Monday, July 21, 2025
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मऊ में संपन्न हुई लिंग संवेदीकरण बैठक, जिलाधिकारी ने की भ्रूण हत्या रोकने की अपील

मऊ। पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के अंतर्गत जनपद मऊ में लिंग संवेदीकरण को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राहुल सिंह समेत जिले के सभी अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालक उपस्थित रहे।

बैठक की शुरुआत करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जहां देश का औसत लिंगानुपात 940 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष है, वहीं उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा 912 तक सिमटा हुआ है। हालांकि, जनपद मऊ का वर्तमान लिंगानुपात 979 प्रति 1000 है, जो अपेक्षाकृत बेहतर है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंकड़ा 987 और शहरी क्षेत्रों में 951 है। लेकिन चिंता की बात यह है कि बच्चों में लिंगानुपात 926 तक गिर गया है, जो आने वाले समय के लिए गंभीर संकेत है।

इस संदर्भ में जिलाधिकारी श्री मिश्र ने कहा,

“लिंग परीक्षण न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह मानवीय संवेदना के भी विपरीत है।”

उन्होंने सभी अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालकों से अपील की कि वे समाज में जागरूकता फैलाएं और किसी भी परिस्थिति में लिंग परीक्षण जैसी अमानवीय गतिविधियों से स्वयं को दूर रखें।

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उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जैसे-जैसे अल्ट्रासाउंड मशीनों की उपलब्धता बढ़ी है, वैसे-वैसे कई क्षेत्रों में लिंगानुपात में गिरावट देखी गई है। इसका सीधा संकेत है कि तकनीकी संसाधनों का दुरुपयोग सामाजिक असंतुलन को जन्म दे रहा है।

इसके अतिरिक्त, जिलाधिकारी ने कहा,

“आप सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि लिंग परीक्षण करवाने की मांग करने वालों को न केवल मना करें, बल्कि उन्हें इसके दुष्परिणामों से भी अवगत कराएं। यदि समय रहते सजग नहीं हुए तो सामाजिक और नैतिक गिरावट के गहरे दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं।”

बैठक के दौरान पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 के प्रावधानों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इस कानून के उल्लंघन पर लाइसेंस रद्द होने के साथ-साथ जेल और जुर्माने का भी प्रावधान है। अंत में उन्होंने सभी अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालकों से आग्रह किया कि वे भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध को रोकने में प्रशासन का सहयोग करें और लिंगानुपात को संतुलित बनाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

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इस बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डिप्टी सीएमओ, सीएमएस सहित जिले के समस्त अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालक उपस्थित रहे और सभी ने इस विषय पर सकारात्मक सहयोग देने का आश्वासन दिया।

➡️जगदम्बा उपाध्याय की रिपोर्ट

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