आजमगढ़ में विश्वकर्मा एकीकरण अभियान का 23वां स्थापना दिवस बड़े उत्साह से मनाया गया। कार्यक्रम में सामाजिक एकता, शिक्षा और राजनीतिक भागीदारी को लेकर कई महत्वपूर्ण वक्तव्य हुए।
जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़। हरीऔध कला केंद्र सभागार, विकास भवन के निकट, आजमगढ़ में विश्वकर्मा एकीकरण अभियान का 23वां स्थापना दिवस बड़े हर्षोल्लास और गरिमामयी माहौल में मनाया गया। इस अवसर पर समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े गणमान्य अतिथियों ने भाग लिया और समाज की एकता, सामाजिक न्याय और भागीदारी पर विचार रखे।
भगवान विश्वकर्मा के चित्र पर दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान विश्वकर्मा के चित्र पर दीप प्रज्वलन, माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर किया गया। इस क्रम में समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. वृंद कुमार शर्मा ने समाज के उत्थान में एकता की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा,
“भगवान विश्वकर्मा के पंच वंशजों को आगामी जातीय जनगणना में एकजुट होकर सहभागिता निभानी चाहिए। यही अभियान की सफलता की कुंजी है।”
उन्होंने आगे कहा कि पूर्व आईएएस श्री जे. एन. विश्वकर्मा की अनुपस्थिति के बावजूद उन्होंने उन्हें प्रतिनिधित्व का मौका देकर विशेष सम्मान दिया है, इसके लिए वह उनके आभारी हैं।
समरस्ता व सामाजिक भागीदारी की दिशा में कदम बढ़ाने का आह्वान
विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश संयोजक एवं महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव मोहन शिल्पकार ने अपने ओजपूर्ण संबोधन मेंराष्ट्री
“हमें एकजुट होकर नेक बनना है। राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक हिस्सेदारी सुनिश्चित करना ही हमारी असली उन्नति है।”
उनका यह कथन उपस्थित जनसमूह में विशेष उत्साह का संचार करता नजर आया।
सामाजिक चिंतन और एकजुटता पर वक्ताओं के विचार
इस मौके पर मौजूद अन्य गणमान्य अतिथियों ने भी सामाजिक एकता, शिक्षा और राजनीतिक भागीदारी के महत्व को रेखांकित किया। जिन प्रमुख वक्ताओं ने विचार रखे, उनमें शामिल रहे:
अनिल विश्वकर्मा (जेलर), भारत लाल विश्वकर्मा, राजेश कुमार राय (शिक्षक नेता), इंजीनियर विनोद कुमार शर्मा, डॉ. राजेश कुमार विश्वकर्मा (उच्च न्यायालय अधिवक्ता, इलाहाबाद), माया देवी ठठेरा (प्रदेश अध्यक्षा, महासभा)।
इन सभी ने एक स्वर में विश्वकर्मा समाज की एकजुटता और शिक्षा के प्रति सजगता को अभियान की रीढ़ बताया।
मुख्य अतिथियों का अभिनंदन और आयोजन की गरिमा
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों को भगवान विश्वकर्मा एवं डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्रों के साथ अंगवस्त्र और माला पहनाकर भव्य सम्मान दिया गया। इस आयोजन की अध्यक्षता श्री रमाकांत ठठेरा, प्रदेश अध्यक्ष महासभा ने की, जबकि संचालन का दायित्व संभाला मंडल प्रभारी बेचू विश्वकर्मा ने।
हजारों की भागीदारी बनी आयोजन की विशेषता
इस विशेष अवसर पर बड़ी संख्या में पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे। प्रमुख नामों में शामिल हैं:
डॉ. वीकेनदर विश्वकर्मा, डॉ. अखिलेश विश्वकर्मा, उमेश विश्वकर्मा, अवधेश ठठेरा, वासुदेव ठठेरा, डॉ. पीके विश्वकर्मा, डॉ. केदार, रजनीश विश्वकर्मा, मोनू विश्वकर्मा स्टार, शिवनारायण कटेरा उर्फ मुन्ना, श्रीमती मुन्नी यादव, सुलेखा यादव, सुनीता विश्वकर्मा, पुष्पा गौतम, कविता सरोज, पूजा सरोज, कंचन विश्वकर्मा, संगीता गौतम।
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हजारों की संख्या में उपस्थित समाजजनों की भागीदारी ने इस कार्यक्रम को एक सफल सामाजिक आंदोलन का स्वरूप प्रदान किया।