चित्रकूट के मानिकपुर में दबंग भू-माफिया द्वारा ग्राम सभा की ज़मीन पर अवैध विद्यालय निर्माण, खेती और प्लाटिंग का बड़ा मामला सामने आया है। सवाल यह है कि प्रशासन कब करेगा कार्रवाई?
संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट, जिले में भू-माफियाओं का आतंक दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। मानिकपुर तहसील मुख्यालय पर एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां खुद को वरिष्ठ अधिवक्ता बताने वाला दबंग राजकुमार पाल ग्राम सभा की बंजर ज़मीन पर न सिर्फ अवैध विद्यालय चला रहा है, बल्कि खुलेआम खेती और प्लाटिंग कर करोड़ों की जमीनें बेच रहा है। इससे न केवल शिक्षा व्यवस्था की गरिमा को ठेस पहुंच रही है, बल्कि प्रशासन की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है।
विद्यालय के नाम पर कब्ज़ा, असली ज़मीन पर खेती
दरअसल, महावीर नगर में स्थित बासुदेव इंटर कॉलेज का निर्माण खाता संख्या 322 के गाटा संख्या 423/7 पर किया गया है, जो कि ग्राम सभा की बंजर जमीन है। यही नहीं, जिस जमीन पर वास्तव में विद्यालय प्रस्तावित था—खाता संख्या 51, गाटा संख्या 423/1—वहां आज भी खेती की जा रही है। यह सीधा-सीधा सरकारी नियमों की अनदेखी और भ्रष्टाचार का जीवंत उदाहरण है।
प्लाटिंग और अवैध बिक्री—ज़मीनों का खुलेआम सौदा
इसी इंटर कॉलेज के आसपास की ग्राम सभा की ज़मीनों पर दबंग राजकुमार पाल ने मनमाने ढंग से प्लाटिंग कर दी है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इन प्लॉट्स को धड़ल्ले से बेचा जा रहा है, बिना किसी वैध दस्तावेज के। यह एक सुनियोजित ज़मीन कब्ज़ा घोटाले का हिस्सा लगता है, जिसमें सत्ता, रसूख और दबंगई तीनों का मेल है।
तालाब पर भी कब्ज़ा, बेदखली आदेश को किया दरकिनार
सिर्फ विद्यालय ही नहीं, राजकुमार पाल ने गाटा संख्या 525 में स्थित प्रकाश तालाब पर भी कब्ज़ा कर लिया है। तालाब की भूमि पर 40×60 फीट की बाउंड्री वॉल बनाकर अपना मकान खड़ा कर लिया गया है। दिलचस्प बात यह है कि इसी गाटा नंबर पर अन्य लोगों—धनंजय कोल/मेवालाल—को बेदखली का आदेश है, लेकिन राजकुमार पाल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
राजनीतिक संरक्षण ने खोली सारी राहें
बताया जा रहा है कि राजकुमार पाल के संबंध पूर्व कैबिनेट मंत्री दद्दू प्रसाद से बेहद घनिष्ठ रहे हैं। इसी रिश्ते के चलते बासुदेव इंटर कॉलेज के नाम पर विधायक निधि से 44 लाख रुपए की राशि जारी की गई थी। विद्यालय का जो निर्माण हुआ है, वह महज़ दिखावा है—बाकी धनराशि की बंदरबांट की गई है।
विद्यालय या विवाह स्थल?—शिक्षा की अवमानना
बासुदेव इंटर कॉलेज अब नाम मात्र का विद्यालय बनकर रह गया है। रिपोर्ट के अनुसार, यहां अब बच्चों की पढ़ाई के बजाय शादी समारोहों की बुकिंग होती है। विद्यालय परिसर में साफ-सफाई और सुरक्षा का अभाव है। सर्प, बिच्छू जैसे जहरीले जीवों का निकलना आम हो गया है, जिससे बच्चों की जान को खतरा बना रहता है।
अब बड़ा सवाल यही है कि
- क्या राजकुमार पाल जैसे भू-माफिया सत्ता के संरक्षण में कानून से ऊपर हो चुके हैं?
- कब होगी सार्वजनिक ज़मीनें कब्ज़ा मुक्त?
- कब होगी विधायक निधि के दुरुपयोग की जांच?
स्थानीय जनता और जागरूक नागरिकों का मानना है कि यदि प्रशासन अब भी आंखें मूंदे बैठा रहा तो भविष्य में यह भू-माफिया और भी बड़े स्तर पर सरकारी संपत्तियों को लील जाएंगे।
यह मामला न सिर्फ भ्रष्टाचार का, बल्कि शिक्षा व्यवस्था और सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा की नाकामी का प्रतीक है। यदि प्रशासन ने शीघ्रता से इस पर कठोर कार्रवाई नहीं की, तो यह उदाहरण अन्य माफियाओं को भी खुलेआम गैरकानूनी काम करने के लिए प्रेरित करेगा।