Monday, July 21, 2025
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10 हजार में डॉक्टर, 2 हजार में पहचान! इमरान के फर्जीवाड़े का पूरा काला सच

गोरखपुर पुलिस ने अंगूठे के क्लोन और फर्जी डिग्री बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। दो आरोपी गिरफ्तार, छह पर केस दर्ज, गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की तैयारी।

संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पुलिस ने एक संगठित अपराध गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो फिंगरप्रिंट के क्लोन और फर्जी मार्कशीट तैयार करने के धंधे में शामिल था। इस कार्रवाई में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कुल छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अब बाकी चार फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है।

छापेमारी से हुआ खुलासा

दरअसल, कोतवाली पुलिस ने गोलघर चौक क्षेत्र में संचालित कुछ दुकानों पर छापेमारी की थी। इसी दौरान यह खुलासा हुआ कि एक गिरोह अत्याधुनिक तकनीक की मदद से फिंगरप्रिंट का क्लोन तैयार कर रहा है।

पुलिस ने गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों की पहचान श्याम बिहारी गुप्ता उर्फ गंगाराम बिछिया (निवासी शाहपुर) और इमरान खान (निवासी निचलौल, महाराजगंज) के रूप में की है। इनके पास से फिंगरप्रिंट क्लोनिंग मशीन, फोटोशॉप सॉफ्टवेयर से तैयार की गई फर्जी मार्कशीट, और फॉर्मेसी व स्नातक की डिग्रियां बरामद की गई हैं।

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क्लोनिंग की तकनीक और गिरोह का नेटवर्क

पूछताछ में श्याम बिहारी ने बताया कि ग्राहक के फिंगरप्रिंट को वह सादे कागज पर लेता था और फिर उसे संदीप नामक युवक (शाही मार्केट) को देता था, जो उसे स्कैन कर पेन ड्राइव में सेव करता। इसके बाद इमरान, ट्रेसिंग पेपर और पॉलीमर मशीन की मदद से क्लोन बनाता था। अंतिम रूप से इसे 3D प्रिंट करवा कर गणेश चौराहा स्थित दुकान में स्टांप में बदला जाता था।

मार्कशीट और डिग्री के रेट तय थे

वहीं, इमरान ने खुलासा किया कि वह फोटोशॉप के जरिए

फर्जी मार्कशीट तैयार करता था। मार्कशीट तैयार करने के लिए वह 10,000 से 15,000 रुपये तक वसूलता था, जबकि फिंगरप्रिंट क्लोनिंग के लिए 700 से 2,000 रुपये लिए जाते थे।

चौंकाने वाली बात यह रही कि इमरान ने 100 रुपये में भी कुछ जान-पहचान वालों के लिए डिग्रियां बनाई थीं। पुलिस को उसके मोबाइल से मेघालय, झांसी और शिकोहाबाद विश्वविद्यालयों की फर्जी मार्कशीट, साथ ही BMS की डिग्रियां भी मिली हैं।

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अन्य आरोपी और आगे की कार्रवाई

इस गिरोह के अन्य सदस्यों में संदीप, ओमप्रकाश पंडित (कोतवाली क्षेत्र) और तबरेज व जयंत शामिल हैं, जिनकी तलाश जारी है। पुलिस के अनुसार, तबरेज आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दस्तावेज उपलब्ध कराता था, जिन्हें इमरान फोटोशॉप से तैयार करता था।

कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर अंगूठे का क्लोन बनाने का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। क्षेत्राधिकारी ओंकार दत्त तिवारी ने जानकारी दी कि इस गिरोह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी और पूरा गैंग चार्ट वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भेजा जा चुका है।

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