Sunday, July 20, 2025
spot_img

विकास में रोड़ा बने अफसरों पर डीएम रविंद्र कुमार का वार, बोले – “मैं करता हूं कलम की मार”

आजमगढ़ के डीएम रविंद्र कुमार के कार्यकाल में जिले की रैंकिंग और कार्यप्रणाली में दिख रहा बदलाव। विकास कार्यों में बाधा डालने वाले अधिकारियों पर सख्त रुख अपनाते हुए डीएम ने दी कड़ी चेतावनी।

जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट

आजमगढ़ जनपद में प्रशासनिक सुधारों और विकास की रफ्तार को नई दिशा देने में जुटे जिलाधिकारी रविंद्र कुमार एक बार फिर चर्चा में हैं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि “मैं हाथ का नहीं, कलम का वार करता हूं। जो भी अधिकारी विकास कार्यों में बाधक बन रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

दरअसल, जबसे आईएएस अधिकारी रविंद्र कुमार ने आजमगढ़ के डीएम के रूप में कार्यभार संभाला है, तबसे जिले की ग्रेडिंग और रैंकिंग में निरंतर सुधार देखने को मिला है।

मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर भी जनपद का प्रदर्शन पहले से बेहतर हुआ है। यही वजह है कि आम जनता के बीच यह बात तेजी से फैल रही है कि आजमगढ़ को एक कर्मठ और ज़मीनी डीएम मिला है, जो वास्तव में बदलाव ला रहे हैं।

Read  वक्फ कानून बना विवाद का कारण: मुर्शिदाबाद में हिंसा, राजा भैया बोले- "बिल तो बहाना है, मकसद काफ़िरों को मिटाना है"

कड़ी मेहनत और सतर्क निगरानी का असर

रविंद्र कुमार ने अपने कार्यकाल की शुरुआत में ही पारंपरिक कार्यशैली को दरकिनार करते हुए गाँव-गाँव का दौरा शुरू किया। उन्होंने न केवल वास्तविक स्थितियों को देखा, बल्कि कई महत्वपूर्ण खामियों की पहचान कर तत्काल सुधार भी शुरू कर दिया। इसके साथ ही वर्षों से एक ही स्थान पर जमे कई राजस्वकर्मियों के तबादले भी किए, जिससे प्रशासनिक निष्पक्षता और जवाबदेही की भावना को बल मिला।

कुछ अफसरों को रास नहीं आ रही पारदर्शिता

हालांकि, सुधार की यह लहर कुछ विभागीय अधिकारियों को रास नहीं आ रही। वे अब डीएम की छवि को धूमिल करने की कोशिशों में जुटे हैं। रविंद्र कुमार ने इस संदर्भ में सख्त लहजे में कहा कि “जब किसी का काम नहीं होता, तो वे आरोप लगाना शुरू कर देते हैं। यही इस ज़माने की विडंबना है।”

[ays_poll id=’32’]

पूर्व डीएम और रविंद्र कुमार में स्पष्ट अंतर

गौरतलब है कि पूर्व में आए कई जिलाधिकारियों ने फाइलों तक ही सीमित रहकर शासन किया। कुछ तो अपने वातानुकूलित दफ्तरों से बाहर निकलने में भी हिचकिचाते थे। इसके विपरीत रविंद्र कुमार ने फील्ड में जाकर स्वयं निगरानी की परंपरा शुरू की है। इसी का नतीजा है कि जिले में अब पारदर्शिता, जवाबदेही और जनता के साथ प्रत्यक्ष संवाद को प्राथमिकता दी जा रही है।

Read  आजमगढ़ में सनसनीखेज वारदात: खेत में हिस्सा न देने पर बेटे ने पिता को मारा चाकू

स्पष्ट संदेश: विकास में बाधा नहीं सहेंगे

डीएम रविंद्र कुमार का यह साफ संदेश है कि जो भी अधिकारी या कर्मचारी जिले के विकास में अड़चन डालेंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उनका उद्देश्य केवल और केवल जनता को बेहतर सुविधाएं और सुशासन देना है।

आजमगढ़ जैसे बड़े और संवेदनशील जिले में अगर डीएम ईमानदारी से सुधार लाने की कोशिश कर रहे हैं, तो यह पूरे प्रदेश के लिए एक सकारात्मक संकेत है। जनता की अपेक्षाएं अब और भी बढ़ गई हैं, और रविंद्र कुमार उन उम्मीदों पर खरे उतरने के प्रयास में लगे हैं।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
22,400SubscribersSubscribe

विधवा की पुकार: “मुझे मेरी ज़मीन लौटा दो” — दबंगों से त्रस्त महिला न्याय के लिए दर-दर भटक रही

चित्रकूट के मानिकपुर की विधवा महिला न्याय के लिए गुहार लगा रही है। दबंगों द्वारा ज़मीन कब्जाने की कोशिश, फसल कटवाने का आरोप और...

हर बार वही शिकायत! तो किस काम के अधिकारी?” – SDM ने लगाई फटकार

चित्रकूट के मानिकपुर तहसील सभागार में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में उपजिलाधिकारी मो. जसीम ने अधिकारियों को दो टूक कहा—"जनशिकायतों का शीघ्र समाधान करें,...
- Advertisement -spot_img
spot_img

“मैं नालायक ही सही, पर संघर्ष की दास्तां अनसुनी क्यों?” — रायबरेली की आलोचना से आहत हुए मंत्री दिनेश प्रताप सिंह का भावुक पत्र

 रायबरेली की राजनीति में हलचल! उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने फेसबुक पोस्ट के ज़रिए आलोचकों को दिया करारा जवाब। संघर्षों और उपलब्धियों को...

सड़क पर ही मिला सबक! सरेबाज़ार युवती ने उतारी चप्पल, पीट-पीटकर किया हलाकान

उन्नाव के शुक्लागंज बाजार में छेड़छाड़ से तंग आकर युवती ने युवक को चप्पलों और थप्पड़ों से पीटा। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर...