उत्तर प्रदेश में जेडीयू और सपा के बीच तनाव गहराया। जेडीयू उपाध्यक्ष शालिनी सिंह पटेल ने सपा नेताओं पर दबंगई और कार्यकर्ताओं के शोषण का आरोप लगाया। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।
सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट
बांदा। उत्तर प्रदेश की राजनीति में बयानबाज़ी और टकराव एक बार फिर सुर्खियों में है। जनता दल यूनाइटेड (JDU) की प्रदेश उपाध्यक्ष शालिनी सिंह पटेल ने समाजवादी पार्टी (सपा) के जनप्रतिनिधियों पर सीधा हमला बोलते हुए कहा है कि अगर कोई सपा कार्यकर्ता जेडीयू में शामिल होता है, तो उसे मानसिक या राजनीतिक प्रताड़ना का सामना नहीं करना चाहिए। उन्होंने दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है—”अगर शोषण हुआ, तो मैं चुप नहीं बैठूंगी।”
कार्यकर्ताओं पर दबाव के खिलाफ जेडीयू आक्रामक
शालिनी सिंह पटेल ने एक तीखा पत्र जारी करते हुए कहा कि अगर बार-बार कार्यकर्ताओं को काम करने से रोका जाएगा, दबाव डाला जाएगा या उनके मनोबल को तोड़ने की कोशिश की जाएगी, तो जनता दल यूनाइटेड लोकतांत्रिक तरीके से आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार है। उनके अनुसार, यह केवल सियासी संघर्ष नहीं, बल्कि जनता के अधिकार और न्याय की लड़ाई होगी।
“क्या जनप्रतिनिधि जनसेवक होना भूल गए हैं?”
पत्र में शालिनी पटेल ने गहन सवाल उठाया—
“क्या आज के जनप्रतिनिधि जनसेवक की भूमिका भूल गए हैं? क्या वे अब सत्ता और संसाधनों के बल पर जनता को डराने और कुचलने का प्रयास कर रहे हैं?”
यह बयान सपा के भीतर हो रहे सत्ता प्रदर्शन पर एक सीधा कटाक्ष माना जा रहा है।
“तारीख तय करिए, ताकत भी देख लीजिए”
सबसे ज़ोरदार टिप्पणी तब आई जब उन्होंने सपा को सीधी चुनौती देते हुए कहा—
“अगर शक्ति प्रदर्शन ही करना है, तो तारीख तय करिए। एक ओर आप होंगे अपने पद और राजनीतिक तंत्र के साथ, और दूसरी ओर होगी जनता, जो संविधान, अधिकार और न्याय के साथ खड़ी है।”
इस चुनौती को प्रदेश की राजनीति में एक बड़े सियासी संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
सत्ता के अहंकार को बताया जन अस्वीकृति का कारण
शालिनी पटेल ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी नेताओं की दबंगई, तानाशाही और कार्यशैली ही उनकी पार्टी की लोकप्रियता में गिरावट का सबसे बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि जब जनप्रतिनिधि लोकतंत्र की मर्यादा को तोड़ते हैं और दमन का रास्ता अपनाते हैं, तो लोकतंत्र की जड़ें कमजोर होती हैं।
जेडीयू की चेतावनी – लोकतंत्र और जनहित के लिए संघर्ष होगा
अपने पत्र के अंतिम हिस्से में उन्होंने स्पष्ट किया कि जनता दल यूनाइटेड संविधान, लोकतंत्र और जनहित की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष को तैयार है।
“हम डरने वाले नहीं हैं, और न ही पीछे हटने वाले। जनता की आवाज़ को दबाने का कोई प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,” उन्होंने यह भी जोड़ा।