Sunday, July 20, 2025
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इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ क्यों रखा गया और क्या है इसके पीछे की भावनात्मक कहानी

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले का करारा जवाब देते हुए PoK में आतंकी ठिकानों पर सटीक कार्रवाई की। जानिए इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ क्यों रखा गया और इसके पीछे की भावनात्मक कहानी।

अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में भारतीय सुरक्षाबलों के कई जवान शहीद हो गए, जिनमें से अधिकांश नवविवाहित थे। किसी की शादी को कुछ ही हफ्ते हुए थे, तो किसी के हाथों की मेंहदी भी नहीं सूखी थी। इस हमले ने न केवल जवानों की जान ली, बल्कि कई महिलाओं की मांग का सिंदूर भी उजाड़ दिया।

ऑपरेशन सिंदूर’ क्यों है खास?

भारतीय सेना ने इस हमले का करारा जवाब देने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। यह केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि उन शहीदों की वीरांगनाओं को समर्पित एक संदेश है कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

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भारतीय संस्कृति में सिंदूर केवल श्रृंगार नहीं, बल्कि यह विश्वास, समर्पण और जीवनभर के साथ का प्रतीक है। जब आतंकियों ने इन महिलाओं से उनके जीवनसाथी छीन लिए, तब यह नाम अपने आप में एक जवाब बन गया — एक ऐसा जवाब जो संवेदना और संकल्प दोनों को दर्शाता है।

ऑपरेशन के पीछे प्रधानमंत्री की विशेष भूमिका

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुझाया। उन्होंने न केवल इस ऑपरेशन की योजना और क्रियान्वयन पर करीबी नजर रखी, बल्कि इसका नाम भी इतने भावनात्मक अर्थ के साथ तय किया।

पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि यह ऑपरेशन सिर्फ बदला नहीं, बल्कि न्याय है — उन मासूमों के लिए जिनकी जिंदगी आतंकवाद ने तबाह कर दी।

आतंकी ठिकानों पर करारा प्रहार

इस जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के अंदर घुसकर लश्कर-ए-तैयबा के 9 से ज्यादा आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस एयरस्ट्राइक में 70 से अधिक आतंकियों और उनके कमांडरों को मार गिराया गया है। यह भारत की ओर से आतंक के खिलाफ सबसे निर्णायक और सटीक कार्रवाई मानी जा रही है।

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जनता का आक्रोश बना सेना की ताकत

पहलगाम हमले के बाद पूरे देश में गुस्सा और आक्रोश देखने को मिला। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक, हर जगह एक ही सवाल था – “कब मिलेगा जवाब?” और अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ उसी आक्रोश का प्रतीक बन गया है।

इस ऑपरेशन ने न केवल आतंकियों को उनके किए की सजा दी, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि भारत अब हर नापाक हरकत का जवाब उसी भाषा में देगा।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक संवेदनात्मक और रणनीतिक जवाब है। यह उन बहादुर वीरांगनाओं की आंखों से निकले आंसुओं का बदला है, जिन्होंने अपने सुहाग को खोया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा — बल्कि हर वार का करारा जवाब देगा।

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