Sunday, July 20, 2025
spot_img

यमुना-केन का उफान, स्कूली बच्चों की जान पर आफत! प्रशासनिक वादों में डूबा जनजीवन

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में यमुना और केन नदियों के उफान से दर्जनों गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है।

संतोष कुमार सोनी के साथ सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट

खप्टिहा कला और अमारा जैसे गांवों में सड़कों पर पानी भर जाने से स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर असुरक्षित नावों से स्कूल जा रहे हैं। प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को सक्रिय करते हुए राहत कार्य तेज किए हैं।

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में इस समय हालात गंभीर होते जा रहे हैं। यमुना और केन नदियों के लगातार बढ़ते जलस्तर ने दर्जनों गांवों को बुरी तरह प्रभावित किया है। विशेषकर खप्टिहा कला और अमारा गांवों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, जहां संपर्क मार्ग पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं। सड़कों पर पानी इतना भर चुका है कि अब वहाँ छोटी नदियों जैसी धाराएं बहती नजर आ रही हैं।

बच्चों की सुरक्षा पर संकट

इधर, स्कूलों के खुलते ही छात्र और उनके अभिभावक परेशान हैं। सड़कें बंद होने के कारण स्कूली बच्चों को स्कूल पहुँचने के लिए स्थानीय स्तर पर तैयार की गई जुगाड़ू नावों का सहारा लेना पड़ रहा है। ये नावें लकड़ी, टिन और थर्माकोल जैसी अस्थायी सामग्रियों से बनी हैं, जो अत्यंत असुरक्षित हैं।

Read  उत्तर प्रदेश में बिजली दरों पर महाभारत! क्या 30% बढ़ेगा बिल या मिलेगी 45% तक राहत?

कई अभिभावकों ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि यदि जल्द कोई ठोस वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई, तो वे आगामी चुनावों का बहिष्कार करेंगे। उनके अनुसार, प्रशासन केवल आश्वासन दे रहा है लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया।

प्रशासन सक्रिय, लेकिन चुनौतियाँ बरकरार

हालांकि स्थिति बिगड़ती देख प्रशासन हरकत में आया है। जिलाधिकारी जे. रिभा ने बताया कि मध्य प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में भारी वर्षा होने से यमुना और केन नदियों में पानी का स्तर तेजी से बढ़ा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हालांकि दोनों मुख्य नदियाँ अभी खतरे के निशान से नीचे हैं, लेकिन इनकी सहायक नदी चंद्रावल का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिससे स्थानीय स्तर पर बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।

प्रभावित इलाकों में PWD विभाग के सहयोग से स्टीमर सेवा शुरू करने की योजना पर काम हो रहा है। साथ ही प्रशासनिक निगरानी में सरकारी नावों की तैनाती की भी तैयारी की जा रही है ताकि बच्चों और आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

Read  ब्रजेश पाठक के DNA पर आपत्तिजनक टिप्पणी! सपा नेताओं को भेजा गया कानूनी नोटिस, 15 दिन में माफी नहीं तो मुकदमा तय

47 बाढ़ चौकियाँ सक्रिय, अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश

जिले की सभी 47 बाढ़ चौकियाँ सक्रिय कर दी गई हैं, और लेखपालों, ग्राम सचिवों व एसडीएम को अलर्ट मोड पर रखा गया है। प्रशासन की ओर से लोगों से बाढ़ग्रस्त इलाकों में अनावश्यक आवागमन न करने और वाहनों का उपयोग टालने की अपील की गई है।

जहां एक ओर प्राकृतिक आपदा का यह रूप ग्रामीण जनता की दैनिक जिंदगी को प्रभावित कर रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन की तत्परता राहत की उम्मीद भी जगा रही है। ज़रूरत इस बात की है कि राहत कार्य तेज़ी से लागू किए जाएँ और स्थायी समाधान की ओर भी कदम बढ़ाए जाएँ ताकि भविष्य में ऐसी स्थितियों से बेहतर ढंग से निपटा जा सके।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
22,400SubscribersSubscribe

विधवा की पुकार: “मुझे मेरी ज़मीन लौटा दो” — दबंगों से त्रस्त महिला न्याय के लिए दर-दर भटक रही

चित्रकूट के मानिकपुर की विधवा महिला न्याय के लिए गुहार लगा रही है। दबंगों द्वारा ज़मीन कब्जाने की कोशिश, फसल कटवाने का आरोप और...

हर बार वही शिकायत! तो किस काम के अधिकारी?” – SDM ने लगाई फटकार

चित्रकूट के मानिकपुर तहसील सभागार में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में उपजिलाधिकारी मो. जसीम ने अधिकारियों को दो टूक कहा—"जनशिकायतों का शीघ्र समाधान करें,...
- Advertisement -spot_img
spot_img

“मैं नालायक ही सही, पर संघर्ष की दास्तां अनसुनी क्यों?” — रायबरेली की आलोचना से आहत हुए मंत्री दिनेश प्रताप सिंह का भावुक पत्र

 रायबरेली की राजनीति में हलचल! उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने फेसबुक पोस्ट के ज़रिए आलोचकों को दिया करारा जवाब। संघर्षों और उपलब्धियों को...

सड़क पर ही मिला सबक! सरेबाज़ार युवती ने उतारी चप्पल, पीट-पीटकर किया हलाकान

उन्नाव के शुक्लागंज बाजार में छेड़छाड़ से तंग आकर युवती ने युवक को चप्पलों और थप्पड़ों से पीटा। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर...