✅कुशीनगर पुलिस ने अंतर्राष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया, नेपाल-चीन कनेक्शन सामने आया। मास्टरमाइंड रंजीत यादव गिरफ्तार, 5 करोड़ की संपत्ति जब्त। जानिए पूरा मामला।
चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद में पुलिस ने एक ऐसे अंतर्राष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसका जाल नेपाल और चीन तक फैला हुआ है। तकनीक के सहारे रातों-रात अरबपति बनने का सपना देखने वाले इस गिरोह के 4 सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से लगभग 5 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति बरामद की गई है, जिसमें लग्जरी गाड़ियां, सोने-चांदी के जेवरात, नकदी, और करोड़ों की जमीन शामिल है।
कैसे काम करता था गिरोह?
दरअसल, यह गिरोह भोली-भाली जनता के नाम पर फर्जी बैंक खाते खुलवाता था और फिर उन खातों को एविएटर और चाइनीज 900 जैसे गेमिंग ऐप्स से जुड़े विदेशी नेटवर्क को बेच देता था। इसके बदले उन्हें मोटा मुनाफा मिलता था। पुलिस जांच के मुताबिक, सिर्फ चार दिनों में करीब 2 करोड़ रुपए की आमदनी इस गिरोह को होती थी।
क्या-क्या बरामद हुआ?
गिरफ्तार आरोपियों के पास से बरामद सामग्री इस प्रकार है:
4 नेपाली सिम कार्ड, 27 भारतीय सिम कार्ड, 13 मोबाइल फोन (फर्जी खाताधारकों का डेटा भरा हुआ), फिंगर प्रिंट स्कैनर, डोंगल क्लोन, 2 लैपटॉप, पासपोर्ट, चेक बुक, पासबुक, नकदी और लग्जरी गाड़ियां जैसे स्कॉर्पियो, बलेनो, बुलेट, पल्सर।
गिरोह का मास्टरमाइंड कौन?
पुलिस के अनुसार, इस पूरे नेटवर्क का सरगना रंजीत उर्फ अविनाश यादव है, जो कुशीनगर के खड्डा थाना क्षेत्र के तर्कहां गांव का रहने वाला है। उसने साइबर ठगी से भारी संपत्ति अर्जित की थी। वह खुद को समाजवादी पार्टी का नेता बताकर प्रचार करता था और जिला पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था। इस खुलासे से यह भी साफ होता है कि साइबर अपराधी अब सिर्फ डिजिटल फ्रॉड तक सीमित नहीं हैं, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी अपनी पहुंच बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
पुलिस की बड़ी कामयाबी
खड्डा और कप्तानगंज थाना क्षेत्र में हुई इस संयुक्त कार्रवाई ने न सिर्फ एक अंतर्राष्ट्रीय साइबर गिरोह को खत्म किया है, बल्कि यह संदेश भी दिया है कि पुलिस अब हर डिजिटल अपराधी पर पैनी नजर रखे हुए है। आगे की जांच जारी है और पुलिस अन्य कड़ियों को जोड़ने में जुटी हुई है।