुत किया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह के किसी षड्यंत्र की हिम्मत कोई न कर सके।

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