Monday, July 21, 2025
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सपा के गढ़ में “दफ्तर” पर संकट! प्रशासन ने भेजी रिपोर्ट, खाली होगा सरकारी बंगला?

मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के ज़िला कार्यालय को लेकर बड़ा फैसला, प्रशासन ने 1994 में आवंटित सरकारी बंगला खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की। जानिए पूरी खबर।

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले को लंबे समय से समाजवादी पार्टी का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है। यहां की पाँच में से तीन विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है और मुरादाबाद लोकसभा सीट से भी पार्टी का सांसद है। बावजूद इसके, अब पार्टी के ज़िला कार्यालय से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है, जो राजनीतिक हलचलों को नया मोड़ दे सकती है।

1994 में मिला था सरकारी बंगला, अब वापसी की तैयारी

दरअसल, वर्ष 1994 में तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा समाजवादी पार्टी को मुरादाबाद के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के चक्कर की मिलक इलाके में एक सरकारी बंगला आवंटित किया गया था। तब से पार्टी का ज़िला कार्यालय उसी भवन में संचालित हो रहा है। अब, मुरादाबाद मंडल आयुक्त ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखते हुए उक्त बंगले को खाली कराने की सिफारिश की है।

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नगर आयुक्त की रिपोर्ट ने बढ़ाई पार्टी की चिंता

इसके पीछे की वजह है नगर आयुक्त मुरादाबाद, दिव्यांशु पटेल की एक रिपोर्ट, जिसे 27 मार्च 2025 को कमिश्नर को भेजा गया था। इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया कि उस सरकारी भूमि की अब किसी महत्वपूर्ण योजना में आवश्यकता है। अतः पूर्व में समाजवादी पार्टी को दिया गया आवंटन निरस्त कर दिया जाए।

सपा जिला अध्यक्ष बोले – ‘नहीं मिली कोई नोटिस

जब इस मसले पर समाजवादी पार्टी के मुरादाबाद ज़िला अध्यक्ष जयवीर यादव से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अभी तक पार्टी को कोई कानूनी नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है और उन्हें मीडिया के माध्यम से ही इस विषय की जानकारी हुई है।

पार्टी दफ्तर की जमीन की कीमत करोड़ों में

गौरतलब है कि मुरादाबाद में किसी भी अन्य राजनीतिक दल को इस प्रकार का कोई सरकारी बंगला कार्यालय के लिए आवंटित नहीं किया गया है। भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस समेत कुल 86 राजनीतिक दलों ने अपने कार्यालय निजी फंड या चंदे से बनाए हैं। ऐसे में समाजवादी पार्टी इकलौती पार्टी है, जिसे सरकारी बंगले में दफ्तर की सुविधा मिली थी। खास बात यह है कि यह कार्यालय शहर के पॉश इलाके में स्थित है और उसकी जमीन की कीमत करोड़ों रुपये आंकी जा रही है।

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अगला कदम: जल्द खाली कराई जा सकती है कोठी

अब प्रशासन इस सरकारी बंगले को वापस लेने की दिशा में सक्रिय हो चुका है। संभव है कि जल्द ही अगला कानूनी कदम उठाया जाए और समाजवादी पार्टी को उक्त भवन खाली करना पड़े।

इस पूरी घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। मुरादाबाद जैसे सियासी रूप से संवेदनशील जिले में समाजवादी पार्टी को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं पर अब सवाल उठने लगे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इसका क्या जवाब देती है और प्रशासन इस पर आगे क्या कार्रवाई करता है।

➡️ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

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