Monday, July 21, 2025
spot_img

शिक्षा पथ पर चली थीं… मौत ने बीच रास्ते से बुला लिया : तीन शिक्षकों की दर्दनाक मौत, शिक्षा जगत में शोक की लहर

उन्नाव में 15 अप्रैल की सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो महिला शिक्षक और एक कार चालक शामिल हैं। एक अन्य शिक्षिका की हालत गंभीर है। पूरा शिक्षा समाज शोकाकुल है और सहयोग के लिए एकजुट हो गया है।

15 अप्रैल की सुबह, उन्नाव जिले के लिए एक काला अध्याय बनकर आई। यह दिन बेसिक शिक्षा विभाग के परिवार के लिए अत्यंत दुखद और पीड़ादायक साबित हुआ। दरअसल, सफीपुर क्षेत्र की तीन महिला शिक्षिकाएं—अंजुला (जमालनगर), आकांक्षा (न्यामतपुर), और ऋचा अग्निहोत्री—प्रातःकाल विद्यालय के लिए निकली थीं, तभी उनकी कार एक भीषण सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई।

दुर्घटना स्थल पर ही टूटी सांसें

इस हृदयविदारक हादसे में अंजुला और आकांक्षा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि वाहन चालक विशाल को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दूसरी ओर, शिक्षिका ऋचा अग्निहोत्री गंभीर रूप से घायल हैं और कानपुर के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज जारी है। उनकी हालत नाजुक बनी हुई है, और वे जीवन की जंग लड़ रही हैं।

इसे भी पढें  मनरेगा बनी मजाक! गांवों में नहीं मिल रहा काम, मजदूर कर रहे पलायन

शिक्षा जगत में पसरा मातम

जैसे-जैसे इस हादसे की खबर फैली, पूरे उन्नाव के शिक्षक समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई। घटनास्थल और अस्पताल पर तत्काल बीएसए उन्नाव संगीता सिंह, विभिन्न बीईओ, शिक्षक संगठन प्रतिनिधि और कर्मचारी पहुंच गए। बीएसए ने इस घटना को शिक्षा जगत के लिए “अपूरणीय क्षति” बताया।

सामूहिक संवेदना और सहयोग की भावना

बेसिक शिक्षा कार्यालय, उन्नाव में दो मिनट का मौन रखा गया। इस दौरान प्रमुख रूप से बीईओ मुख्यालय, प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष विवेक तिवारी, वरिष्ठ क्लर्क रामबाबू, उदयवीर सिंह, एसआरजी रचना सिंह, सुमित, आशीष सहित सैकड़ों शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित रहे।

गांव स्तर पर भी श्रद्धांजलि सभाएं

रामपुर गढ़ौवा न्यायपंचायत, औरास में संकुल मीटिंग के दौरान लगभग 55 शिक्षकों ने मौन धारण कर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसमें डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा, लक्ष्मी यादव, धर्मेंद्र सिंह, विद्या सागर, शाहे खुबा, संतोष, गगनदीप, अकील मोहम्मद जैसे शिक्षक उपस्थित रहे।

शिक्षक संगठनों की एकजुटता

इसे भी पढें  दामाद की ललकार... दोस्त की गोली... सास की जान चली गई – आजमगढ़ कांड से सनसनी

अंततः, सभी प्रमुख शिक्षक संगठन इस दुखद समय में पीड़ित परिवारों के साथ खड़े नजर आए। प्रतिनिधियों में संजीव संखवार, अनुपम मिश्र, भरत चित्रांशी, अखिलेश शुक्ल, कृष्ण शंकर मिश्र, संजय कन्नौजिया और राम जन्म सिंह जैसे नेताओं ने शोक व्यक्त करते हुए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

इस त्रासदी ने न सिर्फ तीन परिवारों को उजाड़ा, बल्कि शिक्षा जगत को भी गहरे शोक में डुबो दिया है। परंतु इस दुख की घड़ी में शिक्षक समुदाय की एकजुटता और सहयोग भावना एक मिसाल बनकर उभरी है।

➡️ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
22,400SubscribersSubscribe

ममता और मासूमियत का ऐसा दुखद अंत… रात एक ही साथ सोए और सुबह साथ उठी दो अर्थियाँ

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में बरसात की रात दर्दनाक हादसा—शुक्ल छपरा गांव में एक ही खाट पर सो रहे दादी-पोते की सांप के...

राजपूत क्षत्रिय समाज में केंद्रीय युवा मंडल का गठन, बिलासपुर के प्रांशु क्षत्रिय को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी

राजपूत क्षत्रिय महासभा छत्तीसगढ़ द्वारा रायपुर में केंद्रीय युवा मंडल का गठन किया गया। बिलासपुर के प्रांशु क्षत्रिय को केंद्रीय युवा उपाध्यक्ष नियुक्त किया...
- Advertisement -spot_img
spot_img

“दंगा कराने के लिए परेशान है समाजवादी पार्टी, अखिलेश यादव का बिगड़ रहा मानसिक संतुलन” — ओमप्रकाश राजभर का बड़ा हमला

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी पर प्रदेश में दंगा कराने की साजिश का आरोप लगाया। अखिलेश यादव पर मानसिक...

नाम की राजनीति पर भड़की जनता—हरदोई को चाहिए सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य… संस्कार नहीं

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले का नाम बदलकर "प्रह्लाद नगरी" करने के प्रस्ताव ने राजनीतिक और सामाजिक बहस को जन्म दे दिया है। जानिए...