Sunday, July 20, 2025
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तीन नाम, एक हैवान : 55 साल की बीवी के बाद 20 प्रेमिकाएं! नौशाद का फर्जीवाड़ा देख दंग रह गई पुलिस

मुजफ्फरनगर का नौशाद त्यागी फर्जी पुलिसवाला बनकर चार राज्यों की 20 महिलाओं को अपने जाल में फंसा चुका था। उसके मोबाइल से मिलीं अश्लील तस्वीरें और वीडियो ने खोली उसकी गुनाहों की किताब। जानिए पूरी कहानी।

ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

मुजफ्फरनगर का रहने वाला 32 वर्षीय नौशाद त्यागी बीते तीन वर्षों से वर्दी की आड़ में एक ऐसा खेल खेल रहा था, जिसने पुलिस महकमे से लेकर आम जनता तक को चौंका दिया। कभी वह ‘राहुल त्यागी’ बन जाता, कभी ‘रिक्की त्यागी’, और कभी अपने असली नाम ‘नौशाद त्यागी’ से भी लोगों को भ्रमित करता। असली पहचान छुपाकर वह पुलिस कॉन्स्टेबल बन जाने का नाटक करता और सोशल मीडिया से लेकर बाजार तक, ऐसी महिलाओं की तलाश करता जो अकेली थीं—या तो विधवा, या पति से अलग रह रही।

कैसे मिला वर्दी वाला हथियार?

इस पूरी धोखाधड़ी की जड़ें सम्भल में हैं, जहां नौशाद अपने एक पुलिस कॉन्स्टेबल दोस्त के साथ रह रहा था। 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान जब वह दोस्त मध्यप्रदेश चुनाव ड्यूटी पर गया, तो गलती से अपनी वर्दी सहित बैग वहीं छोड़ गया। नौशाद ने इस मौके को सुनहरे अवसर की तरह इस्तेमाल किया। दोस्त से झूठ बोलकर वर्दी ले ली और लौट आया मुजफ्फरनगर—जहां उसने ‘खाकी’ का खेल शुरू कर दिया।

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वर्दी में छिपा शैतान: नए-नए नाम, नए-नए चेहरे

नौशाद ने तीन अलग-अलग नामों की नेमप्लेट बनवा रखी थीं—‘राहुल त्यागी’, ‘रिक्की त्यागी’ और ‘नौशाद त्यागी’। वह जिस महिला से मिलता, उसी के धार्मिक या सामाजिक बैकग्राउंड के अनुसार अपना नाम तय करता। अगर महिला हिंदू होती, तो वह ‘राहुल’ या ‘रिक्की’ बन जाता, और मुस्लिम महिलाओं के सामने ‘नौशाद’।

यह चालबाज़ी यहीं नहीं रुकी। वर्दी की मदद से वह न सिर्फ महिलाओं को फंसाता, बल्कि उनके साथ शारीरिक संबंध बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करता। पुलिस जांच में खुद उसने यह स्वीकार किया है कि वह अब तक लगभग 20 महिलाओं को अपने प्रेमजाल में फंसा चुका है, जिनमें से कम से कम 10 के साथ उसके शारीरिक संबंध थे।

मथुरा से मेघालय तक फैला अपराध का जाल

नौशाद का अपराध केवल एक जिले या राज्य तक सीमित नहीं रहा। मथुरा, सम्भल, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, दिल्ली, असम और मेघालय तक उसने अपना जाल फैलाया।

वह टारगेट करता था ऐसी महिलाओं को जो भावनात्मक रूप से कमजोर हों। उनका भरोसा जीतता, उनसे प्रेम का नाटक करता और फिर धोखे से उनके पैसों और गहनों पर हाथ साफ करता। कुछ मामलों में तो उसने पीड़िताओं से लाखों रुपये और कीमती गहने भी ठग लिए।

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अपराध की परतें तब खुलीं जब…

नौशाद की पोल खुली एक विधवा महिला की सतर्कता से। महिला से वह ‘राहुल त्यागी’ बनकर मिला और धीरे-धीरे उसके विश्वास में आ गया। फिर शादी का झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाए और लगभग 2.75 लाख रुपये नकद व लगभग 3 लाख रुपये के गहने ठग लिए।

जब महिला को शक हुआ कि नौशाद शादी के नाम पर बातों को टाल रहा है, तो उसने हिम्मत दिखाई और सीधे पुलिस के पास पहुंच गई।

फिर क्या हुआ?

1 जुलाई को मुजफ्फरनगर पुलिस ने नौशाद को गिरफ्तार कर लिया। उसके मोबाइल फोन से कई महिलाओं के आपत्तिजनक फोटो और वीडियो मिले, जो उसके अपराधों के पक्के सबूत थे।

उसके कब्जे से वह वर्दी भी बरामद की गई, जिसकी आड़ में वह ये सब अंजाम दे रहा था।

दो निकाह, लेकिन वासना की कोई सीमा नहीं

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि नौशाद के दो निकाह हो चुके हैं। पहली पत्नी उससे 23 साल बड़ी है और चरथावल इलाके में रहती है। दूसरी पत्नी सिविल लाइंस, मुजफ्फरनगर में रहती है। इसके बावजूद वह लगातार नई महिलाओं को फंसाने में लगा हुआ था।

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कानून के शिकंजे में अब शातिर अपराधी

फिलहाल नौशाद पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस उसके आपराधिक इतिहास की गहराई से जांच कर रही है, क्योंकि यह अंदेशा है कि उसके शिकार की संख्या और भी अधिक हो सकती है।

यह मामला एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसने वर्दी की आड़ में न केवल महिलाओं का शोषण किया, बल्कि समाज और पुलिस की छवि को भी गहरा नुकसान पहुंचाया। इस घटना ने फिर एक बार यह साबित किया है कि फर्जी पहचान और वर्दी के दम पर धोखाधड़ी करने वालों से सतर्क रहना कितना जरूरी है।

पुलिस की तत्परता और पीड़िता की हिम्मत ने इस शातिर अपराधी के खेल को खत्म कर दिया, लेकिन यह कहानी समाज को चेतावनी भी देती है—कि हर वर्दीधारी पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।

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