मशहूर शिक्षाविद् खान सर ने चुपचाप निकाह कर लिया है। 2 जून को पटना में रिसेप्शन हुआ, वहीं देवरिया स्थित उनके आलीशान घर में जल्द गृहलक्ष्मी के स्वागत की तैयारी है। पढ़ें पूरी खबर।
अर्जुन वर्मा की रिपोर्ट
बिहार के प्रसिद्ध शिक्षाविद् और युवाओं के प्रेरणास्त्रोत खान सर ने हाल ही में चुपचाप निकाह कर लिया है। इस खबर की पुष्टि खुद उन्होंने अपने कोचिंग क्लास के दौरान छात्रों से बातचीत में की। जैसे ही उन्होंने यह खबर साझा की, कक्षा तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी।
2 जून को पटना में हुआ रिसेप्शन, शामिल हुए कई प्रतिष्ठित मेहमान
खान सर ने 2 जून को पटना में एक भव्य रिसेप्शन का आयोजन किया, जिसमें कई नामचीन हस्तियां और उनके करीबी शामिल हुए। रिसेप्शन में पारिवारिक माहौल और उत्सव का रंग देखने को मिला।
देवरिया में है खान सर का पैतृक गांव, आलीशान घर बना चर्चा का विषय
खान सर का पैतृक गांव उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में स्थित है। भाटपाररानी नगर पंचायत के डोमडीह वार्ड नंबर एक में उन्होंने एक बेहद खूबसूरत और भव्य मकान बनवाया है। स्थानीय लोग इसे भाटपाररानी का सबसे सुंदर घर मानते हैं।
3 मई को हुआ गृह प्रवेश, गांव में दिया गया भव्य भोज
3 मई 2025 को उनके इस नए मकान में गृह प्रवेश हुआ, जिसके अवसर पर खान सर ने अपने पुराने मित्रों और आसपास के लोगों के लिए भव्य भोज का आयोजन किया। ग्रामीणों ने इस आयोजन को बड़े उत्साह से मनाया।
जल्द गांव आएंगी खान सर की बेगम, परिवार संग होगा स्वागत
सूत्रों के मुताबिक, खान सर जल्द ही अपनी बेगम ए.एस. खान के साथ अपने पैतृक गांव आने की योजना बना रहे हैं। संभव है कि पूरा परिवार इस अवसर पर उनके साथ गांव पहुंचे।
दोस्तों को है गर्व, बोले– ‘हमारे गांव का बेटा देश का सितारा बन गया’
खान सर के बचपन के दोस्तों का कहना है कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि उनका दोस्त आज देशभर में अपनी शिक्षा शैली से युवाओं के जीवन को दिशा दे रहा है। वे कहते हैं कि भाटपाररानी से निकलकर देशभर में पहचान बनाना आसान नहीं था, लेकिन खान सर ने यह कर दिखाया।
छात्रों के लिए पटना में 6 जून को होगी पार्टी
अपने छात्रों के लिए भी खान सर ने 6 जून को पटना में एक भव्य पार्टी का आयोजन किया है। यह पार्टी उनके उन विद्यार्थियों के लिए है, जिनके जीवन में उन्होंने सकारात्मक बदलाव लाया है।
खान सर की यह निजी उपलब्धि केवल एक शिक्षक की शादी नहीं, बल्कि उन हजारों युवाओं की खुशी है जो उन्हें अपना आदर्श मानते हैं। देवरिया से निकलकर देशभर में लोकप्रियता हासिल करना आसान नहीं था, मगर खान सर ने यह कारनामा अपनी मेहनत और समर्पण से किया।