Sunday, July 20, 2025
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इस गाँव में ना कानून काम आया, ना पुलिस – हिंदू बोले, अब गांव छोड़ना ही होगा

आजमगढ़ के मुबारकपुर स्थित बम्हौर गांव में हिंदू परिवारों ने अपने घरों पर ‘हमारा घर बिकाऊ है’ के पोस्टर लगा दिए। जानिए 3 जून को हुई घटना, छेड़खानी, वीडियो बनाने और मारपीट के आरोपों के पीछे की पूरी सच्चाई।

जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट

आजमगढ़। बम्हौर गांव की सांप्रदायिक झड़प ने पकड़ा तूल, आजमगढ़ जिले के मुबारकपुर थाना क्षेत्र स्थित बम्हौर गांव इन दिनों चर्चा में है। वजह है— गांव में रहने वाले 40 हिंदू परिवारों द्वारा अपने घरों पर लगाए गए ‘हमारा घर बिकाऊ है’ के पोस्टर। इन पोस्टरों के पीछे सिर्फ संपत्ति का सौदा नहीं, बल्कि गहरे सामाजिक और सांप्रदायिक तनाव की कहानी छिपी है।

3 जून: एक शादी और बवाल की शुरुआत

मामला 3 जून की शाम का है। गांव के निवासी बरखू कन्नौजिया के बेटे राकेश कन्नौजिया की शादी थी। गांव में खुशी का माहौल था। महिलाएं व युवतियां डीजे के साथ कुआं पूजन के लिए घर से करीब 500 मीटर दूर जा रही थीं। तभी कुछ दूसरे समुदाय के युवक, जिनमें अबुजैद, रहमान, वकार, वसीम, जुबैद, आलिम आदि शामिल थे, वहां पहुंच गए और लड़कियों के डांस करते हुए वीडियो बनाने लगे।

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विरोध करने पर मारपीट, महिलाएं और बच्चे घायल

परिजनों ने जब इसका विरोध किया तो युवक वीडियो बनाना नहीं माने और उल्टे बदसलूकी करने लगे। थोड़ी ही देर में बात इतनी बढ़ गई कि मारपीट शुरू हो गई। इस घटना में संजना (17), रंजना (19), अंगेश (22), संदीप (27), रितेश (20), गोविंदा (25) और अनीता देवी (40) घायल हो गईं। सभी को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

तनाव इतना बढ़ा कि PAC तैनात करनी पड़ी

घटना के बाद गांव में जबरदस्त तनाव फैल गया। पुलिस को PAC बल तैनात करना पड़ा। पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया कि गांव में हिंदुओं की आबादी बहुत कम है और इसी कारण उन्हें बार-बार निशाना बनाया जाता है।

बेटियां घर से बाहर भी सुरक्षित नहीं हैं”

पीड़िता अनीता देवी ने बताया, “घर की बेटियां डांस कर रही थीं, वो उनके वीडियो बना रहे थे। जब मना किया गया, तो उल्टा मारपीट पर उतर आए। अब तो हालात ऐसे हो गए हैं कि हम घर बेचकर कहीं और शिफ्ट होने की सोच रहे हैं।”

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बहादुर कन्नौजिया बोले- “हमारी आबादी कम, इसलिए टारगेट किया जाता है”

स्थानीय निवासी बहादुर कन्नौजिया ने कहा, “हमारी संख्या गांव में बेहद कम है। चारों ओर मुस्लिम आबादी है। अक्सर धमकी और बदसलूकी होती है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। पुलिस भी हमारी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेती।”

मुस्लिम पक्ष की सफाई: “DJ की आवाज तेज थी, इसलिए कहा था बंद करने को”

जब पत्रकारों ने गांव के मुस्लिम परिवारों से बात करने की कोशिश की, तो अधिकतर ने दरवाजे बंद कर लिए। कुछ लोगों ने ऑफ रिकॉर्ड कहा कि कुएं पर DJ बज रहा था, जिससे बीमार परिजन की तबीयत और बिगड़ने लगी। इसी वजह से DJ बंद करने की बात कही गई, लेकिन कन्नौजिया परिवार लाठी लेकर आ गया और मारपीट शुरू कर दी।

पुलिस की कार्यवाही: 5 आरोपी गिरफ्तार, CO कर रहे जांच

पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए छेड़खानी, मारपीट, बलवा, धमकी और SC-ST एक्ट के तहत केस दर्ज किया। 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। CO सदर इस मामले की जांच स्वयं कर रहे हैं।

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सामाजिक तनाव की जड़ें गहरी

बम्हौर गांव की जनसंख्या संरचना भी इस विवाद की जड़ में है। लगभग 500 मुस्लिम घरों के बीच केवल 40 हिंदू परिवार बसे हैं। दलित और OBC हिंदू परिवार गांव के बीचों-बीच रहते हैं, चारों ओर मुस्लिम बहुल आबादी है।

क्या यह महज एक स्थानीय विवाद था?

हालांकि मुस्लिम पक्ष इसे सामान्य विवाद बताने की कोशिश कर रहा है, लेकिन लगातार छेड़खानी, वीडियो बनाना, धमकी और मारपीट जैसी घटनाएं कुछ बड़ा संकेत देती हैं। हिंदू परिवारों का ‘घर बिकाऊ है’ जैसा कदम उठाना सिर्फ डर या गुस्से का नहीं, बल्कि सुरक्षा और सम्मान की लड़ाई का प्रतीक बन गया है।

यदि आपको इस घटना पर कोई टिप्पणी करनी है या अपने विचार साझा करना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट सेक्शन में जरूर लिखें। साथ ही ऐसी रिपोर्टों के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ।

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